मुजफ्फरनगर: खतौली के श्रीराम गार्डन में मंगलवार को राष्ट्रीय लोक दल के आयोजित भाईचारा सम्मेलन में पूर्व मंत्री और विधायकों ने भाजपा पर जमकर बोला हमला. रालोद ने इस सर्वसमाज सम्मेलन में जाट, गुर्जर, सैनी, कश्यप के अलावा मुस्लिम वोट बैंक को साधने का प्रयास किया गया. पश्चिमी यूपी में इसे रालोद की 2022 की तैयारी का श्रीगणेश माना जा रहा है. इस सम्मेलन के माध्यम से पार्टी ने 2022 का चुनावी बिगुल बजा दिया है.
रालोद की योजना पश्चिम यूपी से इस तरह के भाईचारा सम्मेलन आयोजित करने की है, जिसकी शुरुआत आज खतौली से की गई. सम्मेलन में पूर्व विधायक और बसपा सरकार में मंत्री रहे योगराज सिंह के अलावा अन्य दिग्गज नेताओं ने शिरकत कर भाजपा को निशाने पर लिया और प्रदेश सरकार को किसान विरोधी बताया. भाईचारा सम्मेलन के आयोजक अभिषेक चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय लोक दल ने हमेशा किसानों के लिए लड़ाई लड़ी है और हमेशा लड़ते रहेंगे.
उन्होंने कहा कि यह भाईचारा सम्मेलन रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के निर्देश पर शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि भाजपा की घपलेबाजी की राजनीति को उजागर करने के लिए यह सम्मेलन आयोजित किया गया है. सम्मेलन के संयोजक एवं प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक चौधरी ने भीड़ इकट्ठा कर खतौली विधान सभा से अपनी दावेदारी पेश कर दी.
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दो दिन पूर्व रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. जयंत चौधरी की अखिलेश से यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है. सपा भी सर्व समाज को एकजुट कर राजनीतिक जमीन मजबूत करने की तैयारी में जुटी है. आज का सम्मेलन सपा-रालोद के गठबंधन के शुरुआती चुनावी दौर का एक हिस्सा मात्र है. इसमें मुस्लिम, जाट, गुर्जर, सैनी, कश्यप सभी समाज के वोट बैंक को साधने की कवायद की जाएगी. बसपा सुप्रीमो मायावती का ब्राह्मण सम्मेलन भी इसी रणनीति का हिस्सा है.