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चंदौली के ग्रामीण इलाकों में हेल्थ और वेलनेस सेंटर बनेंगे कोविड अस्पताल - चंदौली कोविड अस्पताल

चंदौली मेंं कोरोना संक्रमण को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संसाधनों को विकसित किया जा रहा है. हेल्थ और वेलनेस सेंटरों के साथ ही गांव स्तर पर आइसोलेशन वार्ड बनाने की योजना है, ताकि कोरोना के कम लक्षणयुक्त मरीजों को यहां रखा जा सके.

ग्रामीण इलाके में स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी मजबूत
ग्रामीण इलाके में स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी मजबूत
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Published : May 21, 2021, 7:10 PM IST

चंदौली: ग्रामीण इलाकों में मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए बनाए गए हेल्थ और वेलनेस सेंटर कोविड केयर सेंटर बनेंगे. स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए योजना तैयार की है. जिले में 25 से अधिक हेल्थ व वेलनेस सेंटरों को कोविड अस्पताल में परिवर्तित किया जाएगा. इन अस्पतालों में मरीजों का लक्षण के आधार पर प्राथमिक उपचार किया जाएगा.

ग्रामीण इलाके में कोरोना प्रसार रोकने में मिलेगी मदद
आगामी दिनों में ग्राम पंचायतों को कोरोना से बचाव की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. इस पहल से ग्रामीण इलाके में कोरोना की रफ्तार को रोकने में मदद मिलेगी. ग्रामीण इलाकों में अभियान चलाकर कोरोना के लक्षणयुक्त मरीजों को चिह्नित किया जा रहा है. ऐसे मरीजों के लिए ग्रामीण स्तर पर आइसोलेशन वार्ड बनाए जाएंगे. वहीं, हेल्थ और वेलनेस सेंटरों को कोविड सेंटर के रूप में तब्दील किया जाएगा.

स्कूल पंचायत भवन बनेंगे आइसोलेशन सेंटर
गांवों के आइसोलेशन सेंटर हेल्थ व वेलनेस सेंटर की निगरानी में रहेंगे. गांवों में स्कूल, कम्युनिटी हॉल, विवाह स्थल, पंचायत भवन आदि को आइसोलेशन सेंटर बनाया जा सकता है. ऑक्सीजन व बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस मौजूद रहेगी, ताकि आइसोलेशन मरीजों की तबीयत बिगड़ने पर एल-टू अस्पताल पहुंचाया जा सके.

एएनएम को बनाया जाएगा नोडल
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी व एनएनएम को कोविड केयर सेंटर का नोडल नियुक्त किया जाएगा. आशा व आंगनबाड़ी उनके सहयोग में रहेंगी. ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम स्वास्थ्य, पोषण व स्वच्छता समिति और शहरों में महिला आरोग्य समितियां केंद्रों का सुचारू रूप से संचालन का दायित्व निभाएंगी. इन सेंटरों में कोरोना के बिना लक्षण वाले या सामान्य मरीजों को रखा जाएगा. जिन मरीजों में कोरोना के मामूली लक्षण होंगे, उन्हें 10 दिन के बाद आइसोलेशन से बाहर आने की इजाजत दी जाएगी.

पढ़ें: उत्तर प्रदेश में दम तोड़ रहा कोरोना संक्रमण, रिकवरी रेट 92 फीसदी

कोविड हेल्थ सेंटर में भर्ती होंगे गंभीर मरीज
ग्रामीण स्तर पर मूलभूत सुविधाओं को विकसित करने के साथ पीएचसी व सीएचसी को भी अपडेट किया जा रहा है. ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम से लैस पीएचसी व सीएचसी में कोरोना के गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाएगा. एल-टू स्तर के इन अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम मरीजों का उपचार करेगी.

चंदौली: ग्रामीण इलाकों में मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए बनाए गए हेल्थ और वेलनेस सेंटर कोविड केयर सेंटर बनेंगे. स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए योजना तैयार की है. जिले में 25 से अधिक हेल्थ व वेलनेस सेंटरों को कोविड अस्पताल में परिवर्तित किया जाएगा. इन अस्पतालों में मरीजों का लक्षण के आधार पर प्राथमिक उपचार किया जाएगा.

ग्रामीण इलाके में कोरोना प्रसार रोकने में मिलेगी मदद
आगामी दिनों में ग्राम पंचायतों को कोरोना से बचाव की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. इस पहल से ग्रामीण इलाके में कोरोना की रफ्तार को रोकने में मदद मिलेगी. ग्रामीण इलाकों में अभियान चलाकर कोरोना के लक्षणयुक्त मरीजों को चिह्नित किया जा रहा है. ऐसे मरीजों के लिए ग्रामीण स्तर पर आइसोलेशन वार्ड बनाए जाएंगे. वहीं, हेल्थ और वेलनेस सेंटरों को कोविड सेंटर के रूप में तब्दील किया जाएगा.

स्कूल पंचायत भवन बनेंगे आइसोलेशन सेंटर
गांवों के आइसोलेशन सेंटर हेल्थ व वेलनेस सेंटर की निगरानी में रहेंगे. गांवों में स्कूल, कम्युनिटी हॉल, विवाह स्थल, पंचायत भवन आदि को आइसोलेशन सेंटर बनाया जा सकता है. ऑक्सीजन व बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस मौजूद रहेगी, ताकि आइसोलेशन मरीजों की तबीयत बिगड़ने पर एल-टू अस्पताल पहुंचाया जा सके.

एएनएम को बनाया जाएगा नोडल
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी व एनएनएम को कोविड केयर सेंटर का नोडल नियुक्त किया जाएगा. आशा व आंगनबाड़ी उनके सहयोग में रहेंगी. ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम स्वास्थ्य, पोषण व स्वच्छता समिति और शहरों में महिला आरोग्य समितियां केंद्रों का सुचारू रूप से संचालन का दायित्व निभाएंगी. इन सेंटरों में कोरोना के बिना लक्षण वाले या सामान्य मरीजों को रखा जाएगा. जिन मरीजों में कोरोना के मामूली लक्षण होंगे, उन्हें 10 दिन के बाद आइसोलेशन से बाहर आने की इजाजत दी जाएगी.

पढ़ें: उत्तर प्रदेश में दम तोड़ रहा कोरोना संक्रमण, रिकवरी रेट 92 फीसदी

कोविड हेल्थ सेंटर में भर्ती होंगे गंभीर मरीज
ग्रामीण स्तर पर मूलभूत सुविधाओं को विकसित करने के साथ पीएचसी व सीएचसी को भी अपडेट किया जा रहा है. ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम से लैस पीएचसी व सीएचसी में कोरोना के गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाएगा. एल-टू स्तर के इन अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम मरीजों का उपचार करेगी.

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