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Muzaffarnagar News: एसडी मार्केट मामले में हाई कोर्ट ने नगरपालिका के पहले नोटिस को किया निरस्त

मुजफ्फरनगर के एसडी मार्केट को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court ) ने नगर पालिका के नोटिस की प्रक्रिया को सही न मानते हुए एसोसिएशन को दोबारा नोटिस जारी करने का आदेश जारी किया है.

आदेश जारी किया है.
आदेश जारी किया है.
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Published : Mar 4, 2023, 10:21 PM IST

मुजफ्फरनगर: एसडी कॉलेज एसोसिएशन मामले में शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नगरपालिका के पहले नोटिस को निरस्त कर दिया है. लेकिन जिला प्रशासन को एसोसिएशन के खिलाफ कानून के अनुसार ही नई कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

एसडी कॉलेज एसोसिएशन और जिला प्रशासन के बीच 27 दिसंबर 2022 से विवाद चला आ रहा है. यहां जिला प्रशासन ने तत्कालीन जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह के निर्देश पर नगर पालिका से एसडी कॉलेज एसोसिएशन को एक नोटिस निर्गत कराया था. उसमें यह लिखा गया था कि यह संपत्ति नगर पालिका की है. इस संपत्ति को नगर पालिका में वापस निहित कर दी जानी चाहिए. इसके साथ ही लगभग 190 करोड़ के राजस्व की वसूली के लिए भी नोटिस जारी किया गया था. इसके बाद यह मामला काफी चर्चाओं में आ गया था. कोर्ट में कई बार इसका समय बढ़ा दिया गया था. इस जगह को खाली करने के लिए दो दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी किया है. उस आदेश को हाईकोर्ट ने अपने पोर्टल पर अपलोड कर दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और मंजीव शुक्ला ने याचिकाकर्ता के वकील श्रेया गुप्ता और नगर पालिका परिषद के वकील अतुल तेज कुलश्रेष्ठ को सुनने के बाद निर्देश दिया कि नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी द्वारा विध्वंस आदेश/नोटिस दिनांक 27 दिसंबर 2022 जो नजूल की 0.440 हेक्टेयर से अधिक भूमि से निर्माण हटाने के संबंध में है. उसको हटाने के लिए एक सप्ताह की अवधि के भीतर ऐसा करने को कहा गया था. इस मामले में कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता को विध्वंस आदेश पारित करने से पहले कोई नोटिस या सूचना जारी करके सुनवाई का कोई अवसर नहीं दिया गया था. उसकी सूचना याचिकाकर्ता को केवल उक्त नोटिस द्वारा दी गई थी.

यह भी पढ़ें- Fraud in lucknow : केजीएमयू के डॉक्टर के खाते पर जालसाजों ने करा लिया लोन, केस दर्ज

मुजफ्फरनगर: एसडी कॉलेज एसोसिएशन मामले में शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नगरपालिका के पहले नोटिस को निरस्त कर दिया है. लेकिन जिला प्रशासन को एसोसिएशन के खिलाफ कानून के अनुसार ही नई कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

एसडी कॉलेज एसोसिएशन और जिला प्रशासन के बीच 27 दिसंबर 2022 से विवाद चला आ रहा है. यहां जिला प्रशासन ने तत्कालीन जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह के निर्देश पर नगर पालिका से एसडी कॉलेज एसोसिएशन को एक नोटिस निर्गत कराया था. उसमें यह लिखा गया था कि यह संपत्ति नगर पालिका की है. इस संपत्ति को नगर पालिका में वापस निहित कर दी जानी चाहिए. इसके साथ ही लगभग 190 करोड़ के राजस्व की वसूली के लिए भी नोटिस जारी किया गया था. इसके बाद यह मामला काफी चर्चाओं में आ गया था. कोर्ट में कई बार इसका समय बढ़ा दिया गया था. इस जगह को खाली करने के लिए दो दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी किया है. उस आदेश को हाईकोर्ट ने अपने पोर्टल पर अपलोड कर दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और मंजीव शुक्ला ने याचिकाकर्ता के वकील श्रेया गुप्ता और नगर पालिका परिषद के वकील अतुल तेज कुलश्रेष्ठ को सुनने के बाद निर्देश दिया कि नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी द्वारा विध्वंस आदेश/नोटिस दिनांक 27 दिसंबर 2022 जो नजूल की 0.440 हेक्टेयर से अधिक भूमि से निर्माण हटाने के संबंध में है. उसको हटाने के लिए एक सप्ताह की अवधि के भीतर ऐसा करने को कहा गया था. इस मामले में कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता को विध्वंस आदेश पारित करने से पहले कोई नोटिस या सूचना जारी करके सुनवाई का कोई अवसर नहीं दिया गया था. उसकी सूचना याचिकाकर्ता को केवल उक्त नोटिस द्वारा दी गई थी.

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