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मुजफ्फरनगर: जेल में कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए बन रहा अस्थाई कारागार

कोरोना वायरस का संक्रमण जेल तक न पहुंचे इसके लिए प्रशासन ने अस्थाई जेल का निर्माण शुरू कर दिया है. लॉकडाउन के दौरान पकड़ा जाने वाला कोई भी अपराधी अस्थाई जेल में रखा जाएगा. जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही उसे स्थाई जेल भेजा जाएग.

jail
अस्थाई जेल
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Published : Apr 28, 2020, 12:25 PM IST

मुजफ्फरनगर: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव व रोकथाम के लिए जनपद में अस्थाई जेल बनाई जा रही हैं. शासन के निर्देशानुसार डीएम सेल्वा कुमारी जे के आदेश पर डीएवी इंटर कॉलेज में अस्थाई जेल बनाई जा रही है. डीएम ने डिप्टी कलेक्टर दीपक कुमार को अस्थाई जेल का प्रभारी मजिस्ट्रेट नामित किया है. इसी कड़ी में पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी व जेल अधीक्षक ने कॉलेज की बिल्डिंग का मंगलवार को निरीक्षण किया.

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एडीएम प्रशासन अमित कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि यह शासन का निर्देश है कि एक अस्थाई जेल की व्यवस्था की जाए. जेल में अभी जो भी कैदी हैं उनमें से कुछ ट्रायल पर हैं और कुछ सजायाफ्ता हैं. उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जा चुकी है. वहीं अन्य स्वास्थ्य चेक अप भी हुए हैं. स्थाई जेल सक्रमण से पूर्ण रूप से सुरक्षित है.

muzaffarnagar
डीएवी कॉलेज

अमित कुमार ने आगे बताया कि ऐसा इसलिए किया जा रहा ताकि कोई अपराधी जो लॉकडाउन के बाद पकड़ा जाता है वो किसी भी तरह संक्रमण स्थाई जेल में लेकर न जाए. पहले उसकी पूरी जांच होगी और उन अपराधियों को इस दौरान अस्थाई जेल में रखा जाएगा. जब तक जांच प्रक्रिया नहीं पूरी होती तब तक वे अस्थाई जेल में ही रहेंगे. जेल मैनुअल के हिसाब से सारी व्यवस्थाएं अस्थाई जेल में भी की जा रही हैं.

मुजफ्फरनगर: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव व रोकथाम के लिए जनपद में अस्थाई जेल बनाई जा रही हैं. शासन के निर्देशानुसार डीएम सेल्वा कुमारी जे के आदेश पर डीएवी इंटर कॉलेज में अस्थाई जेल बनाई जा रही है. डीएम ने डिप्टी कलेक्टर दीपक कुमार को अस्थाई जेल का प्रभारी मजिस्ट्रेट नामित किया है. इसी कड़ी में पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी व जेल अधीक्षक ने कॉलेज की बिल्डिंग का मंगलवार को निरीक्षण किया.

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एडीएम प्रशासन अमित कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि यह शासन का निर्देश है कि एक अस्थाई जेल की व्यवस्था की जाए. जेल में अभी जो भी कैदी हैं उनमें से कुछ ट्रायल पर हैं और कुछ सजायाफ्ता हैं. उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जा चुकी है. वहीं अन्य स्वास्थ्य चेक अप भी हुए हैं. स्थाई जेल सक्रमण से पूर्ण रूप से सुरक्षित है.

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डीएवी कॉलेज

अमित कुमार ने आगे बताया कि ऐसा इसलिए किया जा रहा ताकि कोई अपराधी जो लॉकडाउन के बाद पकड़ा जाता है वो किसी भी तरह संक्रमण स्थाई जेल में लेकर न जाए. पहले उसकी पूरी जांच होगी और उन अपराधियों को इस दौरान अस्थाई जेल में रखा जाएगा. जब तक जांच प्रक्रिया नहीं पूरी होती तब तक वे अस्थाई जेल में ही रहेंगे. जेल मैनुअल के हिसाब से सारी व्यवस्थाएं अस्थाई जेल में भी की जा रही हैं.

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