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पीलीभीत: मताधिकार के लिए बंगाली समाज के लोगों ने किया प्रदर्शन, SDM का किया घेराव

मंगलवार को नए जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव का बंगाली समाज के लोगों ने घेराव कर अपनी बात कही थी, लेकिन किसी भी तरह की कोई कार्रवाई न होने पर भड़के लोगों ने अब एसडीएम का घेराव किया है.

प्रदर्शन करते बंगाली समाज के लोग
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Published : Mar 9, 2019, 11:59 PM IST

पीलीभीत: अपने मताधिकार के लिए बंगाली समाज के लोगों ने पूरनपुर में नए जिलाधिकारी के बाद अब एसडीएम का घेराव करते हुए प्रदर्शन किया है. किसान यूनियन के लोग भी इनकेसमर्थन में प्रदर्शन करते दिखे.

मंगलवार को नए जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव का भी बंगाली समाज केलोगों ने घेराव कर अपनी बात कही थी, लेकिन किसी भी तरह की कोई कार्रवाई न होने पर भड़के लोगों ने अब एसडीएम का घेराव किया है.

जानकारी देते उपजिलाधिकारी इंद्रभान सिंह

1984 में इंदिरा गांधी ने बंगाल की खाड़ी से आये लोगों के 120 परिवार रमनगरा में और 275 परिवार लग्गभग्गा में बसाये गए थे. 31 अक्टूबर 1994 को लग्गभग्गा खाली करा दिया गया था. वहां से हटाए गए लोगों को मझोला, खटीमा में बसाया गया था. उस समय उत्तराखंड नहीं बना था.

जब उत्तराखंड का विभाजन हुआ तो यह 2325 परिवार के लोगों ने शारदा नदी के किनारे पूरनपुर तहसील के 11 गांवों में अपना आशियाना बनाया. आज तक इन परिवारों को नागरिकता नहीं दी गयी. न ही इनका मतदाता सूची में नाम रहता है. इसलिए इस समाज के लोग हमेशा चुनाव के समय अपनी नागरिकता और मतदान के लिए प्रदर्शन करते हैं.

पीलीभीत: अपने मताधिकार के लिए बंगाली समाज के लोगों ने पूरनपुर में नए जिलाधिकारी के बाद अब एसडीएम का घेराव करते हुए प्रदर्शन किया है. किसान यूनियन के लोग भी इनकेसमर्थन में प्रदर्शन करते दिखे.

मंगलवार को नए जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव का भी बंगाली समाज केलोगों ने घेराव कर अपनी बात कही थी, लेकिन किसी भी तरह की कोई कार्रवाई न होने पर भड़के लोगों ने अब एसडीएम का घेराव किया है.

जानकारी देते उपजिलाधिकारी इंद्रभान सिंह

1984 में इंदिरा गांधी ने बंगाल की खाड़ी से आये लोगों के 120 परिवार रमनगरा में और 275 परिवार लग्गभग्गा में बसाये गए थे. 31 अक्टूबर 1994 को लग्गभग्गा खाली करा दिया गया था. वहां से हटाए गए लोगों को मझोला, खटीमा में बसाया गया था. उस समय उत्तराखंड नहीं बना था.

जब उत्तराखंड का विभाजन हुआ तो यह 2325 परिवार के लोगों ने शारदा नदी के किनारे पूरनपुर तहसील के 11 गांवों में अपना आशियाना बनाया. आज तक इन परिवारों को नागरिकता नहीं दी गयी. न ही इनका मतदाता सूची में नाम रहता है. इसलिए इस समाज के लोग हमेशा चुनाव के समय अपनी नागरिकता और मतदान के लिए प्रदर्शन करते हैं.

Intro:अपने मताधिकार के लिए बंगला भाषी के लोगों ने पूरनपुर में नए जिलाधिकारी के बाद एसडीएम का घेराव करते हुए अपने प्रदर्शन किया। बंगाली समाज के साथ-साथ किसान यूनियन के लोग भी कर रहे बंग्ला भाषी लोगों के समर्थन में प्रदर्शन करते दिखे। आज से पहले मंगलवार को नए जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव का भी बांग्ला भाषी लोगों ने घेराव कर अपनी बात कही थी, लेकिन किसी भी तरह की कोई कार्यवाही न होने पर भड़के बंगलाभाषी लोगों ने एसड़ीएम का घेराव किया।




Body:आपको बतां दे 1984 में इंद्रा गाँधी ने बंगाल की खाड़ी से आये लोगों को बंगाल समाज के लोगों के 120 परिवार रमनगरा में ओर 275 परिवार लग्गभग्गा में बसाये गए थे, 31अक्टूबर 1994 को लग्गभग्गा खाली करा दिया गया था, वहां से हटाए गए लोगों को मझोला , खटीमा में वसाया गया था उस समय उत्तराखंड नही बनाया था, जब उत्तराखंड का विभाजन हुआ तो ये लोग शारदा नदी के किनारे पूरनपुर तहसील के 11 गांवों में 2325 परिवार ने अपना आशियाना बनाया

लेकिन आज तक इन परिवारों को नागरिकता नही दी गयी, ओर इसको लेकर न ही इनका मतदान सूची में नाम रहता है, इसलिए इस समाज के लोग हमेशा चुनाव के समय अपनी नागरिकता ओर मतदान के लिए प्रदर्शन करते आये हैं, आज किसान यूनियन के लोगों ने इनका प्रदर्शन अपने बैनर तले किया, ओर साथ ही इसको लेकर समाधान दिवस में आये नए जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव का बीते मंगलवार को बंगाली समाज के लोगों ने घेराव किया था और मतदान सूची में नाम न होने के कारण विरोध प्रदर्शन करते हुए अपनी समस्या के हल की मांग की थी, लेकिन आगे किसी भी तरह की कोई कार्यवाही न होने पर बंगाली समाज के लोगों के साथ किसान यूनियन के लोगों ने एसडीएम का घेराव किया


Conclusion:बाइट- उपजिलाधिकारी इन्द्रभान सिंह
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