चन्दौली: ऑनलाइन ठगी के मामले में मुगलसराय कोतवाली पुलिस व सर्विलांस टीम को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने तीन अन्तरप्रांतीय जालसाजों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से नकदी समेत भारी मात्रा में सिम कार्ड और एटीएम बरामद हुए हैं. इसके अलावा विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे लैपटॉप, मोबाइल भी बरामद किए हैं.
चन्दौली पुलिस ऑनलाइन ठगी को रोकने में इसे बड़ी कामयाबी मान रही है, लेकिन इस गैंग का सरगना अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. जिसे जल्द ही गिरफ्तार करने का पुलिस दावा कर रही है. पकड़े गए ये शातिर जालसाज दिल्ली एनसीआर में स्थित कॉल सेंटर के अलावा मोबाइल कॉल सेंटर के जरिए भी ठगी करते थे. ताकि इनका लोकेशन ट्रेस न हो सके. फिलहाल पुलिस ने सभी के खिलाफ ठगी समेत आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है.
कई दिन से मिल रही थी ऑनलाइन ठगी की शिकायत
दरअसल, पिछले दिनों लगातार लोगों के साथ हो रहे ऑनलाइन ठगी व फोन करके बैंक खाते से रुपये निकालने की शिकायत मिल रही थी. इसी क्रम में मुगलसराय कोतवाली पुलिस व सर्विंलांस की टीम ने ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को संज्ञान में लेकर साक्ष्य इकट्ठा किया, जिसके बाद मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के एफसीआई मोड़ दुलहीपुर के पास से एक कार से तीन शातिर ठगों को गिरफ्तार किया.
ये सामान हुए बरामद
पुलिस ने पकड़े गए जालसाजों के पास से 97 एटीएम कार्ड, 853 सिम कार्ड, 22 मोबाइल, एक लैपटॉप, 37 हजार नगद समेत तीन तमंचा व जिंदा कारतूस बरामद किया है. इसमें गिरफ्तार अभियुक्त संदीप कुमार और महेन्द्र कुमार वर्मा अंबेडकर नगर के रहने वाले है. जबकि तीसरा आरोपी अर्पित सिंह उर्फ गोलू संतरविदास नगर का रहने वाला है.
पुलिस अधीक्षक ने दी जानकारी
पुलिस अधीक्षक हेमंत कुटियान ने बताया कि इन शातिर ठगों का एक बड़ा गैंग सक्रिय है, जिसमें कई लोग शामिल हैं. ये लोग पहले लोगों के नंबरों पर फोन करके KYC अपडेट करने के नाम पर, ATM बंद होने और लॉटरी लगने आदि के नाम पर भरोसे में लेते हैं और फिर उनका OTP प्राप्त कर लेते थे. उन्होंने बताया कि ओटीपी मिलने के बाद ये ठग सम्बन्धित व्यक्ति के खाते से पैसे अपने paytm व अन्य वॉयलेट में ट्रांसफर कर लेते थे, जिसे वे विभिन्न बैंको के खातों में ट्रांसफर कर देते थे. इसे ये देश के अलग अलग हिस्सों में एटीएम के जरिेए निकाल लेते थे.
एसपी ने बताया कि इन शातिर जालसाजों का कोई स्थाई ठिकाना नहीं था. दिल्ली एनसीआर में कॉल सेंटर बनाकर ठगी करते थे. इसके अलावा पूर्वांचल के कई जिलों में अस्थाई ठिकाना बनाकर मोबाइल के जरिए लोगों को जाल में फंसाकर ठगी का शिकार बनाते थे. ये शातिर जालसाज अब तक सैकड़ों लोगों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बना चुके हैं.
ये भी पढ़ें: रियलिटी चेक: कितना सुरक्षित है चंदौली न्यायालय परिसर