मुजफ्फरनगर: जिले में राहत सामग्री घोटाला के मामले में अन्नपूर्णा एग्रो एंड फूड फ्लोरमिल का लाइसेंस निरस्त होने के बाद इस कंपनी को टेंडर देने के प्रकरण में पहली गाज तहसीलदार सदर पर गिरी है. तहसीलदार सदर को सस्पेंड कर दिया गया है. दरअसल अन्नपूर्णा एग्रो एंड फूड फ्लोर मिल का लाइसेंस 20 फरवरी 2020 को एक्सपायर हो गया था. इस फर्म का लाइसेंस एक्सपायर होने के बाद भी इस फॉर्म को टेंडर दे दिया गया था.
बता दें कि, ईटीवी भारत ने 10 मई को ही अधिकारियों की लापरवाही और अन्नपूर्णा एग्रो एंड फूड फ्लोरमिल का लाइसेंस एक्सपायर होने के बाद भी कंपनी को दिया खाने का टेंडर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इसके पहले गुजरात में आए मजदूरों ने क्वारंटाइन सेंटर में खाने की खराब क्वालिटी होने पर हंगामा किया था. इस खबर को भी ईटीवी भारत ने 7 मई को प्रमुखता से प्रकाशित किया था.
मुजफ्फरनगर सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि अन्नपूर्णा एग्रो एंड फूड फ्लोरमिल एक कंपनी जिसको टेंडर दिया गया था. उसने मात्र 1 दिन भोजन की सप्लाई की उसका पेमेंट भी नहीं किया गया. उसी दिन भोजन की गुणवत्ता और लेट भोजन पहुंचाने पर तहसीलदार को सस्पेंड कर जांच बैठा दी गई है, वहीं एक अधिकारी अभी छुट्टी पर है. इसकी जांच एडीएम वित्त व राजस्व करेंगे. टेंडर देने में जिस प्रकिया को फॉलो किया जाना था, वह नहीं किया गया. इसकी जांच होगी और जो भी दोषी पाया जाएगा सरकार द्वारा कार्रवाई की जाएगी.