मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के क्राइम कैपिटल के नाम से मशहूर मुजफ्फरनगर जनपद के चरथावल में जिला प्रशासन की टीम एक तालाब की जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए मंगलवार को गई थी. लेकिन, ग्रामीणों के विरोध के चलते टीम को खाली हाथ बिना बुलडोजर चलाए ही लौटना पड़ा. विरोध करने वालों में महिलाएं भी शामिल थीं.
मुजफ्फरनगर जनपद के चरथावल में तालाब की जमीन पर ग्रामीण मंदिर का निर्माण करा रहे थे. इसी को हटाने के लिए उच्चाधिकारियों के आदेश पर पुलिस व राजस्व टीम बुलडोजर लेकर पहुंची थी. वहां पर ग्रामीणों व महिलाओं ने विरोध शुरू कर दिया.
मुजफ्फरनगर के चरथावल कस्बे में तालाब की लगभग 17 बीघा भूमि है. इसमें ग्रामीणों अवैध रूप से कब्जा करके मंदिर निर्माण कराना शुरू कर दिया था. इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की गई थी. जांच में शिकायत सही पाए जाने पर तहसीलदार संजय सिंह, नायब तहसीलदार हरेंद्र पाल और कानूनगो प्रवीण गुप्ता पुलिस बल के साथ बुलडोजर लेकर मौके पर पहुंचे थे.
टीम ने अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने का प्रयास किया ही था कि सैकड़ों ग्रामीणों व महिलाओं ने विरोध कर दिया. महिलाओं ने आरोप लगाया कि चरथावल के सभी तालाबों की सैकड़ों बीघा जमीन पर अवैध कब्जे हैं. इसमें अनेक शिकायतों के बाद भी राजस्व टीम सोती रही और अब तक कब्जा नहीं हटवाया. महिलाओं ने कहा कि योगी सरकार में मंदिर निर्माण को कोई नहीं रोक सकता है.
वही इस मामले में अधिक जानकारी देते हुए तहसीलदार संजय सिंह ने बताया कि यह भूमि तालाब की है और किसी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं ली गई है. इस भूमि पर कराए जा रहे अवैध निर्माण को रुकवा दिया गया है.