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मुजफ्फरनगर: फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रही शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई - फर्जी प्रमाण पत्र पर शिक्षण कार्य

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रही एक शिक्षिका पर विभाग ने कार्रवाई की है. विभाग ने उसकी नियुक्ति को फर्जी बताया है. वहीं नियुक्ति को पहले दिन से ही शून्य मान लिया गया है.

 फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रही शिक्षिका के विरुद्ध कार्रवाई
फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रही शिक्षिका के विरुद्ध कार्रवाई
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Published : Jul 15, 2020, 5:18 PM IST

मुजफ्फरनगर : प्रदेश भर में शिक्षा विभाग में फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों पर नौकरी कर रहे शिक्षक-शिक्षिकाओं की पोल खुल रही है. ऐसा ही एक मामला जिले के शाहपुर ब्लॉक के गांव बजधाडा के प्राथमिक विद्यालय का सामने आया है. यहां तैनात महिला टीचर कपिल चौधरी के विरुद्ध विभाग कार्रवाई की गई है. विभाग ने उनकी नियुक्ति को पहले दिन से ही शून्य मानते हुए कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.

बीएसए रमापति त्रिपाठी ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि कपिल चौधरी की मूल नियुक्ति मथुरा जनपद में 2010 में हुई थी. अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में 2012 को उनका मुजफ्फरनगर में स्थानांतरण हुआ. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में 2823 की सूची है, जो आगरा विश्वविद्यालय से B.Ed किए हैं. उनसे संबंधित इसमें कपिल चौधरी का नाम था और विश्वविद्यालय ने भी 2823 की सूची फर्जी घोषित कर रखी है.

उच्च न्यायालय ने भी उसको स्वीकार कर लिया और कपिल चौधरी का नाम सूची में सम्मिलित होने के कारण इनकी नियुक्ति पहले दिन से ही शून्य कर दी गई है. इनके खिलाफ रिकवरी के भी नोटिस जारी किए जा चुके हैं. साथ ही इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की भी कार्रवाई की जा रही है.

मुजफ्फरनगर : प्रदेश भर में शिक्षा विभाग में फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों पर नौकरी कर रहे शिक्षक-शिक्षिकाओं की पोल खुल रही है. ऐसा ही एक मामला जिले के शाहपुर ब्लॉक के गांव बजधाडा के प्राथमिक विद्यालय का सामने आया है. यहां तैनात महिला टीचर कपिल चौधरी के विरुद्ध विभाग कार्रवाई की गई है. विभाग ने उनकी नियुक्ति को पहले दिन से ही शून्य मानते हुए कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.

बीएसए रमापति त्रिपाठी ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि कपिल चौधरी की मूल नियुक्ति मथुरा जनपद में 2010 में हुई थी. अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में 2012 को उनका मुजफ्फरनगर में स्थानांतरण हुआ. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में 2823 की सूची है, जो आगरा विश्वविद्यालय से B.Ed किए हैं. उनसे संबंधित इसमें कपिल चौधरी का नाम था और विश्वविद्यालय ने भी 2823 की सूची फर्जी घोषित कर रखी है.

उच्च न्यायालय ने भी उसको स्वीकार कर लिया और कपिल चौधरी का नाम सूची में सम्मिलित होने के कारण इनकी नियुक्ति पहले दिन से ही शून्य कर दी गई है. इनके खिलाफ रिकवरी के भी नोटिस जारी किए जा चुके हैं. साथ ही इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की भी कार्रवाई की जा रही है.

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