चंदौली: निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद अपने 25 दिवसीय प्रवास के दौरान चंदौली पहुंचे, जहां संगठन के कार्यकर्ताओं संग मुलाकात कर चुनावी तैयारी में जुटने का आह्वान किया. वहीं उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान खुलकर अपना एजेंडा रखा. डॉ. संजय निषाद ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में वे भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे और योगी आदित्यनाथ को दोबारा सीएम बनाएंगे. साथ ही उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी.
निषाद समाज के लोगों को संगठित होने का दिया संदेश
दरअसल, निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद अपने 25 दिवसीय प्रवास पर निकले हैं. इस दौरान वह निषाद समाज से जुड़े लोगों को अपनी वोट बैंक की ताकत का अहसास करा रहे हैं. साथ ही यह बता रहे हैं कि किस अन्य पॉलिटिकल पार्टियां भारी संख्या वोट को पौवा को लेबल लगाकर इस्तेमाल कर रहे हैं. राजनेता किस तरह 5 दिन आपसे बात करेंगे और 5 दिन के बाद आपका वोट लेंगे और जीत के बाद मंत्री बनकर भूल जाएंगे. ऐसे में उन्हें संगठित होने की जरूरत है.
प्रदेश की 70 सीटों पर निर्णायक है निषाद समाज के लोग
उन्होंने कहा कि प्रदेश की 70 ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां निषाद समाज के लोग निर्णायक हैं. जहां 70 हजार से 1 लाख के बीच की आबादी है, जिन्हें चिन्हित कर चुनावी तैयारी में जुटे हुए हैं. राष्ट्रपति ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा था कि केवट, मल्लाह मझवार जाति के लोग हैं, जिन्हें अनुसूचित जाति का लाभ मिलना चाहिए. इन्हें भी कानूनी सुरक्षा मिलनी चाहिए, जैसे दलितों को मिला.
योगी आदित्यनाथ ने आरक्षण दिए जाने का दिया था भरोसा
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने वादा किया था और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि निषाद समाज के लोगों को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाएगा. उन्हें अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र दिलाएंगे. बसपा का उदाहरण देते हुए कहा कि एक नारा, एक झण्डा, एक नेता होगा, तभी निषाद समाज का भला हो पाएगा.
'रीच द वोटर, ट्रीट द वोटर'
डॉ. संजय निषाद ने कहा कि आज पॉलिटिकल अनट्रेंड लोग हैं और ट्रेन्ड लोग पॉवर में है. इसलिए वे अपने प्रवास के दौरान निषाद समाज से जुड़े लोगों को ट्रेंड कर रहे हैं. सभी विधानसभा में 40 फाइटर तैयार कर रहे हैं. उनसे कहा जा रहा है कि अपने बूथ का लूटने मत दो. सत्ता की चाबी वोटरों के पास है. पार्टी को मजबूत करो और अपनी मांगों को पूरा करो.
अपना 3 सूत्री एजेंडा सामने रखा
उन्होंने अपना एजेंडा रखते हुए कहा कि पहला मुद्दा आरक्षण का है. दूसरा ताल घाट से जुड़े मुकदमे वापस हों. समझौते के अनुसार कुछ चुनाव लड़ने के लिए कुछ सीटें मिल जाएं, इसके बाद सीएम योगी और पीएम मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़कर योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाएंगे.
जो मुद्दों को हल करने लायक होगा उसके साथ रहेंगे
चुनाव में गठबंधन के सवाल पर डॉ. संजय निषाद ने कहा कि उनका गठबंधन भारतीय जनता पार्टी से ही होगा, क्योंकि उनके पास ताकत है. वह सब कुछ करने लायक हैं और जो ताकतवर होता है हम उसी के साथ रहेंगे. उन्होंने कहा कि हम लोगों के लिए सीटों का मतलब नहीं है. वे हमारे मुद्दे हल कर दें, जो कि हल करने लायक हैं, जिसका भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने वादा भी किया था.
मायावती क्या करेंगी भला
वहीं ब्राह्मणों को लेकर मायावती की तरफ से दिए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय निषाद ने कहा जो दलित समाज की नहीं हो सकी, वह दूसरों की क्या होंगी. क्या दलितों के सारी समस्याएं दूर हो गई. तंज कसते हुए कहा कि उनकी पार्टी में चंगू-मंगू हीरो हैं और गांव का दलित अभी भी जीरो है. ब्राह्मण समाज खुद पॉलिटिकल स्पीकर रहा है, वे पॉलिटिकल ट्रेंड हैं, उन्हें मालूम है. ब्राह्मण समाज हमेशा से आगे रहा है, उन्हें कोई आगे क्या करेगा. उसका कोई दूसरा ख्याल रखें, तो उसके लिए ब्राह्मण समाज को सोचना होगा.
2022 में भी होगी योगी सरकार
वहीं विधानसभा चुनाव में होने वाले छोटे-छोटे दलों के गठबंधन पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. संजय निषाद ने कहा 2019 के चुनाव में दशकों पुरानी पार्टियां सपा-बसपा एक हो गईं. सभी एक हो गए. लेकिन संजय निषाद मोदी योगी के साथ रहे. नतीजा आप सबके सामने हैं. संजय निषाद जहां थे, वहां की जीत हुई. उन्होंने कहा कि मैं सब पर भारी हूं.
ओवैसी हैदराबाद में जाकर खेला करें
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Chief Asaduddin Owaisi) को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ओवैसी अपने हैदराबाद में मुसलमानों के नेता बनें. उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के नेता हैं. उत्तर प्रदेश का इतिहास रहा है. इस प्रदेश ने देश को 9 प्रधानमंत्री दिए हैं. ओवैसी को जाकर वहां खेला करना चाहिए, जहां के ओवैसी हैं. यहां के मुसलमानों को यहां की राजनीति करने दें.
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ओमप्रकाश राजभर पर किया कटाक्ष
वहीं ओमप्रकाश राजभर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले वो जीतने लायक तो बनें. पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ आए थे, तब वह 9 में से 4 सीटें जीत पाए थे. जीतने लायक रहेंगे, तब तो वह कुछ कर पाएंगे. बाप-बेटे के अलावा कोई टीवी पर दिखता नहीं है. भागीदारी मोर्चा सिर्फ नाम मात्र का मोर्चा है, पता नहीं यहां सामाजिक भागीदारी भी है या सिर्फ अपनी जेब में रखने वाली भागीदारी है.
भाजपा की कथनी करनी में फर्क नहीं, हल करेंगे आरक्षण
आरक्षण लागू किये जाने के सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अभी तो 7 महीने बचे हैं. 72 घंटे में फैसले हो सकते हैं. 70 साल से चल रहा धारा 370 का मामला हो, चाहे राम मंदिर मुद्दा सभी मुद्दों का हल निकला है. इसलिए उम्मीद है कि इसका भी हल निकलेगा. भारतीय जनता पार्टी के कथनी करनी में फर्क नहीं है. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में भाजपा निषाद समाज का गुस्सा भुगत चुकी है. निषाद समाज गुस्से में आ गया, तो कांग्रेस और सपा बसपा खत्म हो गई. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी हमारी बात जरूर मानेगी.
आरक्षण लागू न होने पर निषाद समाज लेगा फैसला
वहीं आरक्षण लागू न किए जाने की स्थिति पर उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा उम्मीद है कि भारतीय जनता पार्टी उनकी बातों को मानेगी. बीजेपी ने वादा किया है, यदि न करना होता तो नहीं करते. वैसे तो हम अलग हैं ही. मेरे समाज ने पार्टी बनाई है वो हर निर्णय लेगी. मेरे समाज ने निर्णय लिया, तो चुनाव लड़ लिया. सपा के साथ जाने के लिए कहा तो सपा के साथ चले गए. समाज ने निर्णय लिया, तो मोदी के साथ हैं. आगे भी समाज जो निर्णय लेगा, देखा जाएगा. हालांकि उन्होंने बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा कि राख तले चिंगारी रख, कुछ तो पहरेदारी रख. अमन जरूरी है, लेकिन जंग की तैयारी रखने की बात जरूर कही.
जनता बने पॉलिटिकल पार्टनर
संजय निषाद ने राजनीतिक दर्शन पर बात करते हुए कहा कि जनता को पॉलिटिकल पार्टनर बनना चाहिए, लेकिन जब कांग्रेस थी, तो विदेशी कंपनियां उसके पॉलिटिकल पार्टनर थी. सपा थी तो अमर सिंह, बसपा थी तो सतीश मिश्रा एंड कंपनी और इस समय भाजपा है, तो अडानी और अंबानी हैं. हमारा मानना है कि वोटर को पॉलीटिकल पार्टनर वोटर बनना चाहिए. जब तक यह नहीं बनेगा, तब तक सफल नहीं होंगे.
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