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मुजफ्फरनगर में सिपाही शाकिर हत्याकांड मामला, पत्नी व सास सहित चार आरोपी बरी

मुजफ्फरनगर में 12 साल पहले पुलिस लाइन से अपहरण के बाद की गई कांस्टेबल शाकिर की हत्या के मामले में कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर हत्यारोपी पत्नी व सास सहित चार आरोपियों को बरी कर दिया.

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Published : May 19, 2023, 7:15 AM IST

मुजफ्फरनगर : जिले में गत 5 अप्रैल 2011 को सिविल लाइन थाने में तैनात सिपाही शाकिर का अपहरण कर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस सनसनीखेज मामले में चार आरोपी शाकिर की पत्नी रेशमा, सास इशरत जहां, एक वकील भारत वीर व अमित को कोर्ट ने सबूत के अभाव में बरी कर दिया है. इस मामले के एक आरोपी सिपाही रामवीर की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है. गुरुवार को मामले की सुनवाई जिला जज चवन प्रकाश की कोर्ट में हुई.

बता दें कि मुजफ्फरनगर के सिविल लाइन थाने पर तैनात सिपाही शाकिर पुलिस लाइन में रहता था. 3 अप्रैल 2011 को रात्रि के समय कहीं चला गया था, जिसके बाद उनकी पत्नी रेशमा ने 4 अप्रैल को उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन 5 अप्रैल को ही भोपा पुल के पास से उनका शव बरामद हुआ था, जिसके बाद 15 अप्रैल को शाकिर के पिता ने पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसमें उनके द्वारा न्यायालय में 14 गवाह पेश किए गए थे. मामले में 12 साल तक की पूरी कार्रवाई चली, जिसके बाद गुरुवार को न्यायालय के द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद मुलजिम पक्ष के सभी लोगों को बरी कर दिया गया है. बता दें मृतक सिपाही शाकिर की पत्नी और सास पर पिता ने हत्या का आरोप लगाया था. इस दौरान पीड़िता रेशमा खान ने कहा कि '12 साल का समय बहुत कठिन गुजरा है और हम पर जिस तरह के आरोप लगाए गए थे उन्हें आज न्यायालय ने नकार दिया है.'

यह भी पढ़ें : बहन के घर से लौट रहे बीटेक के छात्र की सड़क हादसे में मौत, पुलिस चालक की तलाश में जुटी

मुजफ्फरनगर : जिले में गत 5 अप्रैल 2011 को सिविल लाइन थाने में तैनात सिपाही शाकिर का अपहरण कर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस सनसनीखेज मामले में चार आरोपी शाकिर की पत्नी रेशमा, सास इशरत जहां, एक वकील भारत वीर व अमित को कोर्ट ने सबूत के अभाव में बरी कर दिया है. इस मामले के एक आरोपी सिपाही रामवीर की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है. गुरुवार को मामले की सुनवाई जिला जज चवन प्रकाश की कोर्ट में हुई.

बता दें कि मुजफ्फरनगर के सिविल लाइन थाने पर तैनात सिपाही शाकिर पुलिस लाइन में रहता था. 3 अप्रैल 2011 को रात्रि के समय कहीं चला गया था, जिसके बाद उनकी पत्नी रेशमा ने 4 अप्रैल को उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन 5 अप्रैल को ही भोपा पुल के पास से उनका शव बरामद हुआ था, जिसके बाद 15 अप्रैल को शाकिर के पिता ने पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसमें उनके द्वारा न्यायालय में 14 गवाह पेश किए गए थे. मामले में 12 साल तक की पूरी कार्रवाई चली, जिसके बाद गुरुवार को न्यायालय के द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद मुलजिम पक्ष के सभी लोगों को बरी कर दिया गया है. बता दें मृतक सिपाही शाकिर की पत्नी और सास पर पिता ने हत्या का आरोप लगाया था. इस दौरान पीड़िता रेशमा खान ने कहा कि '12 साल का समय बहुत कठिन गुजरा है और हम पर जिस तरह के आरोप लगाए गए थे उन्हें आज न्यायालय ने नकार दिया है.'

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