चंदौली : जिला एवं सत्र विशेष न्यायाधीश पॉक्सो राजेन्द्र प्रसाद की अदालत ने सोमवार को 8 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म मामले में कड़ा फैसला सुनाया है. चकिया निवासी बैजू को दुष्कर्म के अलग-अलग मामले में कुल 25 साल की सुनाई है. इसके अलावा उस पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. जुर्माना न अदा करने पर आरोपी को दो वर्ष की अतिरिक्त सज़ा भुगतनी होगी.
अभियोजन की ओर से विशेष अधिवक्ता पॉक्सो शमशेर बहादुर सिंह ने बताया की 12 अप्रैल 2022 को बालिका मंदिर में पूजा करने गई थी. इस दौरान आरोपी बैजू बालिका को उठा ले गया और उसके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म की किया. बालिका रोते हुए घर पहुंची और अपनी मां से आपबीती सुनाई. जिसके बाद मां की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की शुरू की गई. मुकदमा दर्ज कराने के बाद बैजू के परिजनों ने पीड़िता के घर पहुंचकर उसके पिता से मारपीट की. जिसके बाद पुलिस ने इनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया.
12 अप्रैल को हुई इस घटना में पुलिस ने नाबालिग से रेप के आरोप में आईपीसी की धारा 376 A/B के तहत मुकदमा दर्ज किया. इसके अलावा अप्राकृतिक दुष्कर्म के मामले धारा 377 के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना की गई. इसके अलावा पिता समेत अन्य परिजनों के खिलाफ मुकदमा 323 के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की गई. पुलिस की तरफ से चार्जशीट लगाए जाने के बाद 6 महीने से भी कम समय तक चले ट्रायल के बाद स्पेशल कोर्ट पॉक्सो ने अभियुक्तों को सजा मुकर्रर कर दी.
इस मामले में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में 25 साल का कारावास, 50 हजार जुर्माना की सजा सुनाई. जुर्माना जमा नहीं करने की स्थिति 2 साल की अतिरिक्त सजा का भुगतनी होगी. इसके अलावा अप्राकृतिक दुष्कर्म के आरोप में 10 साल की सजा और 25 हजार जुर्माना की सजा सुनाई. जुर्माना न अदा करने की स्थिति में 1 साल की अतिरिक्त सजा सुनाई गई. वहीं मारपीट के मामले में बैजू के भाई सैजु और पिता विजयी को एक साल की सजा सुनाई. सभी सजा एक साथ चलेगी.
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