चंदौलीः चकिया विधानसभा सीट से सपा के दावेदारों में शामिल रहे सपा नेता प्रवीण सोनकर ने सपा की प्राथमिक एवं सक्रिय सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने समाजवादी पार्टी के संगठन की भूमिका को संदिग्ध करार दिया. साथ ही उन्होंने संगठन में पिछड़े, दलितों के साथ छल करने व उनकी अनदेखी करने और सर्वसमाज की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सपा के बड़े नेता जनहित के मुद्दों से विमुख होकर सत्ता लोलुपता एवं उच्च पद के मद में चूर होकर जमीनी कार्यकर्ताओं की निरंतर उपेक्षा करते चले आ रहे हैं, जिससे आहत होकर संगठन को छोड़ने जैसा साहसिक निर्णय लेना पड़ा.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव को संबोधित अपने इस्तीफे में प्रवीण कुमार सोनकर ने लिखा है कि ' उन्होंने IIT - BHU जैसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान से इंजीनियर की पढ़ाई करने के बाद सिंचाई विभाग में एक दशक तक अपनी सेवाएं प्रदान की और समाजसेवा के क्षेत्र से जुड़े रहे. आपकी नीतियों, सिद्धांतों व कार्यशैली से प्रभावित होकर अपनी नौकरी से त्यागपत्र देकर पूर्ण रूप से समाजसेवा एवं जनहितैषी कार्यों में जुट गया. किसान परिवार में पैदा हुआ हूं और सर्वसमाज की सेवा में सदैव समर्पित रहा. बावजूद इसके सपा द्वारा सहयोग एवं सम्मान के बजाय सदैव निराशा ही प्राप्त हुई.'
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प्रवीण कुमार खखड़ा गांव की घटना की जिक्र करते हुए उल्लेख किया कि पीड़ित रामू यादव पुत्र पारसनाथ यादव की झोपड़ी में असामाजिक तत्वों द्वारा आग लगा दी गई. जिसमें उनके कई मवेशियों की मौत हो गई. इस प्रकरण में समाजवादी पार्टी चंदौली का कोई भी नेता व पदाधिकारी पीड़ित के पक्ष में आवाज उठाने नहीं आया. शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराने के बाद भी पीड़ित रामू यादव की कोई मदद नहीं हुई. समाजवादी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जनता व पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रति पूरी तरह से उदासीन हो चुका है. जिससे आहत होकर समाजवादी पार्टी के सभी दायित्वों से खुद को अलग करने का निर्णय पड़ा. उन्होंने बताया कि वह सपा को छोड़ रहे हैं , लेकिन चकिया विधानसभा क्षेत्र की जनता के प्रति सेवा से उनका लगाव व जुड़ाव कायम रहेगा.
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