चंदौली: दो पक्षों में विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर ग्रामीणों द्वारा हमले का तार पशु तस्करों के सिंडिकेट से जुड़ रहा है. जिस पर प्रभावी रोक लगाना कंदवा पुलिस के लिए घातक साबित हुआ. फिलहाल, पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही घटना के पीछे के कारणों की जांच में जुटी है. इस हमले में एसएचओ सहित 7 पुलिसकर्मी घायल हो गए है.
पुलिस की प्राथमिक जांच में यह बात निकल कर सामने आ रही है कि इस गांव में एक ऐसा गिरोह सक्रिय है, जो पशु तस्करी के गिरोह से जुड़ा है. लेकिन कंदवा पुलिस की सख्ती के चलते उनका धंधा प्रभावित हुआ है. साथ ही कई लोगों को जेल की हवा भी खानी पड़ी थी. जिसके चलते कंदवा एसएचओ इन पशु तस्करों के निशाने पर थे. इस घटना के दौरान उन्हें ग्रामीणों की आड़ में पुलिस पर हमले का मौका मिल गया.
दअरसल कंदवा थाना क्षेत्र के कोदई गांव में पिछले दिनों चौकीदार रामबली पासवान के बच्चे की संदिग्ध परिस्थितियों में तालाब में डूबने से मौत हो गई थी. जिसमें गांव के ही एक व्यक्ति पर हत्या की आशंका जताते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया था. पुलिस मामले की जांच कर रही है. इसी बीच रविवार की रात चौकीदार रामबली का बेटा प्रदीप पासवान अपने साथियों के साथ मुकदमा वादी के घर पहुंचा. उससे गालीगलौज और मारपीट करने लगा.
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मामला बढ़ता देख दूसरे पक्ष ने डायल 112 पुलिस को सूचित कर दिया. पुलिस मौके पर पहुंचकर मामला समझने में जुटी थी. तभी ग्रामीण पुलिसकर्मियों के साथ बदसलूकी और धक्कामुक्की करने लगे. सूचना पर कंदवा थाना प्रभारी मय फोर्स पहुंचे. पुलिस को देखते ही ग्रामीणों का एक गुट लाठी डंडे से लैस होकर पुलिस टीम पर हमला बोल दिया. पुलिस टीम जब तक कुछ समझ पाती, तब तक गाड़ियों पर पथराव होने लगा. किसी तरह पुलिस कर्मियों ने भागकर खुद को बचाया.
इस बाबत एसपी चंदौली अंकुर अग्रवाल ने बताया कि पुलिस टीम पर हमले के मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है. वहीं कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. पुलिस घटना के पीछे की सभी वजहों को ध्यान में रखकर जांच में जुटी है. इनमें शामिल आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है.
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