पीलीभीत: बीजेपी सांसद वरुण गांधी दो दिवसीय दौरे पर आज अपने लोकसभा क्षेत्र पीलीभीत पहुंचे. सांसद वरुण गांधी ने दौरे के दूसरे दिन रविवार को तमाम जनसभाओं को संबोधित किया. इस दौरान वरुण गांधी एक बार फिर लोन लेकर भागने वाले लोगों पर हमलावर होते हुए नजर आए. इसके साथ ही वरुण गांधी ने जनसभा के दौरान राजनीति के गिरते स्तर पर भी तंज कसा.
दरअसल, दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को वरुण गांधी पीलीभीत पहुंचे थे. दौरे के पहले दिन 91 कार्यों का वरुण गांधी ने शिलान्यास किया. इसके साथ ही वरुण गांधी ने मरौरी ब्लॉक के दर्जनों गांव में जनसभाओं को संबोधित कर राजनीति की गिरते स्तर पर चिंता जाहिर की थी. दौरे के दूसरे दिन रविवार को पीलीभीत के कलीनगर में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए वरुण गांधी ने कहा कि पहले देश में नेहरू, पटेल और गांधी जी जैसे राजनेता हुआ करते थे. उस दौर में हमारे देश के लोग नारा लगाते थे. हमारा नेता कैसा हो, पटेल, नेहरू जैसा हो. लेकिन, आज राजनीति में ऐसी स्थिति आ गई है, कि लोग तारों में रहते हैं. हमारा नेता कैसा हो, जिसके पास सबसे ज्यादा पैसा हो.
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हजारों करोड़ लेकर भागे नीरव मोदी ललित मोदी: वरुण गांधी ने कार्यक्रम के दौरान एक बार फिर बैंकिंग प्रणाली को कटघरे में खड़ा कर दिया. वरुण गांधी ने कहा कि जब आम आदमी एक या दो लाख का लोन लेने के लिए बैंक में जाता है, तो उसे कई चक्कर लगाने पड़ते हैं. इसके साथ ही चढ़ावा भी चढ़ाना पड़ता है. तब जाकर आम आदमी को लोन मिलता है. वरुण गांधी ने कहा वहीं, दूसरी तरफ देश में बड़े-बड़े उद्योगपतियों को हजारों करोड़ों का लोन बड़े आसानी से मिल जाता है. नीरव मोदी, ललित मोदी जैसे तमाम उद्योगपति हजारों करोड़ रुपये लेकर देश से भाग गए हैं. जबकि आम आदमी की एक किस्त भी टूट जाने पर उसके घर तक को नीलाम करने की नौबत आ जाती है.
राजनीति में लोग अपने स्वार्थ को करते हैं पूरा: वरुण गांधी ने कहा कि मैं सिद्धांतों की राजनीति करने के लिए आया हूं, समझौते की राजनीति मैं नहीं कर सकता. वरुण गांधी ने कहा कि हम उसी राजनीति का हिस्सा हैं, जिसमें हम अपनी चिंता ना करके राष्ट्र की चिंता करते हैं. राजनीति का स्तर इन दिनों लगातार गिरता जा रहा है. लोगों के मन में अविश्वास की भावना पैदा हो रही है. आज लोग यह सोचने लगे हैं कि राजनीति में जो लोग आते हैं, वह राष्ट्र निर्माण के लिए नहीं, बल्कि खुद के स्वार्थ को पूरा करने के लिए आते हैं. वरुण गांधी ने कहा कि मैं अक्सर नौजवान किसान और संविदा कर्मचारियों की आवाज उठाता हूं. हालांकि उन्हें कई मामलों में नुकसान का सामना भी करना पड़ता है. लेकिन, उन्हें अपने नुकसान की चिंता नहीं है. वरुण गांधी ने कहा कि मैं राष्ट्र के हर व्यक्ति की लड़ाई लड़ने के लिए राजनीति में आया हूं.
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