मुजफ्फनगरः मेरठ और हापुड़ जिला प्रशासन की ओर से गंगा स्नान मेले में भैंसा-बोगी ले जाने पर रोक के फैसले को भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने गलत करार दिया है. टिकैत ने कहा कि दोनों जिलों का प्रशासन प्राचीन संस्कृति के साथ छेड़छाड़ का प्रयास कर रहा है, किसान भी अपना नफा नुकसान जानते हैं. गौरतलब है कि गंगा मेले में इस बार श्रद्धालु भैंसा व बोगी से नहीं जा पाएंगे. पशुओं में लंपी बीमारी के कारण यह निर्णय लिया गया है.
नरेश टिकैत ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पहले हादसा होने पर किसान के ट्रैक्टर पर प्रतिबंध लगाया गया और अब लंपी बीमारी की बात कर दोनों जिलों का प्रशासन भैंसा बोगी पर रोक लगा रहा है. यह बेहद निंदनीय है और मेले भारतीय संस्कृति की पहचान हैं.
ग्रामीण क्षेत्र के लोग सदियों से मेलों में अपने-अपने वाहनों पर सवार होकर जाते हैं और सिर्फ यूपी के ही नहीं बल्कि हरियाणा के किसान भी भैंसा बोगी पर गंगा स्नान में आते रहे हैं. किसान अपने वाहन पर शान से चलता रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या दोनों जिलों ( मेरठ, हापुड़) का प्रशासन गांव से किसानों को निशुल्क मेलों में आवागमन की व्यवस्था कर सकेगा. किसान खुद अपना नफा नुकसान जानता है.
मुजफ्फरनगर जिले में पांच से नौ नवंबर तक गंगा स्नान मेले का आयोजन किया जाएगा और आठ नवंबर को मुख्य स्नान होगा. जिला प्रशासन ने फिलहाल भैंसा बोगी से आवागमन पर रोक नहीं लगाई है और मेला क्षेत्र में भैंसा बोगी की अलग से पार्किंग की व्यवस्था कराई जाएगी. किसानों से इसमें सहयोग मांगा जाएगा.
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