पीलीभीतः उत्तर प्रदेश सरकार ने इस साल धान का समर्थन मूल्य 1940 रुपये प्रति कुंटल निर्धारित किया था. इसके बाद जिले में किसानों के धान खरीदने के लिए यूपीएसएस के 49 और पीसीयू के 47 सेंटर संचालित हो रहे थे. बीते दिनों किसान नेताओं ने धान खरीद के नाम पर फर्जीवाड़े की पोल खोल दी थी. जिसके बाद किसानों को समय से पेमेंट न देने का हवाला देकर पहले यूपीएसएस के जिले भर में संचालित 49 सेंट्रो को अग्रिम आदेशों तक बंद कर दिया गया था. अब पीसीयू द्वारा जिले भर में 47 सेंटरों को भी अग्रिम आदेशों तक बंद कर दिया गया है. अब इन सब मामलों को लेकर किसान नेता लामबंद नजर आ रहे हैं.
पीलीभीत के डिप्टी आरएमओ ज्ञान चंद्र वर्मा का कहना है कि पीसीयू और यूपीएसएस द्वारा संचालित क्रय केंद्रों पर भुगतान की समस्या का सामना करना पड़ रहा था, जिसके चलते इन सेंटरों को अग्रिम आदेशों तक बंद कर दिया गया है। किसानों को समय से भुगतान दिलाना हमारी प्राथमिकता है.
संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता गुरजाब सिंह ने पूरे मामले में आरोप लगाते हुए कहा कि जब विभाग खुद को फंसता देख रहा है, तो आनन-फानन में लीपापोती की कार्रवाई कर रहा है. उन्होंने कहा कि पहले यूपीएसएस और अब पीसीयू के सेंटर बंद कर दिए गए हैं, ताकि जांच के नाम पर मामले को दबाया जा सके. उन्होंने कहा कि जिले भर के किसानों के हाथ से धान जा चुका है. धान राइस मिल में रखा है.
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धान सेंट्रो पर धड़ल्ले से तोला जा रहा है और जिला प्रशासन इन सब मामलों में चुप्पी साधे बैठा है. क्योंकि अधिकतर सेंटर सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधियों के खास लोगों के ही हैं. खाद्य विभाग के अधिकारी सरकारी धन का बंदरबांट करने में जुटे हैं. गुरजाब सिंह कहा कि भारतीय किसान यूनियन व संयुक्त मोर्चा इस घोटाले का पर्दाफाश कराकर रहेगा और पूरे मामले की जांच कराई जाएगी.