मुजफ्फरनगरः पश्चमी उत्तर प्रदेश में 19 मार्च से तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है. दो दिनों से लगातार हो रही बरसात के साथ तेज हवा से किसानों की तैयार गेंहू और सरसों की फसल गिरकर बर्बाद हो गई है. पकने को तैयार खड़ी गेंहू की फसल खेतों में चादर की तरह बिछ गई है. वहीं, ओले गिरने से सरसों की फलियां टूट गई हैं. वहीं, आम, आड़ू, फुलम समेत कई बागबानी फसलों के फूल झड़ गए हैं.
बारिश होने से किसानों को न सिर्फ 40 फीसदी पैदावार का नुकसान हुआ है, बल्कि किसानों के चेहरे भी उतर गए हैं. किसानो के चेहरों पर मायूसी देखी जा रही है. बेमौसम बारिश से हुए नुकशान की भरपाई के लिए बेबश किसानो की आस अब प्रदेश सरकार पर टिकी हैं. भारतीय किसान यूनियन ने उपजिलाधिकारी को ज्ञापन देकर किसानों की बर्बाद फसल के मुआवजे की मांग की है
रुक-रुककर हो रही बारिश के पानी से किसानों के खेत लबालब भर गए हैं. गन्ना बुवाई के लिए तैयार खेतों में पानी भरने से गन्ने की बुवाई पर असर पड़ा है और गन्ना बुवाई लेट हो गई है. खादर क्षेत्र में जायद की फसलों को भी बारिश से नुकसान होगा. सब्जियों में तरबूज, खरबूजा आदि की बेल गलने का खतरा बना हुआ है. होली के बाद हुई बारिश से पारा लुढ़ककर निचले पायदान पर आ गया है, जिससे लोग दोबारा से गर्म कपड़े निकालने को मजबूर हो गए हैं.
मुजफ्फरनगर के मीरापुर क्षेत्र में देर रात से मौसम का मिजाज अचानक बदल गया और रात्रि में बारिश और ओलों ने कई जगह खूब तबाही मचाई है. खेतों में खड़ी गेहूं की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. इस तबाही के शिकार हाशमपुर , भूम्मा, मीरांपुर ,रामराज, खेड़ी सराय आदि के किसान हुए हैं. वहीं, पुरकाजी क्षेत्र में बरला, रेई, बदेडी, छपार में भी फैसले खराब हुई है. इतने दिन तक मौसम खराब रहा और फिर रात्रि में अचानक तेज हवाओं के साथ भारी बारिश व ओले गिरते दिखे, जिसकी वजह से गेहूं और सरसों की पकी खड़ी फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. क्षेत्र में गेहूं, सरसो की फसल लगी है और अनेक किसानों द्वारा सरसों की फसलों की कटाई का कार्य भी किया जा रहा है.
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