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मुजफ्फरनगर: मदरसों में तैनात आधुनिक शिक्षकों ने की इच्छामृत्यु की मांग

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में आधुनिक शिक्षा योजना में तैनात हुए शिक्षकों ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन देकर इच्छामृत्यु की मांग की है. शिक्षकों का कहना है कि 7 दिन में हमारी मांगे पूरी की जाएं.

शिक्षकों ने की इच्छामृत्यु की मांग.
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Published : Sep 24, 2019, 10:03 PM IST

मुजफ्फरनगर: जिले में मदरसा आधुनिक शिक्षा योजना में तैनात हुए शिक्षकों ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन देकर इच्छामृत्यु की मांग की है. मदरसा में तैनात आधुनिक शिक्षकों को कहना है​ कि उन्हें पिछले 72 महीने से केंद्र द्वारा निर्धारित मानदेय नहीं मिला है. ज्ञापन देते हुए शिक्षकों ने कहा कि यदि सात दिनों के अंदर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह इच्छा मृत्यु के लिए मजबूर होंगे.

शिक्षकों ने की इच्छामृत्यु की मांग.

72 महीनों से नहीं मिला मानदेय
शिक्षक सलीमुद्दीन ने बताया कि वह जानसठ के मदरसे में बच्चों को पढ़ाते हैं और पिछले 72 महीनों से केंद्र से मिलने वाला अंश नहीं मिला है. यह राशि 12 हजार रूपये प्रतिमाह थी. तैनाती पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की आधुनिकरण शिक्षक योजना के तहत हुई थी.

केंद्र सरकार स्कीम फॉर प्रोवाडिंग क्वॉलिटी एजुकेशन यानी मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षकों को 12 हजार प्रतिमाह मानदेय देती है. मदरसा शिक्षकों का आरोप है कि पिछले 72 महीने से एसपीक्यूईएम योजना के तहत मिलने वाला मानदेय नहीं मिल रहा है.

शिक्षक सलीमुद्दीन का कहना है कि मुजफ्फरनगर में आधुनिकरण मदरसों की संख्या 37 हैं. इस बार केंद्र से जो पैसा आया है वह केवल एक महीने का 9 हजार रूपये आया है. शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने अपना ज्ञापन दिया है. यदि सात दिन के अंदर उनकी समस्या का समाधान कर उनका बकाया पैसा नहीं मिलता है तो वह इच्छा मृत्यु के लिए बाध्य होंगे. शिक्षकों का कहना है कि पैसा न मिलने से उनके परिवार के सामने आर्थिक संकट गहरा रहा है.

मुजफ्फरनगर: जिले में मदरसा आधुनिक शिक्षा योजना में तैनात हुए शिक्षकों ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन देकर इच्छामृत्यु की मांग की है. मदरसा में तैनात आधुनिक शिक्षकों को कहना है​ कि उन्हें पिछले 72 महीने से केंद्र द्वारा निर्धारित मानदेय नहीं मिला है. ज्ञापन देते हुए शिक्षकों ने कहा कि यदि सात दिनों के अंदर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह इच्छा मृत्यु के लिए मजबूर होंगे.

शिक्षकों ने की इच्छामृत्यु की मांग.

72 महीनों से नहीं मिला मानदेय
शिक्षक सलीमुद्दीन ने बताया कि वह जानसठ के मदरसे में बच्चों को पढ़ाते हैं और पिछले 72 महीनों से केंद्र से मिलने वाला अंश नहीं मिला है. यह राशि 12 हजार रूपये प्रतिमाह थी. तैनाती पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की आधुनिकरण शिक्षक योजना के तहत हुई थी.

केंद्र सरकार स्कीम फॉर प्रोवाडिंग क्वॉलिटी एजुकेशन यानी मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षकों को 12 हजार प्रतिमाह मानदेय देती है. मदरसा शिक्षकों का आरोप है कि पिछले 72 महीने से एसपीक्यूईएम योजना के तहत मिलने वाला मानदेय नहीं मिल रहा है.

शिक्षक सलीमुद्दीन का कहना है कि मुजफ्फरनगर में आधुनिकरण मदरसों की संख्या 37 हैं. इस बार केंद्र से जो पैसा आया है वह केवल एक महीने का 9 हजार रूपये आया है. शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने अपना ज्ञापन दिया है. यदि सात दिन के अंदर उनकी समस्या का समाधान कर उनका बकाया पैसा नहीं मिलता है तो वह इच्छा मृत्यु के लिए बाध्य होंगे. शिक्षकों का कहना है कि पैसा न मिलने से उनके परिवार के सामने आर्थिक संकट गहरा रहा है.

Intro:मुजफ्फरनगर: मदरसों में तैनात आधुनिक शिक्षकों ने मांगी इच्छामृत्यु
मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर जिले में मदरसा आधुनिक शिक्षा योजना में तैनात हुए शिक्षकों ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन देकर इच्छामृत्यु की मांग की है। मदरसा में तैनात आधुनिक शिक्षकों को कहना है​ कि उन्हें पिछले 72 महीने से केंद्र द्वारा निर्धारित मानदेय नहीं मिला है। ज्ञापन देते हुए कहा कि यदि सात दिनों के अंदर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह इच्छा मृत्यु के लिए मजबूर होंगे। Body:ज्ञापन देने आए शिक्षकों का कहना है कि उन्हें पिछले 72 महीनों से केंद्र से मिलने वाला केंद्रांश नहीं मिला है। शिक्षक सलीमुद्दीन ने बताया कि वह जानसठ के मदरसे में बच्चों को पढ़ाते हैं। सलीमुददीन का कहना है कि 72 महीनों से केंद्र से मिलने वाला अंश नहीं मिला है, यह राशि 12 हजार रूपये प्रतिमाह थी। उनकी तैनाती पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई की आधुनिकरण शिक्षक योजना के तहत हुई थी। केंद्र सरकार स्कीम फॉर प्रोवाडिंग क्वॉलिटी एजुकेशन इन मदरसा (एसपीक्यूएम) यानी मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षकों को 12 हज़ार प्रतिमाह मानदेय देती है। मदरसा शिक्षकों का आरोप है कि पिछले 72 महीने से एसपीक्यूईएम योजना के तहत मिलने वाला मानदेय नहीं मिल रहा है। Conclusion:डीएम आफिस पहुंचे शिक्षकों ने बताया कि मुजफ्फरनगर में आधुनिकरण मदरसों की संख्या 37 हैं। इस बार जो केंद्र से पैसा आया है वह केवल एक महीने का 9 हजार रूपये आया है, वह पैसा भी अभी प्रशासन के पास हैं, उन्हें पैसा जारी नहीं किया गया है। शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने अपना ज्ञापन दिया है, यदि सात दिन के अंदर उनकी समस्या का समाधान कर उनका बकाया पैसा नहीं मिलता है तो वह इच्छा मृत्यु के लिए बाध्य होंगे। शिक्षकों का कहना है कि पैसा न मिलने से उनके परिवार के सामने आर्थिक संकट गहरा रहा है।

बाइट— सलीमुददीन, शिक्षक


अजय चौहान
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