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किसानों ने दिल्ली में अपना नेता खो दिया : नरेश टिकैत - मुजफ्फरनगर का समाचार

राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया चौधरी अजित सिंह के निधन के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है. चौधरी अजित सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए नरेश टिकैत ने कहा कि, किसानों ने दिल्ली में अपना नेता खो दिया है.

'अजित सिंह का निधन किसानों के लिए बड़ी क्षति'
'अजित सिंह का निधन किसानों के लिए बड़ी क्षति'
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Published : May 7, 2021, 12:13 AM IST

मुजफ्फरनगरः राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया चौधरी अजित सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि, किसानों ने दिल्ली में अपना नेता खो दिया है. इसके साथ ही नरेश टिकैत ने कहा कि 28 जनवरी को जब किसान आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया गया था, तब चौधरी अजित सिंह ने बड़ा हौसला दिया था. उन्होंने कहा कि चौधरी अजित सिंह किसानों का सहारा थे. किसान आंदोलन के बीच-बीच में भी बात करते रहे और हमेशा हौसला अफजाई करते रहे. चौधरी साहब का जाना किसानों के लिए बहुत बड़ा नुकसान है. ऐसा नुकसान, जिसका आकलन भी मुश्किल है.

इसे भी पढ़ें : रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह का कोरोना से निधन, पीएम-सीएम ने जताया दु:ख

'किसानों के मसीहा थे चौधरी अजित सिंह'

इसके साथ ही भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि चौधरी अजित सिंह के निधन की खबर से गहरा सदमा लगा है. चौधरी साहब का जीवन हमेशा किसानों और गांव के लोगों से जुड़ा रहा. उनकी विचारधारा पूर्ण रूप से गांव और गरीब की थी. जीवन भर वे गांव और गरीब के लिए काम करते रहे. दिल्ली में आने वाले गांव के हर आदमी को ये अहसास रहता था कि उनका एक घर दिल्ली में भी है. गांव से लोग आकर चौधरी साहब को हर बात बताते थे और चौधरी साहब भी उनकी बात बड़े चाव से सुनते थे.

'दिल्ली में खत्म हो रहे किसानों के वकील'

साथ ही भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि जब-जब किसान आंदोलन हुए, चौधरी अजित सिंह ने सहयोग किया. चौधरी साहब पद पर रहे या न रहे, लेकिन किसानों को उन पर भरोसा था. दिल्ली में रहने वाले किसानों के वकील धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं. चाहें वह पूर्व उप-प्रधानमंत्री स्वर्गीय देवीलाल रहे हों, या फिर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर.

इसे भी पढ़ें : एक कंप्यूटर साइंटिस्ट ऐसे बना 'किसानों का मसीहा', पढ़िए चौ. अजित सिंह का सफरनामा

मुजफ्फरनगरः राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया चौधरी अजित सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि, किसानों ने दिल्ली में अपना नेता खो दिया है. इसके साथ ही नरेश टिकैत ने कहा कि 28 जनवरी को जब किसान आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया गया था, तब चौधरी अजित सिंह ने बड़ा हौसला दिया था. उन्होंने कहा कि चौधरी अजित सिंह किसानों का सहारा थे. किसान आंदोलन के बीच-बीच में भी बात करते रहे और हमेशा हौसला अफजाई करते रहे. चौधरी साहब का जाना किसानों के लिए बहुत बड़ा नुकसान है. ऐसा नुकसान, जिसका आकलन भी मुश्किल है.

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'किसानों के मसीहा थे चौधरी अजित सिंह'

इसके साथ ही भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि चौधरी अजित सिंह के निधन की खबर से गहरा सदमा लगा है. चौधरी साहब का जीवन हमेशा किसानों और गांव के लोगों से जुड़ा रहा. उनकी विचारधारा पूर्ण रूप से गांव और गरीब की थी. जीवन भर वे गांव और गरीब के लिए काम करते रहे. दिल्ली में आने वाले गांव के हर आदमी को ये अहसास रहता था कि उनका एक घर दिल्ली में भी है. गांव से लोग आकर चौधरी साहब को हर बात बताते थे और चौधरी साहब भी उनकी बात बड़े चाव से सुनते थे.

'दिल्ली में खत्म हो रहे किसानों के वकील'

साथ ही भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि जब-जब किसान आंदोलन हुए, चौधरी अजित सिंह ने सहयोग किया. चौधरी साहब पद पर रहे या न रहे, लेकिन किसानों को उन पर भरोसा था. दिल्ली में रहने वाले किसानों के वकील धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं. चाहें वह पूर्व उप-प्रधानमंत्री स्वर्गीय देवीलाल रहे हों, या फिर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर.

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