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खतौली उपचुनाव में RLD ने मदन भैया को बनाया उम्मीदवार, जेल में रहते पहली बार बने थे विधायक - Muzaffarnagar Khatauli by election

मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए राष्ट्रीय लोक दल ने सपा गठबंधन के साथ मदन भैया को प्रत्याशी बनाया है.

आरएलडी प्रत्याशी मदन भैया.
आरएलडी प्रत्याशी मदन भैया.
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Published : Nov 13, 2022, 7:40 PM IST

लखनऊ: मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी ने अपना गठबंधन प्रत्याशी घोषित कर दिया है. राष्ट्रीय लोक दल ने मदन भैया को खतौली विधानसभा सीट के लिए उम्मीदवार बनाया है. 1991 में जेल में रहते हुए ही निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मदन भैया ने चुनाव जीता था.

मदन भैया ने साल 1989 में जेल में रहते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खेकड़ा विधानसभा सीट से चुनाव में ताल ठोकी थी, लेकिन जीत उनसे कोसों दूर रही. जेल में ही रहते हुए साल 1991 में खेकड़ा विधानसभा क्षेत्र से ही उन्हें विधायक बनने का भी मौका मिला था. साल 2008 तक खेकड़ा उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र था. परिसीमन के कारण सीमा में परिवर्तन हुआ और साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र और लोनी विधानसभा क्षेत्र के 2 नए निर्वाचन क्षेत्र बन गए.

खेकड़ा विधानसभा क्षेत्र का भाग बागपत और मोदीनगर विधानसभा क्षेत्र के साथ मिला दिया गया. 2012 में गाजियाबाद के लोनी विधानसभा क्षेत्र से मदन भैया चुनाव लड़े लेकिन बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी से हार गए. 2017 के विधानसभा चुनाव में वह भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार नंदकिशोर गुर्जर से चुनाव हार गए. मदन भैया गुर्जर बिरादरी से आते हैं. मदन भैया की शैक्षिक योग्यता 12वीं पास है. उन पर पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं.

खतौली विधानसभा सीट पर 5 दिसंबर को उपचुनाव होना है. भारतीय जनता पार्टी के विधायक विक्रम सैनी की सदस्यता रद्द होने से यह उपचुनाव हो रहा है. राष्ट्रीय लोक दल इस सीट को भाजपा से छीनने की पुरजोर कोशिश में जुटी हुई है.

इसे भी पढे़ं- रामपुर में चुनावी चौपाल, जानें उपचुनाव में दलित समाज किसके साथ

लखनऊ: मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी ने अपना गठबंधन प्रत्याशी घोषित कर दिया है. राष्ट्रीय लोक दल ने मदन भैया को खतौली विधानसभा सीट के लिए उम्मीदवार बनाया है. 1991 में जेल में रहते हुए ही निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मदन भैया ने चुनाव जीता था.

मदन भैया ने साल 1989 में जेल में रहते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खेकड़ा विधानसभा सीट से चुनाव में ताल ठोकी थी, लेकिन जीत उनसे कोसों दूर रही. जेल में ही रहते हुए साल 1991 में खेकड़ा विधानसभा क्षेत्र से ही उन्हें विधायक बनने का भी मौका मिला था. साल 2008 तक खेकड़ा उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र था. परिसीमन के कारण सीमा में परिवर्तन हुआ और साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र और लोनी विधानसभा क्षेत्र के 2 नए निर्वाचन क्षेत्र बन गए.

खेकड़ा विधानसभा क्षेत्र का भाग बागपत और मोदीनगर विधानसभा क्षेत्र के साथ मिला दिया गया. 2012 में गाजियाबाद के लोनी विधानसभा क्षेत्र से मदन भैया चुनाव लड़े लेकिन बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी से हार गए. 2017 के विधानसभा चुनाव में वह भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार नंदकिशोर गुर्जर से चुनाव हार गए. मदन भैया गुर्जर बिरादरी से आते हैं. मदन भैया की शैक्षिक योग्यता 12वीं पास है. उन पर पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं.

खतौली विधानसभा सीट पर 5 दिसंबर को उपचुनाव होना है. भारतीय जनता पार्टी के विधायक विक्रम सैनी की सदस्यता रद्द होने से यह उपचुनाव हो रहा है. राष्ट्रीय लोक दल इस सीट को भाजपा से छीनने की पुरजोर कोशिश में जुटी हुई है.

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