मुजफ्फरनगरः उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा गन्ने के दाम न बढ़ाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसानों का 75% गन्ना मिलों में जा चुका है. लगभग 25% गन्ना ही खेतों में खड़ा है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की लगातार अनदेखी कर रही है. डीजल, खाद, कीटनाशक दवाइयां और मजदूरी महंगी हुई है. वहीं, गन्ने के दाम न बढ़ाना निराशाजनक है.
नरेश टिकैत ने कहा कि किसानों की गन्ना उत्पादन लागत बढ़ी है. ऐसे में गन्ने के दाम न बढ़ाने से यह बात साबित होती है कि यह सरकार उद्योगपतियों के हाथों की कठपुतली बनी हुई है. देश के बेहतर भविष्य के लिए एवं देश के विकास के लिए देश की रीढ़ किसान का मजबूत और आत्मनिर्भर होना बेहद जरूरी है और वह तभी संभव है जब किसान को उसकी फसलों के का वाजिब दाम मिले. चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन किसानों के हक के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगी.
वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार में बसपा के पूर्व मंत्री योगराज सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में गन्ना सत्र 2023 -24 में गन्ना मूल्य घोषित किया गया. वर्तमान सत्र में गन्ने का मूल्य पूर्व के अनुसार ही रखते हुए वृद्धि न करना दुखद है व गन्ना किसानों के साथ धोखा है. जबकि हरियाणा, पंजाब राज्य में भी गन्ना मूल्य मे वृद्धि की गई. उन्होंने कहा कि इस आदेश से सरकार ने गन्ना किसानों के हितों के लिए कोई ध्यान नहीं दिया है. सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार कर गन्ने के मूल्य में 50 रुपये प्रति कुन्तल कि वृद्धि कर घोषित करे.