मुजफ्फरनगर: चर्चित रामपुर तिराहा कांड में अदालत द्वारा एक पत्रावली में बचाव पक्ष का सफाई साक्ष्य का अवसर समाप्त कर दिया है. वहीं दूसरी पत्रावली में सीबीआई के डीआईजी और एसपी से स्पष्टीकरण मांगा गया है. अपर जिला जज एवं सत्र न्यायालय संख्या 7 के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह ने अगली सुनवाई के लिए 6 नवंबर की तिथि निर्धारित की है.
बता दें कि 1 अक्टूबर 1994 को अलग राज्य बनाने की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे. वहीं, देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया था. आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों द्वारा उन पर फायरिंग की गई थी. जिसमे सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी. सीबीआई ने मामले की जांच कर पुलिस और अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज कराए थे.
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सरकार बनाम मिलाप सिंह की पत्रावली में आरोपी मिलाप सिंह और वीरेंद्र प्रताप अपने बचाव में कोई सफाई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए. अब इस पत्रावली में बहस की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. वहीं, बचाव पक्ष की बहस पूरी हो चुकी है. सीबीआई बनाम राधा मोहन द्विवेदी की पत्रावली में सीबीआई ने अदालत में गवाह पेश नहीं किये है. अदालत ने आपत्ति जताते हुए सीबीआई के डीजीआई और एसपी से स्पष्टीकरण मांगा है. अदालत ने पूछा है कि क्या कोई गवाह सुरक्षा कारणों से अदालत में नहीं आ रहा है? अगर ऐसा है तो, सुरक्षा प्रदान की जाए.
रामपुर तिराहा कांड में सीबीआई बनाम बृजकिशोर की पत्रावली में बचाव साक्ष्य की प्रक्रिया पूरी हो गई है. वहीं, बचाव पक्ष की ओर से अदालत में मीडियाकर्मी प्रदीप शर्मा को पेश किया गया था. आरोपी बृजकिशोर और गजराज न्यायालय में हाजिर हुए थे. आरोपी उमेश चंद शर्मा की ओर से हाजिरी माफी दी गई है.इस मामले की अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी.
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