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चंदौली: बहुचर्चित सपा नेता मनोज यादव हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा, 6 गिरफ्तार - महरौड़ा प्रधान मनोज यादव हत्याकांड

उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में सपा नेता और महरौड़ा प्रधान मनोज यादव हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. वहीं इनके पास से तमंचा 315 बोर, एक अदद जिंदा कारतूस और खोखा बरामद किया गया है.

हत्यांकाड के 6 अभियुक्त गिरफ्तार हुए.
हत्यांकाड के 6 अभियुक्त गिरफ्तार हुए.
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Published : May 6, 2020, 10:06 AM IST

चंदौली: बलुआ थाना क्षेत्र के बहुचर्चित महरौड़ा ग्राम प्रधान हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा किया है. मंगलवार देर शाम पुलिस ने हत्या और हत्या की साजिश रचने के आरोप में 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से तमंचा 315 बोर, एक अदद जिंदा कारतूस और खोखा बरामद किया है. साथ ही हत्या में प्रयुक्त बाइक भी बरामद की है. हालांकि पुलिस के इस खुलासे पर भी कई सवाल उठने लगे हैं. 9 अप्रैल को हुई घटना के बाद 19 अप्रैल को हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने हत्या की साजिश रचने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया था. हत्या के पीछे चुनावी रंजिश बताई गई थी.

दरअसल, लॉकडाउन के दौरान 9 अप्रैल को बाइक सवार बदमाशों ने सपा नेता और महरौड़ा प्रधान मनोज यादव को गोली मार दी, जिसके बाद बाइक सवार बदमाश मौके से फरार हो गए थे. अगले दिन सुबह इलाज के दौरान वाराणसी ट्रॉमा सेंटर में सपा नेता की मौत हो गई थी. हत्या को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन हत्या के एक सप्ताह बाद भी पुलिस अपराधियों का कोई सुराग नहीं लगा सकी. 19 अप्रैल को बलुआ पुलिस ने गांव के ही दो लोग महेंद्र यादव और संतराम यादव को हत्या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया और हत्या के पीछे चुनावी रंजिश करार दिया, जबकि शूटर पकड़ से दूर रहे. जिस कारण पुलिस की जांच पर सवाल उठते रहे.

6 अभियुक्त हुए गिरफ्तार
वहीं मनोज यादव हत्याकांड को लेकर पुलिस ने मंगलवार को एक बार फिर खुलासा किया है. इस हत्याकांड में शामिल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें सोनू सिंह और राहुल तिवारी शूटर हैं, जबकि गांव के ही 4 अन्य लोग पंकज सिंह, अमित सिंह, मुस्तजाफ खान, जबकि पंकज के रिश्तेदार प्रदीप सिंह को हत्या की साजिश के मामले में गिरफ्तार किया गया है.

इसमें प्रमुख रूप से पंकज सिंह से उसकी दुश्मनी थी. पुलिस की मानें तो मृतक मनोज यादव पंकज के परिवार पर गंदी नियत रखता था और दबंग भी था, जो कि कुछ दिनों पहले पंकज को जान से मारने की धमकी भी दे चुका था, जिससे वह अपमानित महसूस कर रहा था. इसी के चलते पंकज और उसके मित्र अमित और मुस्तजाफ ने प्रदीप की मदद से शूटर सोनू सिंह और राहुल तिवारी से मुलाकात की. इस वारदात को अंजाम देने के लिए पंकज ने 2 लाख 20 हजार रुपये दिए.

हत्याकांड के खुलासे पर उठे सवाल
इसके बाद सुपारी किलर सोनू सिंह और राहुल तिवारी ने महरौड़ा रुककर पहले पहचान और रेकी की. 4 अप्रैल की रात गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस ने मंगलवार को खुलासा करते हुए 6 आरोपियों के पास से आलाकत्ल 315 बोर असलहा, जिंदा कारतूस, खोखा सहित एक पिस्टल 32 बोर, एक कट्टा 12 बोर और जिंदा कारतूस, हत्या में प्रयुक्त मोटरसाइकिल, 6 मोबाइल फोन, एलईडी टीवी, सुपारी के 14 हजार रुपये बरामद किये हैं. फिलहाल पुलिस इस सभी के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कार्रवाई में जुटी है. पुलिस ने लॉकडाउन में हुए इस चर्चित हत्याकांड का खुलासा मंगलवार देर शाम मीडिया सेल के जरिये किया, लेकिन पुलिस के एक हत्याकांड में दो खुलासे और दो थ्योरी से पुलिस की जांच पर सवाल उठने लगे हैं.

ये भी पढ़ें- चंदौली: श्रमिकों की घर वापसी और कानून व्यवस्था को लेकर डीएम से मिले सपा विधायक

चंदौली: बलुआ थाना क्षेत्र के बहुचर्चित महरौड़ा ग्राम प्रधान हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा किया है. मंगलवार देर शाम पुलिस ने हत्या और हत्या की साजिश रचने के आरोप में 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से तमंचा 315 बोर, एक अदद जिंदा कारतूस और खोखा बरामद किया है. साथ ही हत्या में प्रयुक्त बाइक भी बरामद की है. हालांकि पुलिस के इस खुलासे पर भी कई सवाल उठने लगे हैं. 9 अप्रैल को हुई घटना के बाद 19 अप्रैल को हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने हत्या की साजिश रचने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया था. हत्या के पीछे चुनावी रंजिश बताई गई थी.

दरअसल, लॉकडाउन के दौरान 9 अप्रैल को बाइक सवार बदमाशों ने सपा नेता और महरौड़ा प्रधान मनोज यादव को गोली मार दी, जिसके बाद बाइक सवार बदमाश मौके से फरार हो गए थे. अगले दिन सुबह इलाज के दौरान वाराणसी ट्रॉमा सेंटर में सपा नेता की मौत हो गई थी. हत्या को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन हत्या के एक सप्ताह बाद भी पुलिस अपराधियों का कोई सुराग नहीं लगा सकी. 19 अप्रैल को बलुआ पुलिस ने गांव के ही दो लोग महेंद्र यादव और संतराम यादव को हत्या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया और हत्या के पीछे चुनावी रंजिश करार दिया, जबकि शूटर पकड़ से दूर रहे. जिस कारण पुलिस की जांच पर सवाल उठते रहे.

6 अभियुक्त हुए गिरफ्तार
वहीं मनोज यादव हत्याकांड को लेकर पुलिस ने मंगलवार को एक बार फिर खुलासा किया है. इस हत्याकांड में शामिल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें सोनू सिंह और राहुल तिवारी शूटर हैं, जबकि गांव के ही 4 अन्य लोग पंकज सिंह, अमित सिंह, मुस्तजाफ खान, जबकि पंकज के रिश्तेदार प्रदीप सिंह को हत्या की साजिश के मामले में गिरफ्तार किया गया है.

इसमें प्रमुख रूप से पंकज सिंह से उसकी दुश्मनी थी. पुलिस की मानें तो मृतक मनोज यादव पंकज के परिवार पर गंदी नियत रखता था और दबंग भी था, जो कि कुछ दिनों पहले पंकज को जान से मारने की धमकी भी दे चुका था, जिससे वह अपमानित महसूस कर रहा था. इसी के चलते पंकज और उसके मित्र अमित और मुस्तजाफ ने प्रदीप की मदद से शूटर सोनू सिंह और राहुल तिवारी से मुलाकात की. इस वारदात को अंजाम देने के लिए पंकज ने 2 लाख 20 हजार रुपये दिए.

हत्याकांड के खुलासे पर उठे सवाल
इसके बाद सुपारी किलर सोनू सिंह और राहुल तिवारी ने महरौड़ा रुककर पहले पहचान और रेकी की. 4 अप्रैल की रात गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस ने मंगलवार को खुलासा करते हुए 6 आरोपियों के पास से आलाकत्ल 315 बोर असलहा, जिंदा कारतूस, खोखा सहित एक पिस्टल 32 बोर, एक कट्टा 12 बोर और जिंदा कारतूस, हत्या में प्रयुक्त मोटरसाइकिल, 6 मोबाइल फोन, एलईडी टीवी, सुपारी के 14 हजार रुपये बरामद किये हैं. फिलहाल पुलिस इस सभी के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कार्रवाई में जुटी है. पुलिस ने लॉकडाउन में हुए इस चर्चित हत्याकांड का खुलासा मंगलवार देर शाम मीडिया सेल के जरिये किया, लेकिन पुलिस के एक हत्याकांड में दो खुलासे और दो थ्योरी से पुलिस की जांच पर सवाल उठने लगे हैं.

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