मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर की खतौली सीट से रालोद प्रत्याशी मदन भैय्या ने भाजपा की राजकुमारी सैनी को हरा दिया. उन्होंने करीब 22, 143 वोटों से जीत दर्ज की. चुनाव आयोग के मुताबिक मदन भैया को कुल 97139 और राजकुमारी सैनी को कुल 74996 वोट मिले. इस उपचुनाव में कुल 14 उम्मीदवार मैदान में थे. मदन भैया को 54.04% और राजकुमारी सैनी को 41.72% वोट मिले. अन्य सभी प्रत्याशियों की जमानतें जब्त हो गईं.
मदन भैय्या बोले, खतौली की जनता के बारे में कुछ भी नहीं कहने दूंगा
जीत के बाद गठबंधन प्रत्याशी मदन भैय्या ने राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत सिंह व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष के प्रति अपनी कृतज्ञता जताई. वह बोले कि भले ही उन्हें खूब बाहरी कहा गया हो लेकिन खतौली की जनता को विश्वास दिलाते हैं कि यहां की जनता को यह मौका नहीं दूंगा कि वो मुझे बाहरी कहें. वह बोले, जनता की हर तरह से सेवा करूंगा. वह बोले कि संजीव बालियान के बाहरी कहने पर वह बोले कि हमें कुछ भी कह लें लेकिन खतौली की जनता के बारे में कुछ भी नहीं कहने दूंगा.
मदन भैया ने कहा कि धन्यवाद खतौली, धन्यवाद गठबंधन, धन्यवाद किसान कमेरा और अल्पसंख्यक. उन्होंने कहा कि यह जीत किसानों की, कमेरों की, अल्पसंख्यकों की और भारत की संस्कृति व भाईचारे की जीत है. उन्होंने कहा कि हमने किसानों की, मजदूरों की व गरीबों की राजनीति की है. कौन क्या कहता है, हम इस कान से सुनते हैं और दूसरे कान से निकाल देते हैं. वह बोले कि संजीव बालियान यहां के सांसद हैं, वे हमें कुछ भी कह लें, हम समय पर कहेंगे. उन्होंने कहा कि यहां के भाईचारे को पुनः बहाल करना है हमारी प्राथमिकता है.
मदन भैय्या का राजनीतिक सफर
यूपी के गाजियाबाद के लोनी इलाके के जावली गांव के रहने वाले मदन सिंह कसाना को लोग मदन भैया के नाम से भी पुकारते हैं. 1991 में पहली बार मदन भैया ने खेकड़ा विधानसभा सीट से जनता दल के टिकट पर चुनाव जीता था. इसके बाद वह 4 बार विधायक चुने गए. 2012 में वह लोनी सीट से रालोद के टिकट पर चुनाव लड़े और बसपा के प्रत्याशी से हार गए. 2017 और 2022 में वह लोनी सीट से फिर वह चुनाव लड़े और भाजपा प्रत्याशी से हार गए थे. खतौली उपचुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की.