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पति को भेजा जेल तो गर्भवती पत्नी की सदमे से मौत - डॉ अरुण शर्मा की हत्या

उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में पुलिस ने सीओ की गाड़ी घेरने के मामले में एक अज्ञात आरोपी को जेल भेज दिया. पति के जेल जाने से गर्भवती पत्नी की सदमे से मौत हो गई. इस पर लोगों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया. वहीं पुलिस का कहना है कि आरोपी को जांच में दोषी पाए जाने पर जेल भेजा गया है.

wife dies in shock in chandauli
पति को भेजा जेल तो गर्भवती पत्नी की सदमे से मौत.
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Published : Apr 12, 2021, 6:19 PM IST

Updated : Apr 12, 2021, 7:31 PM IST

चंदौली : अपने काम और कारनामों को लेकर बलुआ पुलिस अक्सर चर्चा में रहती है. एक बार फिर बलुआ पुलिस चर्चा में है. इस बार उसने कुछ महीने पहले सीओ की गाड़ी घेरने के अज्ञात आरोपी को जेल भेज दिया, जिससे उसकी गर्भवती पत्नी की मौत हो गई. इस घटना के बाद लोग पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं. लोगों का आरोप है कि सीओ की गाड़ी घेरने के आरोप में 7 नामजद और 70 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था, लेकिन पुलिस ने सिर्फ अज्ञात आरोपी पंकज मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेजा. वहीं पुलिस का कहना है कि मामले की विवेचना में जो तथ्य निकलकर सामने आए हैं, उसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की है.

जानकारी देतीं मृतक महिला की ननद.

परिजनों ने की थी मिन्नतें
बताया जा रहा है कि 2 अप्रैल को पुलिस ने पंकज मिश्रा को गिरफ्तार किया था. इस दौरान पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों ने थाने जाकर पुलिस से बहुत मिन्नतें की, लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी और पंकज को जेल भेज दिया. पति के जेल जाने को गर्भवती पत्नी बर्दाश्त नहीं कर पाई और शुक्रवार की सुबह में उसकी मौत हो गई. उसकी तीन मासूम बेटियां हैं.

डॉ. अरुण शर्मा की हत्या के बाद प्रदर्शन का आरोप
बता दें कि 30 जनवरी को टांडाकला निवासी डॉ. अरुण शर्मा की हत्या पत्नी और उसके प्रेमी ने दो लोगों के साथ मिलकर कर दी थी. इसमें पुलिस अरुण शर्मा की पत्नी का बॉक्स थाने उठा ले गई और बगैर किसी परिजन या संभ्रांत व्यक्ति की उपस्थिति के ही बॉक्स खोल दिया था. मृतक की बहन ने आरोप लगाया था कि बॉक्स में पांच लाख रुपये नगद व लाखों रुपये मूल्य के जेवरात थे. इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने बलुआ थाने का घेराव किया. इस दौरान मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने उनकी जीप को घेर लिया. किसी ने पत्थर चलाकर गाड़ी का शीशा तोड़ दिया. इस मामले में पुलिस ने सात नामजद व 70 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था.

जेल भेजने के बाद बिगड़ गई पत्नी की हालत
इसी क्रम में अज्ञात के रूप में पंकज मिश्रा को 2 अप्रैल को पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया. पंकज के बड़े भाई नीरज मिश्रा व बहन ने बताया कि पंकज के जेल जाते ही उसकी आठ माह की गर्भवती पत्नी दीप्ती मिश्रा बेसुध हो गई और उसी गम में उसकी मौत हो गई. पंकज व दीप्ती की तीन पुत्रियां प्रियांशी (11), पलक (9) और परी (3) हैं.

ये भी पढ़ें: चंदौली में नाइट कर्फ्यू के साथ धारा 144 लागू

पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
बहरहाल थाने के बाहर प्रदर्शन और तोड़फोड़ के मामले में सात नामजदों और 69 अज्ञात को छोड़कर अगर पुलिस केवल पंकज के खिलाफ कार्रवाई कर रही है तो कहीं कहीं न पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल जरूर खड़े हो रहे है. जिसकी जांच होनी चाहिए.

विवेचना के बाद हुई कार्रवाई
इस बाबत एसपी चंदौली अमित कुमार ने बताया कि मौत के बाद हंगामे के मामले की विवेचना कराई जा रही थी. इसमें जो तथ्य निकलकर सामने आए हैं, उसके आधार पर कार्रवाई की गई है. आगे भी कार्रवाई की जाएगी.

चंदौली : अपने काम और कारनामों को लेकर बलुआ पुलिस अक्सर चर्चा में रहती है. एक बार फिर बलुआ पुलिस चर्चा में है. इस बार उसने कुछ महीने पहले सीओ की गाड़ी घेरने के अज्ञात आरोपी को जेल भेज दिया, जिससे उसकी गर्भवती पत्नी की मौत हो गई. इस घटना के बाद लोग पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं. लोगों का आरोप है कि सीओ की गाड़ी घेरने के आरोप में 7 नामजद और 70 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था, लेकिन पुलिस ने सिर्फ अज्ञात आरोपी पंकज मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेजा. वहीं पुलिस का कहना है कि मामले की विवेचना में जो तथ्य निकलकर सामने आए हैं, उसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की है.

जानकारी देतीं मृतक महिला की ननद.

परिजनों ने की थी मिन्नतें
बताया जा रहा है कि 2 अप्रैल को पुलिस ने पंकज मिश्रा को गिरफ्तार किया था. इस दौरान पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों ने थाने जाकर पुलिस से बहुत मिन्नतें की, लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी और पंकज को जेल भेज दिया. पति के जेल जाने को गर्भवती पत्नी बर्दाश्त नहीं कर पाई और शुक्रवार की सुबह में उसकी मौत हो गई. उसकी तीन मासूम बेटियां हैं.

डॉ. अरुण शर्मा की हत्या के बाद प्रदर्शन का आरोप
बता दें कि 30 जनवरी को टांडाकला निवासी डॉ. अरुण शर्मा की हत्या पत्नी और उसके प्रेमी ने दो लोगों के साथ मिलकर कर दी थी. इसमें पुलिस अरुण शर्मा की पत्नी का बॉक्स थाने उठा ले गई और बगैर किसी परिजन या संभ्रांत व्यक्ति की उपस्थिति के ही बॉक्स खोल दिया था. मृतक की बहन ने आरोप लगाया था कि बॉक्स में पांच लाख रुपये नगद व लाखों रुपये मूल्य के जेवरात थे. इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने बलुआ थाने का घेराव किया. इस दौरान मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने उनकी जीप को घेर लिया. किसी ने पत्थर चलाकर गाड़ी का शीशा तोड़ दिया. इस मामले में पुलिस ने सात नामजद व 70 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था.

जेल भेजने के बाद बिगड़ गई पत्नी की हालत
इसी क्रम में अज्ञात के रूप में पंकज मिश्रा को 2 अप्रैल को पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया. पंकज के बड़े भाई नीरज मिश्रा व बहन ने बताया कि पंकज के जेल जाते ही उसकी आठ माह की गर्भवती पत्नी दीप्ती मिश्रा बेसुध हो गई और उसी गम में उसकी मौत हो गई. पंकज व दीप्ती की तीन पुत्रियां प्रियांशी (11), पलक (9) और परी (3) हैं.

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पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
बहरहाल थाने के बाहर प्रदर्शन और तोड़फोड़ के मामले में सात नामजदों और 69 अज्ञात को छोड़कर अगर पुलिस केवल पंकज के खिलाफ कार्रवाई कर रही है तो कहीं कहीं न पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल जरूर खड़े हो रहे है. जिसकी जांच होनी चाहिए.

विवेचना के बाद हुई कार्रवाई
इस बाबत एसपी चंदौली अमित कुमार ने बताया कि मौत के बाद हंगामे के मामले की विवेचना कराई जा रही थी. इसमें जो तथ्य निकलकर सामने आए हैं, उसके आधार पर कार्रवाई की गई है. आगे भी कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Apr 12, 2021, 7:31 PM IST
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