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रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

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Published : Sep 21, 2022, 3:58 PM IST

चंदौली में रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ पुलिस ने किया है.

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चन्दौली - रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ो रूपये की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, रिटायर्ड सेना का जवान मास्टर माइंड

चंदौली: बलुआ पुलिस(balua police) ने रेलवे में नौकरी(job in railway) के नाम पर दर्जनों लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. अभियुक्त पैसे लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र देते थे. ठगी के आरोपी भारतीय रेलवे भर्ती बोर्ड(Indian Railway Recruitment Board), दिल्ली में खुद के परिचित के होने की बात कहकर ठगी करते थे. इनके पास से तीन एटीएम कार्ड व एक कार बरामद हुई है. पुलिस आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कर अगली कार्रवाई में जुट गई है.

दरअसल बलुआ थाना क्षेत्र के रैथा गाँव निवासी पारसनाथ यादव व बेटे भूपेंद्र यादव की पुलिस पिछले काफी दिनों से कर रही थी. सराय टेढ़ीया पुल के पास से पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.

पूछताछ में मुख्य अभियुक्त पारस नाथ यादव ने बताया कि वह 1995 में सेना में सैनिक पद पर भर्ती हुआ था तथा वर्ष 2012 में सेवानिवृत्त होने के बाद सिद्धार्थ नगर में बैंक में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करने लगा. उसी समय सिद्धार्थ नगर से घर आते-जाते समय ट्रेन में ही देवरिया जिले के रहने वाले अभियुक्त अर्जुन सिंह से मुलाकात हुई. बात-बात में ही अर्जुन सिंह ने बताया कि भारतीय रेलवे भर्ती बोर्ड दिल्ली में हमारे परिचित हैं.

हम लोग उनके सहयोग से भर्ती कराकर पैसे कमाते हैं. बताया कि अर्जुन सिंह व अन्य की मदद से गांव के अलावा क्षेत्र के कई लोगों को रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर पांच लाख से लेकर दस लाख रुपये लेकर रेलवे का फर्जी ज्वाइनिंग लेटर दिया था. पैसा मिलने के बाद आपस में बांट लिया. इस बारे में एसपी चन्दौली अंकुर ने बताया की नौकरी के नाम पर झांसा देने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया गया है. जालसाजी करने वाले के पास फर्जी सर्टिफिकेट समेत अन्य सामान बरामद हुआ है. मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.

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ये भी पढ़ेंः जेलर को धमकाने के मामले में मुख्तार अंसारी दोषी करार, हाईकोर्ट ने सुनाई दो साल की सजा

चंदौली: बलुआ पुलिस(balua police) ने रेलवे में नौकरी(job in railway) के नाम पर दर्जनों लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. अभियुक्त पैसे लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र देते थे. ठगी के आरोपी भारतीय रेलवे भर्ती बोर्ड(Indian Railway Recruitment Board), दिल्ली में खुद के परिचित के होने की बात कहकर ठगी करते थे. इनके पास से तीन एटीएम कार्ड व एक कार बरामद हुई है. पुलिस आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कर अगली कार्रवाई में जुट गई है.

दरअसल बलुआ थाना क्षेत्र के रैथा गाँव निवासी पारसनाथ यादव व बेटे भूपेंद्र यादव की पुलिस पिछले काफी दिनों से कर रही थी. सराय टेढ़ीया पुल के पास से पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.

पूछताछ में मुख्य अभियुक्त पारस नाथ यादव ने बताया कि वह 1995 में सेना में सैनिक पद पर भर्ती हुआ था तथा वर्ष 2012 में सेवानिवृत्त होने के बाद सिद्धार्थ नगर में बैंक में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करने लगा. उसी समय सिद्धार्थ नगर से घर आते-जाते समय ट्रेन में ही देवरिया जिले के रहने वाले अभियुक्त अर्जुन सिंह से मुलाकात हुई. बात-बात में ही अर्जुन सिंह ने बताया कि भारतीय रेलवे भर्ती बोर्ड दिल्ली में हमारे परिचित हैं.

हम लोग उनके सहयोग से भर्ती कराकर पैसे कमाते हैं. बताया कि अर्जुन सिंह व अन्य की मदद से गांव के अलावा क्षेत्र के कई लोगों को रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर पांच लाख से लेकर दस लाख रुपये लेकर रेलवे का फर्जी ज्वाइनिंग लेटर दिया था. पैसा मिलने के बाद आपस में बांट लिया. इस बारे में एसपी चन्दौली अंकुर ने बताया की नौकरी के नाम पर झांसा देने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया गया है. जालसाजी करने वाले के पास फर्जी सर्टिफिकेट समेत अन्य सामान बरामद हुआ है. मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.

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