मुजफ्फरनगर: जिले में सीलिंग की कार्रवाई होने से बैंक्वेट हॉल संचालक और विवाह मंडप व्यवसाय से जुड़े लोग परेशान हैं. व्यापारियों ने बिना किसी सूचना और नोटिस के सीलिंग की कार्रवाई कर भूमि को राज्य सरकार के नाम दर्ज कराने पर अपना रोष प्रकट किया है. मंगलवार को व्यापारियों ने एक मीटिंग कर जिला प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ एकजुट हो गए. प्रशासन की कार्रवाई से सालाना अनुबंध कर किराए पर विवाह मंडप चला रहे व्यवसायियों को फरवरी में बुकिंग को लेकर नुकसान हो सकता है.
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बर्बाद हो जाएंगे व्यवसायी
मंडप व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि एक विवाह मंडप से 50 लोगों के घरों की रोजी-रोटी चलती है. शादी के सीजन में बुकिंग और पार्टी से ली गई अग्रिम धनराशि से लेबर और अन्य खर्चे चलते हैं. यदि विवाह मंडप पर जिला प्रशासन की सीलिंग कार्रवाई होती है तो मंडप व्यवसायी बर्बाद हो जाएंगे. विवाह मंडप के भूमि स्वामियों के बीच चल रहे विवाद में जिला प्रशासन किसी भी पक्ष को कोर्ट में सुनने के लिए तैयार नहीं है.
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उपजिलाधिकारी सदर दीपक कुमार ने एक आदेश में 51 बीघा जमीन के स्वामी कुंवर आलोक स्वरूप और कुंवर अनिल स्वरूप पर सरकारी अभिलेखों में छेड़छाड़ कर जमीन को अपने नाम अंकित करने का आरोप लगाया है. साथ ही इस जमीन को राज्य सरकार के नाम दर्ज करने के आदेश दिए हैं. उप जिलाधिकारी ने भूमि के स्वामी कुंवर आलोक स्वरूप और कुंवर अनिल स्वरूप को अपना पक्ष कोर्ट में रखने की भी इजाजत नहीं दी है. इस भूमि के 12 बीघा भूमि में बने कमला फार्म हाउस और भावना पैलेस विवाह मंडप वर्तमान में एक अनुबंध के तहत सालाना किराएदारी के रूप में चल रहे हैं. जिला प्रशासन ने बिना किसी सूचना और नोटिस चस्पा किए इन विवाह मंडप ऊपर सीलिंग की कार्रवाई करने पहुंच गए. विरोध के चलते सीलिंग कार्रवाई तो नहीं हो पाई, लेकिन विवाह मंडप से जुड़े व्यवसायी इस बात को लेकर सकते में हैं