चंदौलीः पुलिस ने फर्जी कंपनी बनाकर बेरोजगारों और ग्रामीणों को ठगने वाले नटवरलाल के कारनामों का भंडाफोड़ किया है. जालसाज जनपद समेत आसपास के 12 जिलों में नौकरी और सरकारी सुविधाओं का लाभ दिलाने का वादा कर लोगों को ठग रहा था. पुलिस ने मुख्यालय स्थित कंपनी के आफिस से पंफलेट, महिला कार्ड और ग्रामीण महिला स्वास्थ्य मिशन योजना का पंजीकरण फार्म बरामद किया. हालांकि संचालक अभी पुलिस के हाथ नहीं लग सका है.
एएसपी दयाराम सरोज ने बताया कि सदर कोतवाली क्षेत्र के बसिला गांव निवासी चंद्रशेखर मौर्या ने निशांत समाज कल्याण फाउंडेशन नामक फर्जी कंपनी बनाई. कंपनी में काम करने के लिए जनपद स्तर पर जिला प्रभारी, ब्लॉकों में सुपरवाइजर और गांवों में महिला मित्रों की नियुक्ति की. जिला प्रभारी को 42 हजार, सुपरवाइजर को 25 हजार और महिला मित्र को 10 हजार रुपये मानदेय देने का लालच दिया. कंपनी के शासन-प्रशासन से संबद्ध होने का दावा कर लोगों का भरोसा जीत लिया. उसने ग्रामीण महिला स्वास्थ्य मिशन नाम की फर्जी योजना भी संचालित कर दी.
इसका लाभ दिलाने के लिए गांव में सदस्य बनाए गए. महिलाओं को मुफ्त सैनेटरी नैपकीन, साल में दो बार स्वास्थ्य जांच, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, स्वरोजगार के लिए लघु और कुटीर उद्योग लगाने को लोन दिलाने का झांसा देकर प्रति सदस्य 20 रुपये शुल्क वसूला गया. काम के दौरान महिला मित्रों ने ग्रामीण महिलाओं से कुल 1 लाख 3 हजार रुपये वसूले थे.
संचालक ने पैसे अपने खाते में जमा करा लिए. महिलाओं को न तो कोई सामग्री दी गई और न ही कर्मियों को मानदेय के नाम पर फूटी कौड़ी नसीब हुई. जिसके बाद इस गोरखधंधे का भंडाफोड़ हुआ. पुलिस ने बताया कि, जिले के साथ ही आसपास के 12 जिलों में रैकेट चल रहा है. पुलिस मामले की छानबीन कर पड़ोसी जिलों की पुलिस से संपर्क साध रही है. गौरतलब है कि एक तरफ जहां पुलिस इसे जालसाजी का बड़ा मामला बता रही है, और खुलासा कर अपना पीठ थपथपा रही है. वहीं दूसरी ओर पुलिस के हाथ खाली हैं. आरोपी जालसाज पुलिस गिरफ्त से दूर हैं. जो पुलिस के इस खुलासे पर सवाल खड़े रहे हैं.