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मुजफ्फरनगर: जिला प्रशासन दिहाड़ी मजदूरों को दिलाएगा रोजगार

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में जिला प्रशासन की तरफ से दिहाड़ी मजदूरों को काम दिलाया जा रहा है. घर बैठे मजदूरों के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में मनरेगा का काम शुरू होगा. वहीं बड़े प्रोजेक्ट जैसे हाईवे आदि में भी प्रशासन ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कार्य करने की अनुमति दी है.

दिहाड़ी मजदूर
दिहाड़ी मजदूरों के लिए रोजगार शुरू किया जा रहा है.
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Published : Apr 30, 2020, 6:12 PM IST

मुजफ्फरनगर: लॉकडाउन के चलते दिहाड़ी मजदूरों के सामने आर्थिक संकट बढ़ता जा रहा है. इसके साथ-साथ जो मजदूरी के लिए दूसरे प्रदेशों में गए हुए थे वह भी वापस आ गए हैं. मजदूरों की बेरोजगारी को और अन्य दिक्कतों को देखते हुए एडीएम प्रशासन ने बताया कि इनके लिए रोजगार शुरू किया जा रहा है.

एडीएम प्रशासन अमित कुमार ने बताया कि सीएम के निर्देशानुसार हरियाणा-पंजाब में कार्य कर रहे उत्तर प्रदेश के मजदूरों को बसों के माध्यम से जिले में लाया गया है, जिनकी संख्या लगभग 223 है. उन्हें क्वारेंटाइन में रखा गया है, जिस प्रदेश से वो लोग आए है वहां भी वह अपना क्वारेंटाइन पीरियड पूरा कर चुके हैं. उनके खाने पीने की समुचित व्यवस्था क्वारेंटाइन सेंटर में की जा रही है. सभी मजदूरों के थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई है.

लॉकडाउन में काम नहीं कर पाने की वजह से घर बैठे मजदूरों के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में मनरेगा के काम शुरू करवा दिया गया है. उनके लिए वर्क आईडी भी जनरेट की गई है, जिससे उनका काम धीरे-धीरे चल पाए. बड़े प्रोजेक्ट जैसे हाईवे आदि में भी प्रशासन ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कार्य करने की अनुमति दे दी है. उत्पादन करने वाली इकाइयों को सोशल डिस्टेंसिंग और 50 प्रतिशत वर्करों के साथ कार्य करने के लिए निर्देश दिए गए हैं.

रोजमर्रा में कार्य करने वाले इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर आदि को सुबह 6:00 से 9:00 कार्य करने का आदेश जारी किया गया है. श्रमिक वर्ग के खातों में प्रशासन ने एक 1000 रुपये भेज दिया है. ऐसे लगभग 60000 लोगों के खातों में पैसा डाला गया है. जल निगम के कार्यों को भी शुरू कर दिया गया है. प्रशासन द्वारा इस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे मजदूर लॉकडाउन में भी अपने रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर सकें.

मुजफ्फरनगर: लॉकडाउन के चलते दिहाड़ी मजदूरों के सामने आर्थिक संकट बढ़ता जा रहा है. इसके साथ-साथ जो मजदूरी के लिए दूसरे प्रदेशों में गए हुए थे वह भी वापस आ गए हैं. मजदूरों की बेरोजगारी को और अन्य दिक्कतों को देखते हुए एडीएम प्रशासन ने बताया कि इनके लिए रोजगार शुरू किया जा रहा है.

एडीएम प्रशासन अमित कुमार ने बताया कि सीएम के निर्देशानुसार हरियाणा-पंजाब में कार्य कर रहे उत्तर प्रदेश के मजदूरों को बसों के माध्यम से जिले में लाया गया है, जिनकी संख्या लगभग 223 है. उन्हें क्वारेंटाइन में रखा गया है, जिस प्रदेश से वो लोग आए है वहां भी वह अपना क्वारेंटाइन पीरियड पूरा कर चुके हैं. उनके खाने पीने की समुचित व्यवस्था क्वारेंटाइन सेंटर में की जा रही है. सभी मजदूरों के थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई है.

लॉकडाउन में काम नहीं कर पाने की वजह से घर बैठे मजदूरों के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में मनरेगा के काम शुरू करवा दिया गया है. उनके लिए वर्क आईडी भी जनरेट की गई है, जिससे उनका काम धीरे-धीरे चल पाए. बड़े प्रोजेक्ट जैसे हाईवे आदि में भी प्रशासन ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कार्य करने की अनुमति दे दी है. उत्पादन करने वाली इकाइयों को सोशल डिस्टेंसिंग और 50 प्रतिशत वर्करों के साथ कार्य करने के लिए निर्देश दिए गए हैं.

रोजमर्रा में कार्य करने वाले इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर आदि को सुबह 6:00 से 9:00 कार्य करने का आदेश जारी किया गया है. श्रमिक वर्ग के खातों में प्रशासन ने एक 1000 रुपये भेज दिया है. ऐसे लगभग 60000 लोगों के खातों में पैसा डाला गया है. जल निगम के कार्यों को भी शुरू कर दिया गया है. प्रशासन द्वारा इस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे मजदूर लॉकडाउन में भी अपने रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर सकें.

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