मुजफ्फरनगर: कृषि कानूनों की वापसी को लेकर पिछले दो महीनों से ज्यादा समय से किसानों का आंदोलन चल रहा है. इन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के विरोध में हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के किसान ही आंदोलन नहीं कर रहे बल्कि उत्तर प्रदेश में भी अलग-अलग जनपदों में किसान अपने ढंग से पंचायत कर अपना विरोध जता रहे हैं. इसी क्रम में मुजफ्फरनगर के पचेंडा गांव में युवाओं ने 'सब याद रखा जाएगा' लिखकर होर्डिंग और बोर्ड लगाए हैं. इतना ही नहीं गांव के युवाओं ने भाजपा नेताओं के गांव में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है.
गांव में युवाओं ने लगाए होर्डिंग और बोर्ड
कृषि कानून बिल के विरोध में दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के धरने और 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा को लेकर बुधवार को पचेंडा गांव में युवाओं ने इकट्ठा होकर 'सब याद रखा जाएगा' के होर्डिंग और बोर्ड जगह-जगह लगा दिये हैं. साथ ही ग्रामीण बीजेपी नेताओं को गांव में नहीं घुसने देने की चेतावनी भी दे रहे हैं.
ग्रामीण बोले नहीं देगें बीजेपी को वोट
इस विरोध को लेकर स्थानीय निवासी सुमित चौधरी का कहना है कि 26 जनवरी को किसानों पर अत्याचार किया गया. जिसके बाद अब 2022 के चुनाव को ध्यान में रखते हुए युवाओं ने होर्डिंग और बोर्ड लगाए हैं. उन्होंने कहा जिला पंचायत चुनाव में गांव से बीजेपी को एक भी वोट नहीं मिलेगा. इसी के साथ-साथ अगर 2022 के चुनाव को लेकर गांव में कोई बीजेपी नेता वोट मांगने या फिर किसी और मकसद आता है और इस दौरान उसके साथ अगर दुर्व्यवहार होता है तो उसका जिम्मेदार वह खुद होगा.