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कोरोना के खिलाफ जंग: घर की रसोई में रखे मसाले भी बढ़ाते हैं प्रतिरोधक क्षमता - प्रतिरोधक क्षमता

क्या आप जानते हैं कि घर की रसोई में रखे मसाले भी कोरोना के खिलाफ जंग में महत्वपूर्ण निभा रहे हैं. मुजफ्फरनगर जिले स्थित राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर के मुताबिक मसाले प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी सहायक होते हैं, जिनकी सभी प्रकार के रोगों के उपचार में बड़ी भूमिका होती है.

spices increase immunity
स्वामी कल्याण देव राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रोफेसर सुदीप सहाय.
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Published : Jun 25, 2020, 5:00 PM IST

मुजफ्फरनगर: आयुर्वेद प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है, इसे लेकर माना जाता है कि इसकी शुरुआत 5 हजार साल पहले हुई है. आयुर्वेद संस्कृत के दो शब्द 'आयुष' और 'वेद' से मिलकर बना है. 'आयुष' का अर्थ जीवन और 'वेद' का अर्थ 'विज्ञान' होता है. इसलिए इसका शाब्दिक अर्थ है- जीवन का विज्ञान. साधारण भाषा में कहें तो जीवन को ठीक प्रकार से जीने का विज्ञान ही आयुर्वेद है. यह विज्ञान केवल रोगों की चिकित्सा या रोगों का ही ज्ञान नहीं देता, बल्कि स्वस्थ जीवन जीने के लिए सभी प्रकार के आवश्यक ज्ञान की प्राप्ति भी कराता है.

जानकारी देते राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य.

वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर हो रही चर्चाओं के बीच यह पाया गया कि भारतीय जन मानस आम तौर पर बहुत सी ऐसी औषधियों का रोजाना सेवन करते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में खासे मददगार हैं.

गर्म और पारंपरिक खाना खाएं
स्वामी कल्याण देव राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रोफेसर सुदीप सहाय ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि शरीर का बल अगर अधिक होगा तो कोई भी बैक्टीरिया या वायरस आदि प्रभावी नहीं होता. इसलिए सबसे जरूरी है कि हमारा खानपान, हमारा आचार-विचार ऐसा होना चाहिए, जिससे हमारे शरीर का बल अधिक रहे. उन्होंने बताया कि आजकल प्रतिरोधक क्षमता की जो बात की जा रही है, उसके लिए हमारी दिनचर्या को नियमित होने के साथ ही आहार भी ठीक होना चाहिए. शरीर का पोषण आहार से होता है, इसलिए हमारा आहार पारंपरिक होना चाहिए. हमें गर्म और पारंपरिक खाना ही खाना चाहिए.

कम से कम लें 6-8 घंटे की नींद
प्रोफेसर सुदीप सहाय ने बताया, 'अपने आहार में दूध, घी और मठ्ठे को शामिल करें. यह हमारे आहार का हिस्सा होना चाहिए. अगर हम नियमित रुप से प्रतिदिन इस तरह का आहार करते हैं तो निश्चित रुप से हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.' उन्होंने बताया कि हर इंसान को 6 से 8 घंटे की अच्छी नींद लेनी चाहिए. अगर नींद पूरी नहीं होती है तो भी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. इसके अलावा सुबह समय पर उठना चाहिए और अपने जीवन को नियंत्रित रखना चाहिए. अगर हम नियंत्रण में कार्य करें तो हमारी एनर्जी काफी मात्रा में बचती है, जिससे हमारे शरीर का बल उससे बढ़ता है.

ये भी पढ़ें: मुजफ्फरनगर: सिर पर गमछा और हाथ में फावड़ा लिए नवाजुद्दीन सिद्दीकी कर रहे खेती

काढ़ा पीने से बढ़ती है प्रतिरोधक क्षमता
प्रोफेसर सुदीप सहाय ने बताया कि हमारी रसोई के मसाले स्वास्थ्य की दृष्टि से बड़ी भूमिका निभाते हैं. मसालों के साथ-साथ गिलोय ऐसी औषधि है, जिसका सभी प्रकार के रोग के उपचार में बड़ा रोल है. उन्होंने बताया कि हमारी घर की रसोई में रहने वाली तुलसी, इलायची, अदरक, दालचीनी, लौंग, हल्दी का प्रयोग करके हम काढ़ा बनाते हैं, जिससे निश्चित रूप से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और यदि कोई बीमारी होती भी है तो उससे भी हम जल्द उभर सकते हैं.

मुजफ्फरनगर: आयुर्वेद प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है, इसे लेकर माना जाता है कि इसकी शुरुआत 5 हजार साल पहले हुई है. आयुर्वेद संस्कृत के दो शब्द 'आयुष' और 'वेद' से मिलकर बना है. 'आयुष' का अर्थ जीवन और 'वेद' का अर्थ 'विज्ञान' होता है. इसलिए इसका शाब्दिक अर्थ है- जीवन का विज्ञान. साधारण भाषा में कहें तो जीवन को ठीक प्रकार से जीने का विज्ञान ही आयुर्वेद है. यह विज्ञान केवल रोगों की चिकित्सा या रोगों का ही ज्ञान नहीं देता, बल्कि स्वस्थ जीवन जीने के लिए सभी प्रकार के आवश्यक ज्ञान की प्राप्ति भी कराता है.

जानकारी देते राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य.

वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर हो रही चर्चाओं के बीच यह पाया गया कि भारतीय जन मानस आम तौर पर बहुत सी ऐसी औषधियों का रोजाना सेवन करते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में खासे मददगार हैं.

गर्म और पारंपरिक खाना खाएं
स्वामी कल्याण देव राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रोफेसर सुदीप सहाय ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि शरीर का बल अगर अधिक होगा तो कोई भी बैक्टीरिया या वायरस आदि प्रभावी नहीं होता. इसलिए सबसे जरूरी है कि हमारा खानपान, हमारा आचार-विचार ऐसा होना चाहिए, जिससे हमारे शरीर का बल अधिक रहे. उन्होंने बताया कि आजकल प्रतिरोधक क्षमता की जो बात की जा रही है, उसके लिए हमारी दिनचर्या को नियमित होने के साथ ही आहार भी ठीक होना चाहिए. शरीर का पोषण आहार से होता है, इसलिए हमारा आहार पारंपरिक होना चाहिए. हमें गर्म और पारंपरिक खाना ही खाना चाहिए.

कम से कम लें 6-8 घंटे की नींद
प्रोफेसर सुदीप सहाय ने बताया, 'अपने आहार में दूध, घी और मठ्ठे को शामिल करें. यह हमारे आहार का हिस्सा होना चाहिए. अगर हम नियमित रुप से प्रतिदिन इस तरह का आहार करते हैं तो निश्चित रुप से हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.' उन्होंने बताया कि हर इंसान को 6 से 8 घंटे की अच्छी नींद लेनी चाहिए. अगर नींद पूरी नहीं होती है तो भी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. इसके अलावा सुबह समय पर उठना चाहिए और अपने जीवन को नियंत्रित रखना चाहिए. अगर हम नियंत्रण में कार्य करें तो हमारी एनर्जी काफी मात्रा में बचती है, जिससे हमारे शरीर का बल उससे बढ़ता है.

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काढ़ा पीने से बढ़ती है प्रतिरोधक क्षमता
प्रोफेसर सुदीप सहाय ने बताया कि हमारी रसोई के मसाले स्वास्थ्य की दृष्टि से बड़ी भूमिका निभाते हैं. मसालों के साथ-साथ गिलोय ऐसी औषधि है, जिसका सभी प्रकार के रोग के उपचार में बड़ा रोल है. उन्होंने बताया कि हमारी घर की रसोई में रहने वाली तुलसी, इलायची, अदरक, दालचीनी, लौंग, हल्दी का प्रयोग करके हम काढ़ा बनाते हैं, जिससे निश्चित रूप से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और यदि कोई बीमारी होती भी है तो उससे भी हम जल्द उभर सकते हैं.

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