मुजफ्फरनगर: जिले के जीआईसी मैदान में चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन आंदोलन में मंगलवार को राष्ट्रीय लोकदल के विधायक और पदाधिकारीगण पहुंचे. जहां उन्होंने चौधरी राकेश टिकैत से मुलाकात कर आगामी 10 फरवरी को होने वाली महापंचायत और किसान आंदोलन को समर्थन दिया. राष्ट्रीय लोकदल के जिला अध्यक्ष संदीप मलिक ने किसान आंदोलन में पहुंचकर पहले ही समर्थन कर दिया.
जिलाध्यक्ष संदीप मलिक ने कहा था कि रालोद के सभी विधायक पहुंचेंगे और अपना समर्थन देंगे. इसी क्रम में आवज बुढ़ाना से विधायक और विधानमंडल के नेता राजपाल बालियान, खतौली विधायक मदन भैया, रालोद युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष और मीरापुर विधायक चंदन चौहान और रालोद जिलाध्यक्ष संदीप मलिक, सहित रालोद के कई बड़े नेता जीआईसी मैदान में पहुंचे और चौधरी राकेश टिकैत को समर्थन दिया.
खतौली विधायक मदन भैया ने कहा कि पूरे देश में भारतीय किसान यूनियन किसानों के हक की लड़ाई लड़ रही हैं. राष्ट्रीय लोकदल उत्तर प्रदेश में किसानों की लड़ाई लड़ रहा है. उन्होंने कहा कि दोनों का उद्देश्य एक ही है और दोनों मकसद भी एक ही है. आज तो यह सिर्फ औपचारिकता की गई हैं. हम मजदूरों और किसानों के साथ हैं. आज हम अपने विधानमंडल के नेता राजपाल बालियान और युवा लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदन चौहान के साथ अधिकृत रूप से अपना और अपनी पार्टी का समर्थन देने यहां पहुंचे हैं.
मदन भैया ने आगे कहा कि भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक है और हम राजनीतिक हैं. दोनों में विभाजन है लेकिन कुछ मुद्दों पर हम दोनों एक हैं. खतौली विधायक ने कहा कि सवाल 10 पंचायत में भीड़ का नहीं सवाल मुद्दों का है. सवाल गूंगी बहरी सरकार को सुनाने का है. भीड़ से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि लोग समझने वाले हो. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल के लोग जो आते हैं वह भीड़ नहीं हैं. वह लोग दल के रूप में संगठित लोग हैं जो इन मुद्दों को उठाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तो भारतीय जनता पार्टी बेवजह नारों के बल पर भीड़ पैदा करती है.
रालोद के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष और मीरापुर विधायक चंदन चौहान ने कहा कि किसान की कोई जाति नहीं, कोई धर्म नहीं है. हम सबकी आइडेंटी अलग अलग हो सकती है लेकिन आज हम सब लोग यहां एकजुट होकर आए हैं. यहां हम सब किसान की हैसियत से आए हैं. उन्होंने कहा कि हम भारतीय किसान यूनियन का धन्यवाद करते है. हमेशा से चौधरी चरण सिंह और अजीत वादी सोच के लोग उनके साथ रहे हैं और आने वाले समय में जो निर्देश दिशा-निर्देश राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी की तरफ से मिलेगा. उनके आदेश के अनुसार यहां इकट्ठे होकर समर्थन दिया है.
विधायक चंदन चौहान ने कहा कि किसान पूरी तरह से पीड़ित है. गन्ना भाव घोषित करने की बात हो या बिजली मीटर लगने की बात हो या आवारा पशुओं की बात हो. इन सब मुद्दों को लेकर किसान रुकने वाला नहीं है और जहां किसानों का बड़ा समर्थन होता है. वहीं, भगवान का वास होता है. समर्थन देने पहुंचे रालोद के विधायकों को चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि समर्थन देने की एक परंपरा देश में है. जिसकी सत्ता हो उसमें विपक्ष के लोग आंदोलनों को समर्थन करते हैं.
कहा कि जब सरकार इनकी थी तो हुकुम सिंह पर लाठीचार्ज हुआ तो हम वहां भी गए थे और कहा कि यूनियन का काम आंदोलन का है. इसमें सभी लोगों को सहयोग करना चाहिए. देश में अगर विपक्ष कमजोर हो जाएगा तो तानाशाह पैदा होते है. लोकतंत्र के सांसदों में आंदोलनों की आवाजें उठती रहनी चाहिए. चौधरी राकेश टिकैत ने ऐलान करते हुए कहा कि इस आंदोलन के समर्थन में यहां के जज और डॉक्टर भी शामिल हैं.
हम यहां पर आए सभी विधायकों का धन्यवाद करते हैं. हमें उम्मीद है कि हाउस में जाकर किसानों के हितों पर बात जरूर करेंगे. उन्होंने कहा कि यहां के व्यापारी और जिला बार संघ के वकील और अन्य पार्टियों के समर्थन भी यहां पर मिल चुके हैं. चौधरी राकेश टिकैत ने शहर वासियों से अपील करते हुए कहा कि जैसे 5 सितंबर को महापंचायत हुई थी. वैसी ही महापंचायत 10 फरवरी को होगी. जिसमें बाहर के लोग यहां पर आएंगे और शहर के लोग उनकी आवभगत करें.पानी से, खाने से, जो भी जिस पर बनता हो और अपने घरों के दरवाजे खोल कर रखे, जो भी सेवा भाव हो, आने वाले किसानों की सेवा करें. क्योंकि मुजफ्फरनगर का एक बड़ा नाम है.
10 फरवरी की महापंचायत में विपक्ष के राजनीतिक नेता मंच पर नहीं पहुंचेंगे और ना ही उन्हें मंच से बोलने दिया जाएगा. मंच पर कोई नहीं जाएगा कोई भी एमपी, विधायक होगा उनकी व्यवस्था नीचे की जाएगी. वह एक आम किसान बनकर आ सकते हैं लेकिन बोलेगा कोई नहीं. उन्होंने कहा कि यह संयुक्त किसान मोर्चा का फैसला है इसी को सब फॉलो करेंगे. उन्होंने कहा कि एक दिन पॉलिटिकल आदमी भी किसान बने वह आए और देखें और किसानों के बीच में बैठे हैं. चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि बिहार में किसानों का आंदोलन चल रहा है. तो वहां पर बीजेपी के नेता समर्थन कर रहे हैं कहा कि विपक्ष के लोग हमेशा आंदोलन का समर्थन करते हैं. इस तरह के समर्थन से आंदोलन कर रहे संगठनों की हौसला अफजाई होती है. सरकार पर दबाव बनने का काम होता है.
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