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साइबर ठग बोले तुम्हारे बंदी की तबीयत खराब है, झांसे में आकर वकील ने किया गूगल पे

पीलीभीत में एक नए तरीके से साइबर ठगों के धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. यहां साइबर ठगों ने जेल में बंद कैदी की तबीयत खराब होने का हवाला देकर उसके वकील से पैसे ऐंठ लिए. इस मामले में वकील ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

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Published : Sep 30, 2022, 3:38 PM IST

पीलीभीत: साइबर ठगों ने ठगी करने के लिए एक नया तरीका खोज निकाला है. ये साइबर ठग जेल में बंद कैदियों की तबीयत खराब होने या उन्हें चोट लगने का हवाला देकर उनके अधिवक्ताओं को फोन करते हैं. इसके बाद बंदी का इलाज कराने की बात कहकर उनसे पैसै की मांग करते हैं. धोखाधड़ी का शिकार हुए एक अधिवक्ता एसपी से इस मामले की शिकायत की है.

दरअसल, पीलीभीत के अधिवक्ता अंशुल गौरव सिंह के पास गुरुवार की देर शाम एक अज्ञात नंबर से कॉल आया. फोन पर बात कर रहे युवक ने खुद को पीलीभीत जिला कारागार का बंदी रक्षक बताया और कहा कि उनका एक बंदी धोखाधड़ी के मामले में जिला कारागार में बंद है. उसका पैर फिसल जाने पर उसे चोट लग गई है. पैर में फ्रैक्चर होने के साथ सिर में भी गंभीर चोट आई है. उसके इलाज के लिए खून की व्यवस्था करनी होगी.

इस दौरान बंदी रक्षक बने साइबर ठग ने व्हाट्सएप पर एक क्यूआर कोड भेजकर अधिवक्ता अंशुल गौरव से 3420 रुपए का पेमेंट करा लिया. बाद में जब अधिवक्ता ने पूरे मामले की जानकारी जिला कारागार के प्रभारी अधीक्षक संजय कुमार से जुटाई तो मामला फर्जी निकला. इसके बाद शुक्रवार को अधिवक्ता अंशुल गौरव ने एसपी कार्यालय पहुंचकर मामले की शिकायत की है.

अधिवक्ता अंशुल गौरव का कहना है कि उन्हें इस तरह के फोन पहले भी कई बार आ चुके हैं. लेकिन इस बार धोखाधड़ी में आकर मामला संवेदनशील लगने पर उन्होंने भुगतान कर दिया. मामले में एसपी दिनेश पी ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद साइबर सेल को जांच के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

पीलीभीत: साइबर ठगों ने ठगी करने के लिए एक नया तरीका खोज निकाला है. ये साइबर ठग जेल में बंद कैदियों की तबीयत खराब होने या उन्हें चोट लगने का हवाला देकर उनके अधिवक्ताओं को फोन करते हैं. इसके बाद बंदी का इलाज कराने की बात कहकर उनसे पैसै की मांग करते हैं. धोखाधड़ी का शिकार हुए एक अधिवक्ता एसपी से इस मामले की शिकायत की है.

दरअसल, पीलीभीत के अधिवक्ता अंशुल गौरव सिंह के पास गुरुवार की देर शाम एक अज्ञात नंबर से कॉल आया. फोन पर बात कर रहे युवक ने खुद को पीलीभीत जिला कारागार का बंदी रक्षक बताया और कहा कि उनका एक बंदी धोखाधड़ी के मामले में जिला कारागार में बंद है. उसका पैर फिसल जाने पर उसे चोट लग गई है. पैर में फ्रैक्चर होने के साथ सिर में भी गंभीर चोट आई है. उसके इलाज के लिए खून की व्यवस्था करनी होगी.

इस दौरान बंदी रक्षक बने साइबर ठग ने व्हाट्सएप पर एक क्यूआर कोड भेजकर अधिवक्ता अंशुल गौरव से 3420 रुपए का पेमेंट करा लिया. बाद में जब अधिवक्ता ने पूरे मामले की जानकारी जिला कारागार के प्रभारी अधीक्षक संजय कुमार से जुटाई तो मामला फर्जी निकला. इसके बाद शुक्रवार को अधिवक्ता अंशुल गौरव ने एसपी कार्यालय पहुंचकर मामले की शिकायत की है.

अधिवक्ता अंशुल गौरव का कहना है कि उन्हें इस तरह के फोन पहले भी कई बार आ चुके हैं. लेकिन इस बार धोखाधड़ी में आकर मामला संवेदनशील लगने पर उन्होंने भुगतान कर दिया. मामले में एसपी दिनेश पी ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद साइबर सेल को जांच के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

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