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मुजफ्फरनगर: पाक से आए मेहमान बने हिंदुस्तानी, परिवार में खुशी की लहर

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में कुछ लोग ऐसे हैं, जिनके लिए CAA दीवाली और होली से कम नहीं है. यह खुशी इसलिए है, क्योंकि 44 साल पहले पाकिस्तान छोड़कर भारत में आए इस परिवार को आज भारत देश की नागरिकता मिली है.

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पाक से आये मेहमान बने हिंदुस्तानी.
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Published : Dec 23, 2019, 11:59 PM IST

मुजफ्फरनगर: नागरिकता संशोधन बिल के पास होते ही इसका असर देखने को मिल रहा है. जहां लोग इस कानून का चौतरफा विरोध कर रहे है तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस कानून के समर्थन में हैं. जनपद में कुछ लोग ऐसे हैं, जिनके जीवन में ये पल दीवाली और होली से कम नहीं हैं. ये वह लोग हैं, जो 44 साल पहले पाकिस्तान छोड़ मेहमान बनकर हिंदुस्तान चले आए थे. ये लोग उसी समय से भारत की नागरिकता के लिए आस लगाए थे. अब नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद ये लोग प्रधानमंत्री और अमित शाह को धन्यवाद करते नजर आ रहे हैं.

पाक से आए मेहमान बने हिंदुस्तानी.

44 साल पहले पाकिस्तान छोड़कर आए थे भारत
मुजफ्फरनगर के सिविल लाइन्स थाना क्षेत्र में गंगनहर कालोनी है, जहां CAA को लेकर दीवाली और होली जैसा माहौल है. यहां के लोगो में इस कानून को लेकर इतनी खुशी इसलिये है, क्योंकि 44 साल पहले पाकिस्तान छोड़कर भारत में आए अमरनाथ के परिवार को आज भारत देश की नागरिकता मिली है. अमरनाथ मल्होत्रा अपने परिवार को लेकर पाकिस्तान से यहां आ तो गए, पर उन्हें यहां कि नागरिकता और उनके अधिकार नहीं मिल पाए. आज नागरिक संशोधन बिल पास होने के बाद उन्हें भारत का नागरिक होने को प्रमाण पत्र मिला तो उनके चेहरे के खुशी देखने के काबिल थी.

अमरनाथ के घर होली और दिवाली का माहौल
अमरनाथ के इस खुशी का हिस्सा बनने के लिये उत्तर प्रदेश के स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री कपिलदेव अग्रवाल और विजय कश्यप भी पहुंचे. इन्होंने उन्हें नागरिकता मिलने पर बधाई दी. वहीं अमरनाथ ने केन्द्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार और उनके मंत्रियो को आभार जताया. अमरनाथ की मानें तो वह इस पल को अपने ऐतिहासिक पल के रूप में मानते हैं.

1947 में हुआ था हिंदुस्तान-पाकिस्तान का बटवारा
अमरनाथ मल्होत्रा बताते हैं कि 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तान हिंदुस्तान से अलग हो गया और ये लोग वहीं पाकिस्तान में रह गए. उनके कुछ रिश्तेदार बंटवारे के समय भारत आ गए, लेकिन उनका पाकिस्तान में रहना अब मुश्किल होने लगा था. वजह थी वहां की जनता और सरकार उन पर धर्म बदलने का दबाव बना रही थी. साथ ही वहां उनकी बहू-बेटियां भी सुरक्षित नहीं थीं.

हद तो तब हो गई जब अमरनाथ मल्होत्रा के परिवार की महिलाओं को अगवा कर लिया गया और वर्ष 1979 में वह अपने चचरे भाइ हिम्मत सिंह, शरण सिंह और जोगेंद्र के साथ पाकितान के पासपोर्ट पर ट्रेन से अटारी बॉर्डर होते हुए हिंदुस्तान आ गए. यहां अपने रिश्तेदार के घर में पनाह ले ली. तभी से अमरनाथ और उनके भाई भारत की नागरिकता पाने के लिए दिल्ली के चक्कर काट रहे थे. अब जाकर उन्हें भारत की नागरिकता मिली है, जिसे सुनकर अमरनाथ और उनके परिवार में खुशी की लहर है.

इसे भी पढ़ें:- CAA PROTEST: मेरठ में हुई हिंसा की जांच करेगी SIT, दंगाइयों की फोटो जारी

मुजफ्फरनगर: नागरिकता संशोधन बिल के पास होते ही इसका असर देखने को मिल रहा है. जहां लोग इस कानून का चौतरफा विरोध कर रहे है तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस कानून के समर्थन में हैं. जनपद में कुछ लोग ऐसे हैं, जिनके जीवन में ये पल दीवाली और होली से कम नहीं हैं. ये वह लोग हैं, जो 44 साल पहले पाकिस्तान छोड़ मेहमान बनकर हिंदुस्तान चले आए थे. ये लोग उसी समय से भारत की नागरिकता के लिए आस लगाए थे. अब नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद ये लोग प्रधानमंत्री और अमित शाह को धन्यवाद करते नजर आ रहे हैं.

पाक से आए मेहमान बने हिंदुस्तानी.

44 साल पहले पाकिस्तान छोड़कर आए थे भारत
मुजफ्फरनगर के सिविल लाइन्स थाना क्षेत्र में गंगनहर कालोनी है, जहां CAA को लेकर दीवाली और होली जैसा माहौल है. यहां के लोगो में इस कानून को लेकर इतनी खुशी इसलिये है, क्योंकि 44 साल पहले पाकिस्तान छोड़कर भारत में आए अमरनाथ के परिवार को आज भारत देश की नागरिकता मिली है. अमरनाथ मल्होत्रा अपने परिवार को लेकर पाकिस्तान से यहां आ तो गए, पर उन्हें यहां कि नागरिकता और उनके अधिकार नहीं मिल पाए. आज नागरिक संशोधन बिल पास होने के बाद उन्हें भारत का नागरिक होने को प्रमाण पत्र मिला तो उनके चेहरे के खुशी देखने के काबिल थी.

अमरनाथ के घर होली और दिवाली का माहौल
अमरनाथ के इस खुशी का हिस्सा बनने के लिये उत्तर प्रदेश के स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री कपिलदेव अग्रवाल और विजय कश्यप भी पहुंचे. इन्होंने उन्हें नागरिकता मिलने पर बधाई दी. वहीं अमरनाथ ने केन्द्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार और उनके मंत्रियो को आभार जताया. अमरनाथ की मानें तो वह इस पल को अपने ऐतिहासिक पल के रूप में मानते हैं.

1947 में हुआ था हिंदुस्तान-पाकिस्तान का बटवारा
अमरनाथ मल्होत्रा बताते हैं कि 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तान हिंदुस्तान से अलग हो गया और ये लोग वहीं पाकिस्तान में रह गए. उनके कुछ रिश्तेदार बंटवारे के समय भारत आ गए, लेकिन उनका पाकिस्तान में रहना अब मुश्किल होने लगा था. वजह थी वहां की जनता और सरकार उन पर धर्म बदलने का दबाव बना रही थी. साथ ही वहां उनकी बहू-बेटियां भी सुरक्षित नहीं थीं.

हद तो तब हो गई जब अमरनाथ मल्होत्रा के परिवार की महिलाओं को अगवा कर लिया गया और वर्ष 1979 में वह अपने चचरे भाइ हिम्मत सिंह, शरण सिंह और जोगेंद्र के साथ पाकितान के पासपोर्ट पर ट्रेन से अटारी बॉर्डर होते हुए हिंदुस्तान आ गए. यहां अपने रिश्तेदार के घर में पनाह ले ली. तभी से अमरनाथ और उनके भाई भारत की नागरिकता पाने के लिए दिल्ली के चक्कर काट रहे थे. अब जाकर उन्हें भारत की नागरिकता मिली है, जिसे सुनकर अमरनाथ और उनके परिवार में खुशी की लहर है.

इसे भी पढ़ें:- CAA PROTEST: मेरठ में हुई हिंसा की जांच करेगी SIT, दंगाइयों की फोटो जारी

Intro:मुजफ्फरनगर: पाक से आये मेहमान बने हिंदुस्तानी

मुजफ्फरनगर: नागरिकता संशोधन बिल के पास होते ही इसका असर देखने को मिल रहा है। जंहा लोग इस बिल का चौतरफा विरोध कर रहे है, वही कुछ लोग ऐसे भी है जो इस बिल के समर्थन में है। लेकिन मुजफ्फरनगर इस मामले में दोराहे पर खडा है, क्योंकि जहां मुजफ्फरनगर में इस बिल के विरोध में हर जगह आगजनी और बवाल की घटनाएं सामने आ रही है वही कुछ लोग ऐसे है जिनके जीवन में ये पल दीवाली और होली से कम नही है। ये वो लोग है जो 44 साल पहले पाकिस्तान छोड़ मेहमान बन हिंदुस्तान चले आये थे। और तभी से भारत की नागरिकता के लिए आस लगाए थे। और अब नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद ये लोग प्रधानमंत्री और अमित शाह को धन्यवाद करते नजर आ रहे है।

Body:हम बात कर रहे है मुजफ्फरनगर के सिविल लाईन्स थाना क्षेत्र के गंगनहर कालोनी की, जंहा इस बिल को लेकर दीवाली और होली जैसा माहौल है, इन लोगो में इस बिल को लेकर इतनी खुशी इसलिये है क्योकिं 44 साल पहले पाकिस्तान छोडकर भारत में उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर आये अमरनाथ के परिवार को आज भारत देश की नागरिकता मिली है और ये सब इसलिये सम्भव हो पाया है क्योकिं मोदी सरकार ने उन शर्णाथियो के लिये इस बिल को पास कराया जो भारत आना तो चाहते थे लेकिन उन्हे यहां आने नही दिया गया, या वो लोग किसी अन्य मजबूरी के चलते यंहा नही आ सके। अमरनाथ अपने परिवार को लेकर पाकिस्तान से यहां आ तो गये, पर उन्हे यहां कि नागरिकता और उनके अधिकार नही मिल पाये और वो सिर्फ एक शर्णनाथी के तौर पर भारत देश में रह रहे थे। आज नागरिक संशोधन बिल पास होने के बाद उन्हे भारत का नागरिक होने को प्रमाण पत्र मिला तो उनके चेहरे के खुशी देखने के काबिल थी। उनकी इस खुशी का हिस्सा बनने के लिये उत्तर प्रदेश के स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री कपिलदेव अग्रवाल और विजय कश्यप भी पहुचे, जिन्होने उन्हे नागरिकता मिलने पर बधाई दी और वही अमरनाथ ने केन्द्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार और उनके मंत्रियो को आभार जताया। अमर नाथ की माने तो वह इस पल को अपने ऐतिहासिक पल के रूप में मानते है। अमरनाथ की माने तो उन्हे पाकिस्तान में काफी प्रताडित किया गया और उनके घर की महिलाओ को भी अगवा कर लिया गया। जिसके बाद वह पाकिस्तान छोड भारत आ गये, लेकिन आज भी उनके कई रिश्तेदार पाकिस्तान में ही फसें हुए है। उन्होने मोदी और योगी सरकार का आभार व्यक्त किया और वह चाहते है कि उनके अन्य रिश्तेदार भी भारत लाये जाये और उन्हे भी भारत की नागरिकता मिले। अमरनाथ मल्होत्रा बताते है की उनका जन्म अखंड भारत में हुआ था और वो अपने परिवार के साथ पाकिस्तान के प्रान्त खैबर पख्तून में रहकर कपडे का व्यापर करते थे। 1947 में बटवारे के बाद पाकिस्तान हिंदुस्तान से अलग हो गया और वंही पाकिस्तान में रह गए उनके कुछ रिस्तेदार बटवारे के समय भारत आ गए। लेकिन उनका पाकिस्तान में रहना अब मुश्किल होने लगा था वजह थी वंहा की जनता और सरकार उन पर धर्म बदलने का दबाव बना रही थी साथ ही वंहा उनकी बहु बेटियां भी सुरक्षित नहीं थी। Conclusion:हद तब हो गयी जब अमरनाथ मल्होत्रा के परिवार की महिलाओ को अगवा कर लिया गया। और वर्ष 1979 में वो अपने चचरे भाइयो हिम्मत सिंह ,शरण सिंह। जोगेंद्र के साथ पाकितान के पासपोर्ट पर ट्रेन से अटारी बॉर्डर होते हुए हिंदुस्तान आ गए और मुज़फ्फरनगर में अपने रिस्तेदार के घर में पनाह ले ली। तभी से अमरनाथ और उनके भाई भारत की नागरिकता पाने के लिए दिल्ली के चक्कर काट रहे थे। लेकिन अब जाकर उन्हें भारत की नागरिकता मिली है जिसे सुनकर अमरनाथ और उनके परिवार में ख़ुशी की लहार है।

बाइट- अमरनाथ(पाकिस्तान शरणार्थी)
बाइट= संजीव बालियान( केंद्रीय राज्य मंत्री)
बाइट= विजय कश्यप ( राज्य मंत्री, उत्तर प्रदेश)

अंकित मित्तल
9719007272
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