ETV Bharat / state

पीलीभीत सामूहिक हत्याकांड : 38 साल बाद अदालत ने सुनाया फैसला, जानें क्या था मामला - पीलीभीत न्यूज टुडे

etv bharat
पीलीभीत सामूहिक हत्याकांड
author img

By

Published : Apr 12, 2022, 2:06 PM IST

Updated : Apr 12, 2022, 2:33 PM IST

12:19 April 12

सामूहिक हत्याकांड के मामले में 38 साल बाद अदालत ने सुनाया फैसला

पीलीभीत: यूपी के पीलीभीत की सदर कोतवाली क्षेत्र में हुए चर्चित सामूहिक हत्याकांड के 38 साल बाद अदालत का फैसला आया है. इस मामले में अदालत ने 4 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. दरअसल सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला तखान में 24 अगस्त 1984 को एक सामूहिक हत्याकांड हुआ था. इसमें 4 लोगों को गला रेतकर मौत के घाट उतार दिया गया था. उसी दिन टीकम दास चंदवानी ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. 38 साल के लंबे इंतजार के बाद अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है.

टीकम दास चंदवानी द्वारा दर्ज करवाई गई रिपोर्ट के अनुसार, पत्नी गंगा देवी, 22 वर्षीय पुत्र प्रभूदास, 19 वर्षीय पुत्री पुष्पा देवी और 7 वर्षीय पुत्री रानू की घर में घुसे लुटेरों ने गला रेतकर हत्या कर दी और लाखों रुपये की नकदी व ज्वैलरी लेकर फरार हो गए. क्योंकि परिवार के लोग नीचे सोए हुए थे और वह छत पर लेटा हुआ था, इसलिए उसे जानकारी नहीं हो पाई. जब वह सुबह उठा तो देखा कि उसके परिवार की हत्या कर दी गई है. इसके बाद उसने पुलिस को इसकी सूचना दी और मुकदमा दर्ज करवाया. पुलिस को मुकदमे के वादी टीकमदास पर ही शक था, जिसके बाद पुलिस ने सख्ती की तो सच्चाई सामने आई.

पुलिस की जांच में पता चला कि टीकमदास अय्याश किस्म का शख्स था. उसके मित्र सदर कोतवाली क्षेत्र के डॉक्टर असरार साकिन ने उसे राय दी थी कि अगर उसकी पत्नी और बच्चे नहीं रहेंगे तो वह दूसरी शादी करा देगा. क्योंकि टीकमदास की पत्नी व बच्चे दिव्यांग थे. टीकम दास लालच में आ गया और एक साजिश रची. इसके तहत बरेली से 5 सुपारी किलर बुलाए गए और घटना वाली रात पांचों लोग स्टेशन चौराहे पर एक होटल में रुके और बाद में रात में आकर घटना को अंजाम दिया. इस घटना में टीकमदास व डॉ. असरार साकिब भी शामिल थे.

यह भी पढ़ें: यूपी का माफियाराज: गर्लफ्रेंड, महंगी गाड़ियों के शौकीन 'सुपारी किलर' की खूनी दास्तां

इस मामले में पुलिस ने 38 साल पहले चार्जशीट दाखिल की थी, लेकिन टीकमदास चंदवानी ने एक हाईकोर्ट में रिट डाल दी, जिसके चलते पीलीभीत की कोर्ट से मुकदमे की सारी पत्रावली इलाहाबाद हाईकोर्ट चली गई और मुकदमे में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. उधर, टीकमदास ऐश की जिंदगी गुजारने लगा. उसने दूसरी शादी कर ली और एक अच्छा बिजनेस भी कर लिया. अब कोर्ट की काफी पैरवी के बाद 3 साल पहले ही पत्रावली वापस आई और मुकदमे का फैसला आया है.

अपर सत्र न्यायाधीश पीलीभीत राजीव सिंह ने आरोपी हीरालाल टीकमदास, सुरेश और रमेश को उम्रकैद की सजा सुनाई है. रईस मियां, सुखपाल सिंह व डॉ. इसरार की मौत हो चुकी है. अदालत ने हीरालाल, सुरेश्, रमेश को जेल भेज दिया है. वहीं, टीकमदास हाजिर नहीं हुआ था जिसका गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है.

12:19 April 12

सामूहिक हत्याकांड के मामले में 38 साल बाद अदालत ने सुनाया फैसला

पीलीभीत: यूपी के पीलीभीत की सदर कोतवाली क्षेत्र में हुए चर्चित सामूहिक हत्याकांड के 38 साल बाद अदालत का फैसला आया है. इस मामले में अदालत ने 4 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. दरअसल सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला तखान में 24 अगस्त 1984 को एक सामूहिक हत्याकांड हुआ था. इसमें 4 लोगों को गला रेतकर मौत के घाट उतार दिया गया था. उसी दिन टीकम दास चंदवानी ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. 38 साल के लंबे इंतजार के बाद अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है.

टीकम दास चंदवानी द्वारा दर्ज करवाई गई रिपोर्ट के अनुसार, पत्नी गंगा देवी, 22 वर्षीय पुत्र प्रभूदास, 19 वर्षीय पुत्री पुष्पा देवी और 7 वर्षीय पुत्री रानू की घर में घुसे लुटेरों ने गला रेतकर हत्या कर दी और लाखों रुपये की नकदी व ज्वैलरी लेकर फरार हो गए. क्योंकि परिवार के लोग नीचे सोए हुए थे और वह छत पर लेटा हुआ था, इसलिए उसे जानकारी नहीं हो पाई. जब वह सुबह उठा तो देखा कि उसके परिवार की हत्या कर दी गई है. इसके बाद उसने पुलिस को इसकी सूचना दी और मुकदमा दर्ज करवाया. पुलिस को मुकदमे के वादी टीकमदास पर ही शक था, जिसके बाद पुलिस ने सख्ती की तो सच्चाई सामने आई.

पुलिस की जांच में पता चला कि टीकमदास अय्याश किस्म का शख्स था. उसके मित्र सदर कोतवाली क्षेत्र के डॉक्टर असरार साकिन ने उसे राय दी थी कि अगर उसकी पत्नी और बच्चे नहीं रहेंगे तो वह दूसरी शादी करा देगा. क्योंकि टीकमदास की पत्नी व बच्चे दिव्यांग थे. टीकम दास लालच में आ गया और एक साजिश रची. इसके तहत बरेली से 5 सुपारी किलर बुलाए गए और घटना वाली रात पांचों लोग स्टेशन चौराहे पर एक होटल में रुके और बाद में रात में आकर घटना को अंजाम दिया. इस घटना में टीकमदास व डॉ. असरार साकिब भी शामिल थे.

यह भी पढ़ें: यूपी का माफियाराज: गर्लफ्रेंड, महंगी गाड़ियों के शौकीन 'सुपारी किलर' की खूनी दास्तां

इस मामले में पुलिस ने 38 साल पहले चार्जशीट दाखिल की थी, लेकिन टीकमदास चंदवानी ने एक हाईकोर्ट में रिट डाल दी, जिसके चलते पीलीभीत की कोर्ट से मुकदमे की सारी पत्रावली इलाहाबाद हाईकोर्ट चली गई और मुकदमे में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. उधर, टीकमदास ऐश की जिंदगी गुजारने लगा. उसने दूसरी शादी कर ली और एक अच्छा बिजनेस भी कर लिया. अब कोर्ट की काफी पैरवी के बाद 3 साल पहले ही पत्रावली वापस आई और मुकदमे का फैसला आया है.

अपर सत्र न्यायाधीश पीलीभीत राजीव सिंह ने आरोपी हीरालाल टीकमदास, सुरेश और रमेश को उम्रकैद की सजा सुनाई है. रईस मियां, सुखपाल सिंह व डॉ. इसरार की मौत हो चुकी है. अदालत ने हीरालाल, सुरेश्, रमेश को जेल भेज दिया है. वहीं, टीकमदास हाजिर नहीं हुआ था जिसका गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है.

Last Updated : Apr 12, 2022, 2:33 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.