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पीलीभीत: जिला श्रम प्रवर्तन कार्यालय के बाबू पर काम के बदले रिश्वत लेने का आरोप - पीलीभीत में घूसखोरी

यूपी के पीलीभीत में श्रम प्रवर्तन कार्यालय में तैनात एक बाबू पर धर्मेंद्र नाम के युवक ने घूस मांगने का आरोप लगया है. उसने आरोप लगाते हुए एक वीडियो के साथ जिलाधिकारी से मामले की शिकायत की है. आरोप है कि इस वीडियो में श्रम प्रवर्तन कार्यालय का चपरासी एक व्यक्ति से घूस ले रहा है.

जिला श्रम प्रवर्तन कार्यालय के अधिकारी मांगते हैं घूस
जिला श्रम प्रवर्तन कार्यालय के अधिकारी मांगते हैं घूस
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Published : Sep 30, 2020, 4:14 PM IST

पीलीभीत: जनपद में जिला श्रम प्रवर्तन कार्यालय भ्रष्टाचारियों का अड्डा बना हुआ है. श्रम प्रवर्तन कार्यालय में तैनात बाबू ही योगी सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं. आरोप है कि श्रम प्रवर्तन कार्यालय के अधिकारी फाइल बढ़ाने के नाम पर लोगों से रुपये की मांग करते हैं. ये रुपये विभाग के चपरासी इकट्ठा करते हैं. विभाग के चपरासी का पैसे लेते हुए का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

मामला जनपद पीलीभीत के जिला श्रम प्रवर्तन कार्यालय का है. यहां शिशु हित लाभ की योजना का संचालन होता है, जिसमें गरीब शिशु हित लाभ लेने के लिए जाते हैं. शिकायतकर्ता धर्मेंद्र कुमार ने यहां तैनात नदीम नाम के बाबू पर शिशु हितलाभ की पत्रावली को आगे बढ़ाने के लिए लोगों से 1000 रुपये मांगने का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं आरोप लगाते हुए उसने बताया कि यह रुपये उन्हीं के विभाग का चपरासी लोगों से वसूल करके उन्हें देता है.

धर्मेंद्र कुमार निवासी जहानाबाद ने बताया कि उसने जिला श्रम प्रवर्तन कार्यालय में शिशु हितलाभ की पत्रावली की सारी औपचारिकताएं पूरी करके कार्यालय में जमा की थी, जिसके बाद कार्यालय में तैनात बाबू नदीम ने धर्मेंद्र से 1000 रुपये लाल बिहारी चपरासी के पास जमा कर देने को कहा. इस पर धर्मेंद्र ने अपनी गरीबी का हवाला देते हुए रिश्वत के 1000 रुपये देने से मना कर दिया.

आरोप है कि धर्मेंद्र की पत्रावली निरस्त कर दी गई, जिस कारण उसे शिशु हित लाभ नहीं मिल पाया. इसके बाद धर्मेंद्र ने दोबारा पत्रावली जमा की. वह भी पैसे न देने पर निरस्त कर दी गई. इस पर शिकायतकर्ता धर्मेंद्र ने जिलाधिकारी पुलकित खरे से मिलकर इस मामले की शिकायत की और जिला श्रम प्रवर्तन कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार रिश्वतखोरी का एक वीडियो भी जिलाधिकारी को दिखाया.

पीलीभीत: जनपद में जिला श्रम प्रवर्तन कार्यालय भ्रष्टाचारियों का अड्डा बना हुआ है. श्रम प्रवर्तन कार्यालय में तैनात बाबू ही योगी सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं. आरोप है कि श्रम प्रवर्तन कार्यालय के अधिकारी फाइल बढ़ाने के नाम पर लोगों से रुपये की मांग करते हैं. ये रुपये विभाग के चपरासी इकट्ठा करते हैं. विभाग के चपरासी का पैसे लेते हुए का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

मामला जनपद पीलीभीत के जिला श्रम प्रवर्तन कार्यालय का है. यहां शिशु हित लाभ की योजना का संचालन होता है, जिसमें गरीब शिशु हित लाभ लेने के लिए जाते हैं. शिकायतकर्ता धर्मेंद्र कुमार ने यहां तैनात नदीम नाम के बाबू पर शिशु हितलाभ की पत्रावली को आगे बढ़ाने के लिए लोगों से 1000 रुपये मांगने का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं आरोप लगाते हुए उसने बताया कि यह रुपये उन्हीं के विभाग का चपरासी लोगों से वसूल करके उन्हें देता है.

धर्मेंद्र कुमार निवासी जहानाबाद ने बताया कि उसने जिला श्रम प्रवर्तन कार्यालय में शिशु हितलाभ की पत्रावली की सारी औपचारिकताएं पूरी करके कार्यालय में जमा की थी, जिसके बाद कार्यालय में तैनात बाबू नदीम ने धर्मेंद्र से 1000 रुपये लाल बिहारी चपरासी के पास जमा कर देने को कहा. इस पर धर्मेंद्र ने अपनी गरीबी का हवाला देते हुए रिश्वत के 1000 रुपये देने से मना कर दिया.

आरोप है कि धर्मेंद्र की पत्रावली निरस्त कर दी गई, जिस कारण उसे शिशु हित लाभ नहीं मिल पाया. इसके बाद धर्मेंद्र ने दोबारा पत्रावली जमा की. वह भी पैसे न देने पर निरस्त कर दी गई. इस पर शिकायतकर्ता धर्मेंद्र ने जिलाधिकारी पुलकित खरे से मिलकर इस मामले की शिकायत की और जिला श्रम प्रवर्तन कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार रिश्वतखोरी का एक वीडियो भी जिलाधिकारी को दिखाया.

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