मुजफ्फरनगर: सरकारी कार्यों में बाधा डालने के मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए विशेष अदालत एमपी/एमएलए के जज मयंक जसवाल ने कपिल देव अग्रवाल की अर्जी को स्वीकार कर पत्रावली अलग कर सुनवाई के लिए 5 जुलाई नियत की है.
दरअसल, कपिल देव अग्रवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शिवराज त्यागी ने कोर्ट में पेश होकर पैरवी की. वहीं, कई आरोपियों के कोर्ट में उपस्थित न होने पर भाजपा नेता पूर्व विधायक अशोक कंसल, नीतीश मालिक, नितिन मालिक आदि के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी कर दिए गए और आरोपियों को 5 जुलाई को पेश करने के आदेश कोर्ट ने दिए है.
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इस बीच भाजपा नेता मोहन तायल ने बुधवार को विशेष अदालत में पेश होकर वारंट रिकॉल करने की प्रार्थना की. कोर्ट ने वारंट निरस्त कर मोहन तायल को 5 जुलाई की कोर्ट में उपस्थित होने के आदेश दिए हैं. बता दें कि इस मामले के कई आरोपियों के कोर्ट में पेश ने होने पर गैर जमानती वारंट जारी हो गए थे. इसके बाद मंत्री कपिल देव अग्रवाल और मोहन तायल ने अपने वकीलों के माध्यम से अर्जी दाखिल कर वारंट निरस्त करा लिए जबकि 5 के विरुद्ध वारंट जारी हो गए हैं.
वहीं, अभियोजन सूत्रों के अनुसार 2016 में थाना नईमंडी पुलिस ने बिना अनुमति के प्रदर्शन कर सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में अशोक कंसल, कपिलदेव अग्रवाल सहित 7 के विरुद्ध धारा 147, 171, 186, 332 353 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया था. इस मामले की सुनवाई विशेष अदालत एमपी/एमएलए सिविल जज सीनियर डिवीजन मयंक जयसवाल की कोर्ट में चल रही है, अब कपिल देव अग्रवाल की पत्रावली अलग हो गई है, जबकि बाकी आरोपियों की सुनवाई पुरानी पत्रावली से होगी.
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