ETV Bharat / state

नेशनल खिलाड़ी दीपक के इलाज का मामला पहुंचा स्वास्थ्य मंत्री के दरबार

author img

By

Published : Jun 30, 2021, 8:39 PM IST

एक तरफ जहां प्रधानमंत्री मोदी मन की बात के दौरान खिलाड़ियों की तारीफ करते नहीं थक रहे तो वहीं दूसरी ओर चंदौली में नेशनल बॉलीबाल खिलाड़ी अपने दवा-इलाज के खर्च को लेकर जिला अस्पताल में लम्बे समय से चक्कर काट रहा है. पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू के हस्तक्षेप के बाद सीएमएस ने व्यवस्था किये जाने का भरोसा दिया.

स्वास्थ्य मंत्री से बात करते पूर्व विधायक मनोज सिंह और सीएमएस डॉ. भूपेंद्र द्विवेदी
स्वास्थ्य मंत्री से बात करते पूर्व विधायक मनोज सिंह और सीएमएस डॉ. भूपेंद्र द्विवेदी

चंदौली: एक तरफ जहां प्रधानमंत्री मोदी मन की बात के दौरान खिलाड़ियों की तारीफ करते नहीं थक रहे तो वहीं दूसरी ओर चंदौली में नेशनल बॉलीबाल खिलाड़ी अपने दवा-इलाज के खर्च को लेकर जिला अस्पताल में लम्बे समय से चक्कर काट रहा है. पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू के हस्तक्षेप के बाद सीएमएस ने व्यवस्था किये जाने का भरोसा दिया. लेकिन हद तो तब हो गई जब मुनाफाखोरी के चक्कर में ईएनटी सर्जन ने ऑपरेशन से ही इंकार कर दिया. जिसके बाद मामला स्वास्थ्य मंत्री तक पहुंच गया है. उनके निर्देश के बाद अब एक बार फिर सीएमएस भूपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन कराए जाने का आश्वासन दिया है. ऐसे में देखना होगा कि स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह के आदेश का डॉक्टर पर कितना असर होता है.

स्वास्थ्य मंत्री से बात करते पूर्व विधायक मनोज सिंह और सीएमएस डॉ. भूपेंद्र द्विवेदी
यह है पूरा मामलादरअसल, दीपक यादव नेशनल स्तर पर वॉलीबॉल टीम की हिस्सा रहे हैं. जो इन दिनों नाक की बीमारी साइनस से ग्रसित हैं, जिन्हें सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है. आर्थिक तंगी के कारण वे अपना ईलाज कराने जिला अस्पताल पहुंचे और वहां उन्होंने नाक, कान व गला के चिकित्सक डा. प्रशांत सिंह को अपनी समस्या बताई. चिकित्सक द्वारा दीपक का आपरेशन करने की बात कही गयी. साथ ही आपरेशन के खर्च के रूप में 11 हजार रुपये बंदोबस्त करने को भी कहा. ऐसे में दीपक ने काफी प्रयास किया, लेकिन वह धन नहीं जुटा पाया.पूर्व विधायक मनोज से लगाई मदद की गुहारथक-हारकर वह सोमवार को सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्लू से अपनी व्यथा बताई. इस पर मनोज सिंह डब्लू ने उसकी हरसंभव मदद का भरोसा दिया और तत्काल उसे लेकर जिला अस्पताल स्थित सीएमएस दफ्तर पहुंचे. वहां उन्होंने सीएमएस डा. भूपेंद्र द्विवेदी के समक्ष 11 हजार रुपये रख दिए. कहा कि चिकित्सक को बुलाकर दीपक के आपरेशन का बंदोबस्त किया जाय. वहीं आपरेशन के बदले पैसे मांगें जाने का मामला सामने आने पर सीएमएस सन्न रह गए. उन्होंने डा. प्रशांत सिंह को तलब कर पैसे मांगने वाले प्रकरण में पूछा तो वे उल्टे सीएमएस पर भी विफर पड़े. उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में ऑपरेशन संबंधित तमाम संसाधन व उपकरण नहीं हैं. ऐसे में आपरेशन कैसे किया जाय? यह कहते हुए उन्होंने दीपक के ऑपरेशन करने से साफ इन्कार कर वहां से झल्लाते हुए चले गए. हालांकि बाद में सीएमएस ने जेम पोर्टल के जरिये जरूरी सामानों की खरीद किये जाने के निर्देश अपने अधीनस्थ को दी.निजी नर्सिंग होम में ऑपरेशन की बात कह रहे डॉक्टरलेकिम मामला यहीं नहीं समाप्त नहीं हुआ. खरीदारी से पूर्व जब सर्जन डॉ प्रशांत सिंह से सामानों की लिस्ट मांगी गई तो उन्होंने दीपक के ऑपरेशन किये जाने से ही साफ इंकार कर दिया. जिससे खरीदारी नहीं हो सकी. मंगलवार को जब दोबारा पीड़ित युवक अस्पताल पहुंचा तो ऑपरेशन नहीं किया जा सका, जिसके बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्लू एक बार फिर सीएमएस दफ्तर पहुंचे और मामले को पटल पर रखा. जिसपर सीएमएस ने सर्जन का हवाला देते हुए असमर्थता जता दी.पूर्व विधायक स्वास्थ्य मंत्री से की बातजिसके बाद पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने इस पूरे मामले को दुर्भग्यपूर्ण बताते हुए उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह को फोन के जरिए इस मामले से अवगत कराया. जिसके बाद उन्होंने सीएमएस से बात की और हरसंभव मदद करते हुए बॉलीबाल खिलाडी के ऑपरेशन कराए जाने के सख्त निर्देश दिए हैं. साथ ही सपा नेता को भी इलाज के लिए आश्वस्त किया.डा. प्रशांत का विवादों से है पुराना नाता गौरतलब है कि जिला अस्पताल में तैनात नाक, कान व गला के चिकित्सक डा. प्रशांत सिंह का विवादों से पुराना नाता है. आए दिन इनके जिला अस्पताल में गैरहाजिर होने की शिकायतें मरीजों द्वारा की जाती है. यहीं नहीं यह गैरहाजिर होने के बाद भी जबरन अटेंडेंस लगाते है. पिछली सरकार में बाहर की दवाएं लिखने को लेकर भी सपाइयों का इनसे विवाद हो गया था. जिसमें जमकर मारपीट की वारदात अस्पताल में हुई. सदर कोतवाली में पुलिस ने दोनों पक्ष के खिलाफ मामला दर्ज किया. फिलहाल वह नेशनल खिलाड़ी दीपक यादव से ऑपरेशन के बदले 11 हजार रुपये की मांग करके सुर्खियों में हैं.शासन को भेजा जाएगा पत्रइस बाबत कमलापति त्रिपाठी जिला अस्पताल के सीएमएस भूपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर जरूरी सामानों की खरीदारी की जा रही है. लेकिन इनके पास एकमात्र ईएनटी सर्जन है. यदि वे ऑपरेशन नहीं करेंगे. पीड़ित के शिकायती पत्र और जिम्मेदारी का निर्वहन न किये जाने के बाबत शासन को पत्र भेजा जाएगा.

चंदौली: एक तरफ जहां प्रधानमंत्री मोदी मन की बात के दौरान खिलाड़ियों की तारीफ करते नहीं थक रहे तो वहीं दूसरी ओर चंदौली में नेशनल बॉलीबाल खिलाड़ी अपने दवा-इलाज के खर्च को लेकर जिला अस्पताल में लम्बे समय से चक्कर काट रहा है. पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू के हस्तक्षेप के बाद सीएमएस ने व्यवस्था किये जाने का भरोसा दिया. लेकिन हद तो तब हो गई जब मुनाफाखोरी के चक्कर में ईएनटी सर्जन ने ऑपरेशन से ही इंकार कर दिया. जिसके बाद मामला स्वास्थ्य मंत्री तक पहुंच गया है. उनके निर्देश के बाद अब एक बार फिर सीएमएस भूपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन कराए जाने का आश्वासन दिया है. ऐसे में देखना होगा कि स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह के आदेश का डॉक्टर पर कितना असर होता है.

स्वास्थ्य मंत्री से बात करते पूर्व विधायक मनोज सिंह और सीएमएस डॉ. भूपेंद्र द्विवेदी
यह है पूरा मामलादरअसल, दीपक यादव नेशनल स्तर पर वॉलीबॉल टीम की हिस्सा रहे हैं. जो इन दिनों नाक की बीमारी साइनस से ग्रसित हैं, जिन्हें सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है. आर्थिक तंगी के कारण वे अपना ईलाज कराने जिला अस्पताल पहुंचे और वहां उन्होंने नाक, कान व गला के चिकित्सक डा. प्रशांत सिंह को अपनी समस्या बताई. चिकित्सक द्वारा दीपक का आपरेशन करने की बात कही गयी. साथ ही आपरेशन के खर्च के रूप में 11 हजार रुपये बंदोबस्त करने को भी कहा. ऐसे में दीपक ने काफी प्रयास किया, लेकिन वह धन नहीं जुटा पाया.पूर्व विधायक मनोज से लगाई मदद की गुहारथक-हारकर वह सोमवार को सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्लू से अपनी व्यथा बताई. इस पर मनोज सिंह डब्लू ने उसकी हरसंभव मदद का भरोसा दिया और तत्काल उसे लेकर जिला अस्पताल स्थित सीएमएस दफ्तर पहुंचे. वहां उन्होंने सीएमएस डा. भूपेंद्र द्विवेदी के समक्ष 11 हजार रुपये रख दिए. कहा कि चिकित्सक को बुलाकर दीपक के आपरेशन का बंदोबस्त किया जाय. वहीं आपरेशन के बदले पैसे मांगें जाने का मामला सामने आने पर सीएमएस सन्न रह गए. उन्होंने डा. प्रशांत सिंह को तलब कर पैसे मांगने वाले प्रकरण में पूछा तो वे उल्टे सीएमएस पर भी विफर पड़े. उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में ऑपरेशन संबंधित तमाम संसाधन व उपकरण नहीं हैं. ऐसे में आपरेशन कैसे किया जाय? यह कहते हुए उन्होंने दीपक के ऑपरेशन करने से साफ इन्कार कर वहां से झल्लाते हुए चले गए. हालांकि बाद में सीएमएस ने जेम पोर्टल के जरिये जरूरी सामानों की खरीद किये जाने के निर्देश अपने अधीनस्थ को दी.निजी नर्सिंग होम में ऑपरेशन की बात कह रहे डॉक्टरलेकिम मामला यहीं नहीं समाप्त नहीं हुआ. खरीदारी से पूर्व जब सर्जन डॉ प्रशांत सिंह से सामानों की लिस्ट मांगी गई तो उन्होंने दीपक के ऑपरेशन किये जाने से ही साफ इंकार कर दिया. जिससे खरीदारी नहीं हो सकी. मंगलवार को जब दोबारा पीड़ित युवक अस्पताल पहुंचा तो ऑपरेशन नहीं किया जा सका, जिसके बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्लू एक बार फिर सीएमएस दफ्तर पहुंचे और मामले को पटल पर रखा. जिसपर सीएमएस ने सर्जन का हवाला देते हुए असमर्थता जता दी.पूर्व विधायक स्वास्थ्य मंत्री से की बातजिसके बाद पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने इस पूरे मामले को दुर्भग्यपूर्ण बताते हुए उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह को फोन के जरिए इस मामले से अवगत कराया. जिसके बाद उन्होंने सीएमएस से बात की और हरसंभव मदद करते हुए बॉलीबाल खिलाडी के ऑपरेशन कराए जाने के सख्त निर्देश दिए हैं. साथ ही सपा नेता को भी इलाज के लिए आश्वस्त किया.डा. प्रशांत का विवादों से है पुराना नाता गौरतलब है कि जिला अस्पताल में तैनात नाक, कान व गला के चिकित्सक डा. प्रशांत सिंह का विवादों से पुराना नाता है. आए दिन इनके जिला अस्पताल में गैरहाजिर होने की शिकायतें मरीजों द्वारा की जाती है. यहीं नहीं यह गैरहाजिर होने के बाद भी जबरन अटेंडेंस लगाते है. पिछली सरकार में बाहर की दवाएं लिखने को लेकर भी सपाइयों का इनसे विवाद हो गया था. जिसमें जमकर मारपीट की वारदात अस्पताल में हुई. सदर कोतवाली में पुलिस ने दोनों पक्ष के खिलाफ मामला दर्ज किया. फिलहाल वह नेशनल खिलाड़ी दीपक यादव से ऑपरेशन के बदले 11 हजार रुपये की मांग करके सुर्खियों में हैं.शासन को भेजा जाएगा पत्रइस बाबत कमलापति त्रिपाठी जिला अस्पताल के सीएमएस भूपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर जरूरी सामानों की खरीदारी की जा रही है. लेकिन इनके पास एकमात्र ईएनटी सर्जन है. यदि वे ऑपरेशन नहीं करेंगे. पीड़ित के शिकायती पत्र और जिम्मेदारी का निर्वहन न किये जाने के बाबत शासन को पत्र भेजा जाएगा.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.