पीलीभीत : जिले में कुछ साल पहले एक युवती के साथ गैंगरेप किया गया था. थाने में महीनों तक दौड़ने के बावजूद पुलिस आरोपियों पर मुकदमा नहीं दर्ज कर रही थी. कुछ दिन पहले पीड़िता ने एडीजी के ऑफिस में जाकर जहर खा लिया था. इसके बाद पुलिस ने सुनगढ़ी थाने में तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था. जिन पर मुकदमा दर्ज हुआ है, वे आरोपों काे बेबुनियाद बता रहे हैं. गुरुवार काे इसी परिवार की एक किशोरी ने जान देने की काेशिश की. पुलिस ने जिला अस्पताल में किशोरी काे भर्ती कराया है.
जिले के सुनगढ़ी इलाके की एक युवती ने गैंगरेप का आरोप लगाया था. पीड़िता ने पुलिस पर मुकदमा न दर्ज करने का आराेप लगाते हुए एडीजी के ऑफिस में जाकर जहर खा लिया था. इससे उसकी हालत बिगड़ गई थी. इसके बाद पुलिस ने सुनगढ़ी इलाके के सुरेंद्र सिंह समेत 3 लोगों पर गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कर लिया था. गुरुवार काे परिवार की एक किशोरी ने बताया कि उसे और उसके परिवार काे झूठे मुकदमे में फंसाया गया है. युवती ने पैसे की लालच में यह सब कराया. उसके जीजा काे पुलिस पकड़कर ले गई. महीनों से वे पुलिस अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं. इसके बावजूद सुनवाई नहीं हाे रही है. उसके पिता की उम्र 62 साल है. वह दिल के मरीज हैं, उन पर भी मुकदमा करा दिया गया है.
पुलिस ने जांच में लापरवाही बरती. किशोरी ने सुनगढ़ी थाने के सामने पहुंच कर जान लेने की काेशिश की. आनन-फानन में पुलिस कर्मियों ने छात्रा को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया. वहीं किशोरी की मां भी रेलवे ट्रैक पर बेहोश मिली. इससे पहले सोशल मीडिया पर मां-बेटी का वीडियो भी वायरल हुआ था. इसमें दोनों पुलिस पर झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाते हुए आत्महत्या की बात कह रहीं थीं. घटना के बाद जिले के आला अफसर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. थाना अध्यक्ष राजीव शर्मा का कहना है कि एक मुकदमे में नामजद किशोरी ने थाने के गेट के सामने हंगामा किया. उसे कुछ चोट लगी है. इलाज के लिए भेजा गया है.
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