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हाईकोर्ट का जज बनकर मेल करता था हिस्ट्रीशीटर, गिरफ्तार

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Published : Sep 21, 2022, 6:11 PM IST

चंदौली पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो हाईकोर्ट का जज बनकर पुलिस कर्मियों को फेक मेल भेजता था.

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हाईकोर्ट का जज बनकर मेल करता था हिस्ट्रीशीटर

चंदौली: सदर कोतवाली पुलिस (Sadar Kotwali Police) ने बलुआ थाने के शातिर हिस्ट्रीशीटर आकाश सिंह (History sheeter Akash Singh) को गिरफ्तार किया है, जो कि जेल में रहने के दौरान हाईकोर्ट के जज के नाम से फर्जी ई-मेल एकाउंट बनाकर चंदौली डीएम और एसपी से अपने रिश्तेदारों की शिकायत करता था और कार्रवाई के निर्देश भी देता था. जेल से छूटने के बाद डाक्टर अपहरण कांड से जुड़े मामले को लेकर कचहरी आया था, जहां पुलिस ने इसे धर दबोचा. बता दें कि आकाश पर हत्या का प्रयास सहित कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं.

सदर कोतवाली प्रभारी संतोष सिंह (Sadar Kotwali in-charge Santosh Singh) ने बताया कि बलुआ थाना क्षेत्र (Balua police station area) निवासी रामविलास सिंह का पुत्र आकाश सिंह एक शातिर किस्म का बदमाश है. यह बलुआ थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है. अपने साथियों के साथ मिलकर फिरौती के लिए अपहरण करता है. पूर्व में गांव की ही महिला को विवाद के दौरान गोली भी मार चुका है. पिछले साल रैया गांव निवासी चिकित्सक का अपहरण किया था. पुलिस ने डाक्टर को सकुशल छुड़ा लिया और आकाश और उसके साथी को जेल भेजा गया था. जबकि कुछ दिन वाराणसी जेल में रहने के बाद इसे गाजीपुर जेल भेज दिया गया.

यह भी पढ़ें- शाहजहांपुर में एक करोड़ की अफीम के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार

गिरफ्तार अभियुक्त जेल में रहने के दौरान ही अपने पट्टीदारों को परेशान करने के लिए हाईकोर्ट के जज मनोज मिश्रा और महेश त्रिपाठी के नाम से फर्जी जी-मेल एकाउंट बनाया और अपने बड़े पिता के ईंट भट्ठे की शिकायत कर दी. यहीं नहीं एक दफा न्यायाधीश महेश त्रिपाठी के नाम से चंदौली डीएम और एसपी को मेल भेजा कि मेरी गाड़ी को इनोवा कार सवारों ने ओवरटेक किया और गाली गलौच की.

उसने इनोवा कार का नंबर भी भेज दिया. इनोवा कार आकाश के चचेरे भाई की थी. हाईकोर्ट के जज से जुड़ा मामला होने के कारण पुलिस महकमे में खलबली मच गई. पुलिस ने कार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था लेकिन पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि जी-मेल एकाउंट फर्जी है.

यह भी पढ़ें- मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव के निधन पर सीएम योगी और अखिलेश यादव ने जताया शोक

इसके बाद पुलिस मामले की तह तक पहुंचने में जुट गई. सर्विलांस और अन्य माध्यमों से पता चला कि मेल गाजीपुर जेल से किया गया था. पुलिस ने कड़ी से कड़ी को जोड़ा और शातिर आकाश तक पहुंच गई. आकाश ने पूछताछ में बताया कि वह चाहता था कि पट्टीदारों का ईंट भट्ठा सीज हो जाए, क्योंकि भट्ठे में उसकी भी हिस्सेदारी है लेकिन बड़े पिता उसे उसका हिस्सा नहीं देते हैं.

आकाश के पिता रामविलास के खिलाफ भी कई मुकदमे दर्ज हैं. बहरहाल आकाश विगत अप्रैल माह में जेल से छूटा और दोबारा अपराध में सक्रिय हो गया लेकिन मंगलवार को पुलिस ने उसे एक बार फिर पकड़कर जेल भेज दिया है.

चंदौली: सदर कोतवाली पुलिस (Sadar Kotwali Police) ने बलुआ थाने के शातिर हिस्ट्रीशीटर आकाश सिंह (History sheeter Akash Singh) को गिरफ्तार किया है, जो कि जेल में रहने के दौरान हाईकोर्ट के जज के नाम से फर्जी ई-मेल एकाउंट बनाकर चंदौली डीएम और एसपी से अपने रिश्तेदारों की शिकायत करता था और कार्रवाई के निर्देश भी देता था. जेल से छूटने के बाद डाक्टर अपहरण कांड से जुड़े मामले को लेकर कचहरी आया था, जहां पुलिस ने इसे धर दबोचा. बता दें कि आकाश पर हत्या का प्रयास सहित कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं.

सदर कोतवाली प्रभारी संतोष सिंह (Sadar Kotwali in-charge Santosh Singh) ने बताया कि बलुआ थाना क्षेत्र (Balua police station area) निवासी रामविलास सिंह का पुत्र आकाश सिंह एक शातिर किस्म का बदमाश है. यह बलुआ थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है. अपने साथियों के साथ मिलकर फिरौती के लिए अपहरण करता है. पूर्व में गांव की ही महिला को विवाद के दौरान गोली भी मार चुका है. पिछले साल रैया गांव निवासी चिकित्सक का अपहरण किया था. पुलिस ने डाक्टर को सकुशल छुड़ा लिया और आकाश और उसके साथी को जेल भेजा गया था. जबकि कुछ दिन वाराणसी जेल में रहने के बाद इसे गाजीपुर जेल भेज दिया गया.

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गिरफ्तार अभियुक्त जेल में रहने के दौरान ही अपने पट्टीदारों को परेशान करने के लिए हाईकोर्ट के जज मनोज मिश्रा और महेश त्रिपाठी के नाम से फर्जी जी-मेल एकाउंट बनाया और अपने बड़े पिता के ईंट भट्ठे की शिकायत कर दी. यहीं नहीं एक दफा न्यायाधीश महेश त्रिपाठी के नाम से चंदौली डीएम और एसपी को मेल भेजा कि मेरी गाड़ी को इनोवा कार सवारों ने ओवरटेक किया और गाली गलौच की.

उसने इनोवा कार का नंबर भी भेज दिया. इनोवा कार आकाश के चचेरे भाई की थी. हाईकोर्ट के जज से जुड़ा मामला होने के कारण पुलिस महकमे में खलबली मच गई. पुलिस ने कार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था लेकिन पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि जी-मेल एकाउंट फर्जी है.

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इसके बाद पुलिस मामले की तह तक पहुंचने में जुट गई. सर्विलांस और अन्य माध्यमों से पता चला कि मेल गाजीपुर जेल से किया गया था. पुलिस ने कड़ी से कड़ी को जोड़ा और शातिर आकाश तक पहुंच गई. आकाश ने पूछताछ में बताया कि वह चाहता था कि पट्टीदारों का ईंट भट्ठा सीज हो जाए, क्योंकि भट्ठे में उसकी भी हिस्सेदारी है लेकिन बड़े पिता उसे उसका हिस्सा नहीं देते हैं.

आकाश के पिता रामविलास के खिलाफ भी कई मुकदमे दर्ज हैं. बहरहाल आकाश विगत अप्रैल माह में जेल से छूटा और दोबारा अपराध में सक्रिय हो गया लेकिन मंगलवार को पुलिस ने उसे एक बार फिर पकड़कर जेल भेज दिया है.

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