मुजफ्फरनगर: जिले के थाना मंसूरपुर क्षेत्र में स्थित सीरे से बनने वाले ऐल्कोहल की रिफलिंग करने वाली सरशादी लाल डिस्टिलिरी एन्ड केमिकल वर्क्स लिमिटिड को लखनऊ मुख्यालय के आदेशों पर जिला प्रशासन और प्रदूषण विभाग की टीम ने संयुक्य रूप से कार्रवाई करते हुए प्लांट को सील कर दिया है.
फैक्ट्री में कच्चा माल सीरे की सप्लाई भी पूर्ण रूप से बंद कर दी गई है. मंसूरपुर क्षेत्र में बहने वाली काली नदी में वर्षों से क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला प्रदूषित रासायनिक जल को छोड़ा जाता रहा है, जिस कारण काली नदी का अस्तित्व खत्म होकर गंदे नाले के रूप में तब्दील हो गया है. जिससे क्षेत्रवासियों को दुर्गन्ध ही नहीं, बल्कि अन्य भयंकर बीमारियों का सामना करना पड़ता है.
क्षेत्रवासियों ने की थी शिकायत
क्षेत्रवासियों द्वारा कई बार इस फैक्ट्री की शिकायत की गई. जिस पर काली नदी के पानी के सैम्पल को लखनऊ मुख्यालय जांच के लिए भेजा गया. जांच रिपोर्ट में प्रदूषित जल की पुष्टि हुई. क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अंकित सिंह, एसडीएम खतौली इंद्राकांत द्विवेदी और जिला आबकारी अधिकारी उदय प्रकाश द्वारा डिस्टलरी को सील कर दिया है.
देना होगा दंड
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अंकित सिंह ने बताया कि वह तीन बार फैक्ट्री की जांच करा चुके हैं. तीनों बार मंसूरपुर के नाले में काली नदी में बहने वाला प्रदूषित पानी मिला है. उन्होंने जांच रिपोर्ट लखनऊ मुख्यालय को भेजी थी. मुख्यालय के आदेश के बाद ही फैक्ट्री को सील किया गया है. फैक्ट्री में कच्चा माल सीरे की एंट्री बंद कर दी गई है. उन्होंने बताया कि 21 जुलाई को उन्होंने यहां निरीक्षण किया था. तब से प्रतिदिन 30 हजार का दंड फैक्ट्री को देना होगा. यह दंड तब तक जारी रहेगा, जब तक फैक्ट्री प्रदूषित पानी का निराकरण नहीं करती.
फैक्ट्री के जीएम सुनील जैन का कहना है कि बरसात का पानी नाले में गया है. फैक्ट्री के गंदे पानी का अलग से निस्तारण हो रहा है. विभाग की कार्रवाई गलत है.