चंदौलीः सिविल बार एसोसिएशन का वार्षिक चुनाव शुक्रवार को गहमागहमी के बीच हुआ. इस दौरान पूरे कचहरी परिसर को बैनर-पोस्टर से सजा दिया गया था. सुबह साढ़े 10 बजे मतदान शुरू होते ही प्रत्याशी समर्थक हैंडबिल लेकर मतदान कक्ष तक जाने वाले रास्तों पर जमकर गए. अंतिम समय तक मतदाता अधिवक्ताओं को रिझाने का भरपूर प्रयास किया.
666 मतदाताओं ने किया मतदान
वार्षिक चुनाव होने के कारण अधिवक्ता विधिक कार्य से इतर चुनावी चर्चा और जीत-हार के समीकरण को बनाते-बिगाड़ते नजर आए. मतदान की समयावधि में कुल पंजीकृत 901 मतदाताओं के सापेक्ष 666 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. साढ़े चार बजे मतदान की प्रक्रिया के बाद मतगणना का कार्य शुरू हुआ.
अध्यक्ष और महामंत्री पर रही सीधी लड़ाई
जैसे-जैसे मतगणना का कार्य आगे बढ़ा हार-जीत की तस्वीर साफ होती गयी. अंततः अध्यक्ष पद पर रणधीर सिंह ने 383 मत पाकर अपने प्रतिद्वंदी सुरेंद्र प्रताप सिंह को 107 वोट से शिकस्त दी. वहीं महामंत्री पद की सीधी लड़ाई में धनंजय सिंह ने 354 मत पाकर रामकृत को 45 वोट से हराने में सफल रहे.
निर्विरोध निर्वाचित हुए यह पदाधिकारी
सिविल बार एसोसिएशन का नतीजा आने के बाद चुनाव अधिकारियों ने नवनिर्वाचित वरिष्ठ उपाध्यक्ष वीरेन्द्र श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष अनिल सिंह व उपाध्यक्ष संदीप सिंह यादव, कोषाध्यक्ष हरेंद्र प्रताप सिंह समेत सभी पदाधिकारियों की घोषणा की. इसके बाद कचहरी परिसर में जश्न का माहौल शुरू हो गया. चुनाव नतीजा आने के बाद अधिवक्ता खुशी से झूम उठे और विजयी प्रत्याशियों का माल्यार्पण करने के बाद ढोल-नगाड़े की थाप पर जमकर थिरके. पूरे कचहरी परिसर का भ्रमण किया और सर्विस रोड होते हुए आसपास इलाकों में विजयी जुलूस निकाला.
पुलिस रही मुस्तैद
अधिवक्ताओं ने अध्यक्ष रणधीर सिंह व महामंत्री धनंजय का माल्यार्पण कर स्वागत किया. चुनाव के मद्देनजर कचहरी परिसर में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए. एएसपी प्रेमचंद खुद मौजूद रहकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते नजर आए.
मुख्यालय पर होंगे सभी कार्यालय
नवनिर्वाचित सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रणधीर सिंह ने विजयी होने के बाद अपनी प्रतिबद्धताओं को दोहराते हुए कहा कि अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा प्राथमिकता होगी. साथ ही जिला मुख्यालय पर दीवानी न्यायालय निर्माण समेत सभी सरकारी दफ्तरों को यथाशीघ्र मुख्यालय पर स्थापित कराने का काम पूरी लगन व शिद्दत के साथ किया जाएगा. अधिवक्ता साथियों ने जिस भरोसे से नई जिम्मेदारी सौंपी है, उसे पूरा करने में कहीं कोई चूक नहीं होगी.