मुजफ्फरनगरः त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव को सकुशल संपन्न करने के लिए जहां शासन और प्रशासन किसी भी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता है, वहीं मुजफ्फरनगर की जिलाधिकारी साहिबा ने भी चुनाव ड्यूटी कटवाने वालों के लिए एक ऐसा आदेश जारी किया है, जो आजकल खासा चर्चा का विषय बना हुआ है. इस आदेश को कुछ लोग अच्छा बता रहे हैं तो कुछ पालन करने में परेशान हो रहे हैं.
ये है पूरा मामला
मुजफ्फरनगर में चुनाव के दौरान जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगी है, उनमें से बहुत से ऐसे कर्मचारी है, जिन्होंने मेडिकल से संबंधित वजहें बताकर आलाधिकारियों से चुनाव ड्यूटी को खत्म करने की मांग की है. इसके चलते जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने भोपा रोड स्थित एक स्कूल के प्रांगण में एक डॉक्टरों की टीम गठित कर दी. निर्देश दिये कि जिसे भी मेडिकल संबंधी समस्या के कारण छुट्टी चाहिये, उसे इस मेडिकल टीम के समक्ष प्रस्तुत होना होगा. लोग इस टीम को अपनी मेडिकल समस्या बताकर अपनी ड्यूटी समाप्त करा सकते हैं. इस आदेश के बाद बीमारी या फिर किसी अन्य समस्याओं से जूझ रहे सरकारी कर्मचारियों का यहां ताता लग गया.
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गोद में बैठकर पहुंचे जांच कराने
कई बीमार और मजबूर कर्मचारी अपने परिजनों के साथ उनकी गोद में बैठकर या उनका हाथ पकड़कर यहां आ रहे हैं. डॉक्टरों की टीम के समक्ष प्रस्तुत होकर वह अपनी पीड़ा बताकर अपनी चुनाव ड्यूटी को समाप्त करा रहे हैं. बड़ा सवाल ये उठता है की अगर वाकई किसी कर्मचारी को मेडिकल की बड़ी समस्या है, तो क्या फिर उसे भी यहां स्ट्रेचर या अन्य साधन से यहां पर पहुंचना होगा. फिलहाल इस प्रश्न का किसी के पास कोई उत्तर नहीं है.