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'अग्निपथ' योजना पर वरुण गांधी ने उठाए सवाल, 4 साल बाद नौकरी न रहने पर युवा डिप्रेशन में आकर करेंगे आत्महत्या

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Published : Jun 16, 2022, 8:45 PM IST

एक दिवसीय दौरे पर पीलीभीत पहुंचे भाजपा सांसद वरुण गांधी ने 'अग्निपथ' योजना को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि 4 साल बाद नौकरी नहीं रहने के कारण डिप्रेशन में आकर युवा आत्महत्या करेंगे.

भाषण देते वरुण गांधी.
भाषण देते वरुण गांधी.

पीलीभीतः एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे भाजपा सांसद वरुण गांधी ने पूरनपुर के एक निजी बरात घर में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने 'अग्निपथ योजना' को लेकर एक बार फिर अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावती तेवर दिखाए. कार्यक्रम में वरुण गांधी ने जनता की शिकायतें सुनने के साथ-साथ तमाम मुद्दों पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया.

भाषण देते वरुण गांधी.
जनसभा को संबोधित करते हुए वरुण गांधी ने कहा कि 'मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने 10 लाख नई नौकरियां देने का ऐलान किया है. मैं चाहता हूं कि 10 लाख नई नौकरियां देने से पहले हमें एक करोड़ रिक्त पड़े सरकारी पदों पर भर्ती करनी चाहिए, जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके और करोड़ों परिवार अपने पैरों पर खड़े हो सकें.

वरुण गांधी ने अग्निपथ योजना को लेकर कहा कि 'मैं एक और बात से चिंतित हूं. हमारे देश में खींचातानी का माहौल चल रहा है. अगर लाखों लोगों को हमने फौजी बनाया. बंदूक चलानी सिखाई और योद्धा की मानसिकता देने के बाद उनको निराश किया तो कई लोग गुस्से में आकर एक दूसरे के ऊपर हथियार उठा सकते हैं. जिससे हिंसा फैल सकती है. उन्होंने आगे कहा कि 'आज हमारे देश में एक नई सोच की जरूरत है. जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति की आवाज नहीं सुनी जाए, तब तक देश में कोई कानून नहीं बनना चाहिए. हम लोग तुगलकी फरमान जारी नहीं कर सकते. हमें देश के लोगों की नब्ज पहले जानने होगी, उनकी भावनाओं के सम्मान और आदर के साथ ही कोई फैसला लेना चाहिए.

इसे भी पढ़ें-सांसद मनोज तिवारी बोले, अग्निपथ का विरोध वो कर रहे जो युवाओं के लिए रोजगार नहीं चाहते

सांसद वरुण गांधी ने कहा कि 'हम लोग भर्ती प्रणाली पर बहुत दिन से चलते हैं. 17 से लेकर 21 वर्ष तक के युवा की सेना में भर्ती होती है. मैं पूछना चाहता हूं, अगर कोई 22 साल का नौजवान है तो क्या उसकी जवानी चली गई है या उसकी जवानी देश के लिए काम की नहीं है.' सांसद वरुण गांधी ने कहा 'यह प्रश्न हर युवा को पूछना चाहिए.' उन्होंने आगे कहा कि 'किसी भी टीवी पर हिंदू मुस्लिम और नफरत गर्दी का माहौल देखा जा सकता है. अगर हम लोग इस माहौल में लाखों लोगों को 4 साल की नौकरी के बाद छोड़ देंगे तो सेना के शौर्य और फौजी की महत्वाकांक्षा पर फर्क पड़ेगा. 4 साल बाद वर्दी पहनने वाले युवा नौकरी न रहने के कारण डिप्रेशन में आ जाएंगे और गांव-गांव में आत्महत्या करेंगे.

पीलीभीतः एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे भाजपा सांसद वरुण गांधी ने पूरनपुर के एक निजी बरात घर में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने 'अग्निपथ योजना' को लेकर एक बार फिर अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावती तेवर दिखाए. कार्यक्रम में वरुण गांधी ने जनता की शिकायतें सुनने के साथ-साथ तमाम मुद्दों पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया.

भाषण देते वरुण गांधी.
जनसभा को संबोधित करते हुए वरुण गांधी ने कहा कि 'मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने 10 लाख नई नौकरियां देने का ऐलान किया है. मैं चाहता हूं कि 10 लाख नई नौकरियां देने से पहले हमें एक करोड़ रिक्त पड़े सरकारी पदों पर भर्ती करनी चाहिए, जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके और करोड़ों परिवार अपने पैरों पर खड़े हो सकें.

वरुण गांधी ने अग्निपथ योजना को लेकर कहा कि 'मैं एक और बात से चिंतित हूं. हमारे देश में खींचातानी का माहौल चल रहा है. अगर लाखों लोगों को हमने फौजी बनाया. बंदूक चलानी सिखाई और योद्धा की मानसिकता देने के बाद उनको निराश किया तो कई लोग गुस्से में आकर एक दूसरे के ऊपर हथियार उठा सकते हैं. जिससे हिंसा फैल सकती है. उन्होंने आगे कहा कि 'आज हमारे देश में एक नई सोच की जरूरत है. जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति की आवाज नहीं सुनी जाए, तब तक देश में कोई कानून नहीं बनना चाहिए. हम लोग तुगलकी फरमान जारी नहीं कर सकते. हमें देश के लोगों की नब्ज पहले जानने होगी, उनकी भावनाओं के सम्मान और आदर के साथ ही कोई फैसला लेना चाहिए.

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सांसद वरुण गांधी ने कहा कि 'हम लोग भर्ती प्रणाली पर बहुत दिन से चलते हैं. 17 से लेकर 21 वर्ष तक के युवा की सेना में भर्ती होती है. मैं पूछना चाहता हूं, अगर कोई 22 साल का नौजवान है तो क्या उसकी जवानी चली गई है या उसकी जवानी देश के लिए काम की नहीं है.' सांसद वरुण गांधी ने कहा 'यह प्रश्न हर युवा को पूछना चाहिए.' उन्होंने आगे कहा कि 'किसी भी टीवी पर हिंदू मुस्लिम और नफरत गर्दी का माहौल देखा जा सकता है. अगर हम लोग इस माहौल में लाखों लोगों को 4 साल की नौकरी के बाद छोड़ देंगे तो सेना के शौर्य और फौजी की महत्वाकांक्षा पर फर्क पड़ेगा. 4 साल बाद वर्दी पहनने वाले युवा नौकरी न रहने के कारण डिप्रेशन में आ जाएंगे और गांव-गांव में आत्महत्या करेंगे.

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