मुजफ्फरनगर: केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह शुक्रवार को मुजफ्फरनगर के पशु मेले में पहुंचे. यहां उन्होंने शहर का नाम बदलने की वकालत कर दी. अपने बयान में उन्होंने यहां तक कह दिया कि वह यहां का नाम भी नहीं लेना चाहते है. यह धरती किसानों की राजधानी है और यह उचित नहीं कि वह इसका नाम भी बोलें. यहां का नाम बदल देना चाहिए. क्योंकि, अंग्रेजों से देश को आजाद होने के 75 वर्ष बाद भी यहां मुगलों की निशानी बाकी है.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह नुमाइश मैदान में चल रहे दो दिवसीय पशु प्रदर्शनी और कृषि मेले के समापन समारोह में पहुंचे थे. यहां उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह जिला किसानों की राजधानी है. लेकिन, वह इसका नाम लेना भी उचित नहीं समझते हैं. वे बोल भी नहीं सकते कि वह किस शहर में आए हैं. इस शहर का नाम बदल देना चाहिए. अच्छा नहीं लगता कि इस शहर का नाम लिया जाए और इस मंच पर वैज्ञानिक और महिलाएं भी मौजूद हैं, जो सम्मानीय हैं और किसानों के बगैर देश की कल्पना संभव नहीं है. जब किसानों की चर्चा करता हूं तो लाल बहादुर शास्त्री का नाम लिए बगैर नहीं रह सकता.
केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री को देश का कौन किसान याद करना नहीं चाहेगा. पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब लाल बहादुर शास्त्री का घर बन गया था. क्षेत्र के किसानों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री ने काफी कार्य किया. उन्होंने कहा कि 60 के दशक में जब लाल बहादुर शास्त्री अमेरिका गए तो तुरंत ही देश लौटने की बात कही थी.
वहीं गिरिराज ने विपक्षी पार्टियों को कहा कि 2014 में भी पूरे देश के विपक्षी नेता नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़े हुए थे लेकिन जनता ने मोदी को ही प्रधानमंत्री बना दिया था. इसके बाद यही काम 2019 में भी विपक्ष ने किया लेकिन फिर भी जीत नहीं पाए. उन्होंने कहा कि देश की जनता ने 2024 के लिए पीएम की कुर्सी नरेंद्र मोदी के लिये रिजर्व कर दी है. अपने संबोधन के अंत में मंत्री ने इसके पंडाल में मौजूद लोगों से जय श्रीराम का नारा लगवाया.