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पीलीभीत: उच्च अधिकारियों के दबाव में 21 दिन बाद फर्जी शिक्षिका पर दर्ज हुआ मुकदमा

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Published : Aug 1, 2020, 9:56 PM IST

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एक फर्जी शिक्षिका के ऊपर 21 दिन बाद मुकदमा दर्ज हुआ. यह मुकदमा उच्च अधिकारियों के दबाव के बाद दर्ज कराया गया. फर्जी शिक्षिका का खुलासा 8 जुलाई को हुआ था.

case filed against fake teacher in pilibhit
पीलीभीत में फर्जी शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज.

पीलीभीत: जिले में आज से 21 दिन पूर्व 8 जुलाई को फर्जी शिक्षिका के मिलने का मामला सामने आया था. जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव के आदेश पर फर्जी शिक्षिका से लाखों रुपये की रिकवरी की गई थी. साथ ही उस पर एफआईआर के आदेश दिए गए थे, लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया था, जिस पर उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप से फर्जी शिक्षिका पर मुकदमा दर्ज कराया गया.

क्या है पूरा मामला
कुछ दिन पहले 8 जुलाई को जिले में फर्जी शिक्षिका के मिलने की जानकारी सामने आई थी. फर्जी शिक्षिका इंदु देवी ललौरी खेड़ा ब्लॉक के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में पिछले कई सालों से शारीरिक शिक्षा में पूर्णकालिक पद पर तैनात थी. इस फर्जी शिक्षिका ने अपने प्रमाण पत्रों में कूट रचित ढंग से अंकों में फेरबदल करके नौकरी पाई थी. सभी अध्यापकों के प्रमाण पत्रों में चल रही जांच में महिला शिक्षिका इंदु देवी के प्रमाण पत्रों में हेरा फेरी पाई गई, जिसकी जानकारी जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव को दी गई.

जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने 10 जुलाई को बीएसए देवेंद्र स्वरूप की संस्तुति पर महिला शिक्षिका की संविदा समाप्ति और 11 लाख रुपये की रिकवरी के साथ-साथ उस पर एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे. बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र स्वरूप ने खंड शिक्षा अधिकारी जीपी गौतम को फर्जी शिक्षिका पर एफआईआर कराने के आदेश दिए थे, लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी ने महिला पर मेहरबानी बरतते हुए मुकदमा दर्ज नहीं कराया.

ये भी पढ़ें: पीलीभीत:शिक्षा अधिकारी के स्टेनो कोरोना संक्रमित, BSA ऑफिस सील

फर्जी शिक्षिका पर मुकदमा दर्ज न कराने पर जीपी गौतम को नोटिस भी जारी किया गया था, जिसके बाद 21 दिनों के बाद फर्जी महिला शिक्षिका पर एफआईआर दर्ज हुई. मामले की जानकारी देते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र स्वरूप ने बताया कि फर्जी महिला शिक्षिका इंदु देवी पर खंड शिक्षा अधिकारी जीपी गौतम द्वारा मुकदमा दर्ज करा दिया गया है.

पीलीभीत: जिले में आज से 21 दिन पूर्व 8 जुलाई को फर्जी शिक्षिका के मिलने का मामला सामने आया था. जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव के आदेश पर फर्जी शिक्षिका से लाखों रुपये की रिकवरी की गई थी. साथ ही उस पर एफआईआर के आदेश दिए गए थे, लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया था, जिस पर उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप से फर्जी शिक्षिका पर मुकदमा दर्ज कराया गया.

क्या है पूरा मामला
कुछ दिन पहले 8 जुलाई को जिले में फर्जी शिक्षिका के मिलने की जानकारी सामने आई थी. फर्जी शिक्षिका इंदु देवी ललौरी खेड़ा ब्लॉक के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में पिछले कई सालों से शारीरिक शिक्षा में पूर्णकालिक पद पर तैनात थी. इस फर्जी शिक्षिका ने अपने प्रमाण पत्रों में कूट रचित ढंग से अंकों में फेरबदल करके नौकरी पाई थी. सभी अध्यापकों के प्रमाण पत्रों में चल रही जांच में महिला शिक्षिका इंदु देवी के प्रमाण पत्रों में हेरा फेरी पाई गई, जिसकी जानकारी जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव को दी गई.

जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने 10 जुलाई को बीएसए देवेंद्र स्वरूप की संस्तुति पर महिला शिक्षिका की संविदा समाप्ति और 11 लाख रुपये की रिकवरी के साथ-साथ उस पर एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे. बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र स्वरूप ने खंड शिक्षा अधिकारी जीपी गौतम को फर्जी शिक्षिका पर एफआईआर कराने के आदेश दिए थे, लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी ने महिला पर मेहरबानी बरतते हुए मुकदमा दर्ज नहीं कराया.

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फर्जी शिक्षिका पर मुकदमा दर्ज न कराने पर जीपी गौतम को नोटिस भी जारी किया गया था, जिसके बाद 21 दिनों के बाद फर्जी महिला शिक्षिका पर एफआईआर दर्ज हुई. मामले की जानकारी देते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र स्वरूप ने बताया कि फर्जी महिला शिक्षिका इंदु देवी पर खंड शिक्षा अधिकारी जीपी गौतम द्वारा मुकदमा दर्ज करा दिया गया है.

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