मुजफ्फरनगर: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलनरत वृद्ध किसान की आत्महत्या मामले में केंद्र सरकार को चेतावनी दी है. साथ ही उन्होंने कहा है कि किसानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. उनके धैर्य की परीक्षा न ले, प्रदेश सरकार जल्द से जल्द गन्ने का मूल्य घोषित करें.
वृद्ध किसान कश्मीर सिंह की आत्महत्या मामले में संवेदना व्यक्त करते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार किसानों के धैर्य की परीक्षा न ले. आंदोलन में 47 किसानों की जान जा चुकी है. सरकार है कि शर्म आती नहीं. उन्होंने कहा कि सरकार 4 जनवरी की बैठक में न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाए और तीनों बिल वापस ले, अन्यथा अब आंदोलन को तेज किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि हमारी उत्तर प्रदेश सरकार को भी चेतावनी है कि अब गन्ना पर्ची पर मूल्य लिखने से काम नहीं चलेगा. सरकार एक सप्ताह में गन्ना मूल्य का भूगतान तय करे. कोई उत्पाद ऐसा नहीं जिसका बिकने के बाद मूल्य तय हो. उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के साथ लूट हो रही है. टिकैत ने कहा कि अब गन्ना किसानों पर जुर्म बर्दाश्त नहीं होगा. आज भी 4 हजार करोड़ गन्ना किसानों का बकाया है. सरकार मिल मालिकों के पक्ष में खड़ी है.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार धान और गन्ना किसानों का समाधान करे अन्यथा 10 जनवरी के बाद लखनऊ विधानसभा पर भी किसान अनिश्चितकालीन घेराव करेंगे. अब करो या मरो के साथ किसान यूनियन आन्दोलन को आगे चलाएगी. सरकार गाजीपुर बॉर्डर पर किसान शहीद गलतान सिंह बागपत और कश्मीर सिंह रामपुर के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद, 1 आश्रित को तुरंत नौकरी दे.