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Chandauli news: RTE से चयनित 12 छात्रों को परीक्षा केंद्र से निकाला बाहर, नाराज छात्र डीएम आवास पहुंचे

चंदौली में RTE से चयनित छात्रों को स्कूल प्रशासन ने परीक्षा केंद्र से बाहर निकाल दिया. इससे नाराज छात्र और परिजन डीएम आवास पहुंचे. मौके पर पहुंचे बीएसए ने सभी को शांत कराते हुए बच्चों को परीक्षा देने के लिए स्कूल भेज दिया.

RTE चयनित 12 छात्रों को परीक्षा केंद्र से निकाला बाहर,
RTE चयनित 12 छात्रों को परीक्षा केंद्र से निकाला बाहर,
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Published : Mar 2, 2023, 4:37 PM IST

RTE चयनित 12 छात्रों को परीक्षा केंद्र से निकाला बाहर,

चंदौली: जिले में गुरुवार को स्कूल संचालक की मनमानी का मामला सामने आया है. मुख्यालय के वार्ड नंबर दो शास्त्री नगर स्थित ब्लोसम एकेडमी के प्रधानाचार्य के द्वारा गुरुवार को 12 से अधिक छात्रों को परीक्षा केंद्र से बाहर निकाल दिया. छात्रों ने आरोप लगाया कि उनका चयन राइट टू एजुकेशन के तहत हुआ था. लेकिन संचालक शासन के नियमों को ताक पर रखकर प्रत्येक छात्र से 18 सौ रुपये फीस की डिमांड कर रहा था. ऐसे में नाराज छात्र और ‌अभिभावक डीएम आवास पर पहुंच गए. जहां घंटे भर बाद पहुंचे बीएसए सत्येंद्र कुमार सिंह ने छात्रों को समझाकर वापस भेज दिया.

दरअसल, शिक्षा विभाग के द्वारा हर साल गरीब बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के लिए राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत चयन किया जाता है. चयन के बाद छात्रों को स्कूल का आवंटन किया जाता है. जहां छात्रों को बगैर कोई फीस लिए शिक्षा देने का प्राविधान है. लेकिन जिला मुख्यालय के ब्लोसम एकेडमी में राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत चयनित छात्रों के साथ प्रधानाचार्य ने नकारात्मक व्यवहार किया है. छात्रों के परिजनों का आरोप है कि स्कूल के प्रधानाचार्य ने RTE से चयनित से 12 छात्रों को परीक्षा देने से मना करते हुए परीक्षा केंद्र से बाहर निकाल दिया. इसी के साथ परिजनों ने बताया कि स्कूल प्रशासन बच्चों से फीस की मांग कर रहा है. इसी बच्चों को परीक्षा नहीं देने दी जा रही है.

नाराज छात्र गुरुवार को डीएम आवास पहुंचे. छात्र सरफराज अहमद ने बताया कि प्रधानाचार्य के द्वारा फीस की डिमांड की जा रही थी. इसी के चलते उनको परीक्षा में बैठने से रोक दिया है. जबकि परीक्षा से वंचित होने से भविष्य अंधकार मय होने की आशंका है. वहीं, अभिभावक दिलीप कुमार ने बताया कि स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा पिछले कई दिनों से लगतार छात्रों को फीस के लिए धमकाया जा रहा था. ऐसे में गुरुवार को स्कूल पहुंचने पर छात्रों को परीक्षा हाल में जाने से रोक दिया गया. जिसकी शिकायत को लेकर जिलाधिकारी आवास पहुंचे.

वहीं, मामले की जानकारी मिलते ही बीएसए सत्येंद्र कुमार सिंह भी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने बताया कि स्कूल प्रबंधन से बात हुई है. मामला बदसलूकी से जुड़ा है. छात्रों और अभिवावकों को भी समझा बुझाकर वापस स्कूल भेज दिया गया है. साथ ही जिले के स्कूल संचालक को कड़ी चेतावनी भी दी गई है. जल्द ही शासन की तरफ से धन राशि मिलते ही स्कूलों को पैसे उपलब्ध करा दिए जाएंगे.

यह भी पढ़ें: जाति प्रमाण पत्र बनवाने के नाम छात्रा के साथ गैंगरेप, एसएसपी से लगाई न्याय की गुहार

RTE चयनित 12 छात्रों को परीक्षा केंद्र से निकाला बाहर,

चंदौली: जिले में गुरुवार को स्कूल संचालक की मनमानी का मामला सामने आया है. मुख्यालय के वार्ड नंबर दो शास्त्री नगर स्थित ब्लोसम एकेडमी के प्रधानाचार्य के द्वारा गुरुवार को 12 से अधिक छात्रों को परीक्षा केंद्र से बाहर निकाल दिया. छात्रों ने आरोप लगाया कि उनका चयन राइट टू एजुकेशन के तहत हुआ था. लेकिन संचालक शासन के नियमों को ताक पर रखकर प्रत्येक छात्र से 18 सौ रुपये फीस की डिमांड कर रहा था. ऐसे में नाराज छात्र और ‌अभिभावक डीएम आवास पर पहुंच गए. जहां घंटे भर बाद पहुंचे बीएसए सत्येंद्र कुमार सिंह ने छात्रों को समझाकर वापस भेज दिया.

दरअसल, शिक्षा विभाग के द्वारा हर साल गरीब बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के लिए राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत चयन किया जाता है. चयन के बाद छात्रों को स्कूल का आवंटन किया जाता है. जहां छात्रों को बगैर कोई फीस लिए शिक्षा देने का प्राविधान है. लेकिन जिला मुख्यालय के ब्लोसम एकेडमी में राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत चयनित छात्रों के साथ प्रधानाचार्य ने नकारात्मक व्यवहार किया है. छात्रों के परिजनों का आरोप है कि स्कूल के प्रधानाचार्य ने RTE से चयनित से 12 छात्रों को परीक्षा देने से मना करते हुए परीक्षा केंद्र से बाहर निकाल दिया. इसी के साथ परिजनों ने बताया कि स्कूल प्रशासन बच्चों से फीस की मांग कर रहा है. इसी बच्चों को परीक्षा नहीं देने दी जा रही है.

नाराज छात्र गुरुवार को डीएम आवास पहुंचे. छात्र सरफराज अहमद ने बताया कि प्रधानाचार्य के द्वारा फीस की डिमांड की जा रही थी. इसी के चलते उनको परीक्षा में बैठने से रोक दिया है. जबकि परीक्षा से वंचित होने से भविष्य अंधकार मय होने की आशंका है. वहीं, अभिभावक दिलीप कुमार ने बताया कि स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा पिछले कई दिनों से लगतार छात्रों को फीस के लिए धमकाया जा रहा था. ऐसे में गुरुवार को स्कूल पहुंचने पर छात्रों को परीक्षा हाल में जाने से रोक दिया गया. जिसकी शिकायत को लेकर जिलाधिकारी आवास पहुंचे.

वहीं, मामले की जानकारी मिलते ही बीएसए सत्येंद्र कुमार सिंह भी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने बताया कि स्कूल प्रबंधन से बात हुई है. मामला बदसलूकी से जुड़ा है. छात्रों और अभिवावकों को भी समझा बुझाकर वापस स्कूल भेज दिया गया है. साथ ही जिले के स्कूल संचालक को कड़ी चेतावनी भी दी गई है. जल्द ही शासन की तरफ से धन राशि मिलते ही स्कूलों को पैसे उपलब्ध करा दिए जाएंगे.

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