ETV Bharat / state

पुलवामा हमला: शहीद के परिजनों के जख्मों को नहीं भर सकी सरकार

पुलवामा हमले के दो साल बीत गए...लेकिन इसका जख्म आज भी शहीद के परिजनों के लिए हरे हैं. सरकार ने चंदौली के रहने वाले शहीद जवान अवधेश यादव के परिवार से कई वादे किए थे. इसमें से कुछ वादे पूरे हुए तो कुछ अभी भी अधूरे हैं. शहीद के पिता का कहना है कि शहादत के समय अधिकारी, नेता और मंत्री सभी आए, लेकिन उसके बाद परिवार किस हाल में है, यह जानने कोई भी नहीं आया.

chandauli martyr awadhesh yadav
शहीद अवधेश यादव.
author img

By

Published : Feb 14, 2021, 5:17 PM IST

चंदौली : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ की कंपनी पर हुए आतंकी हमले के 2 साल बीत गए, लेकिन उस हमले के जख्म उन शहीदों के परिजनों के लिए अभी भी हरे हैं, जिन्होंने उस आतंकी हमले में जान गंवाई थी. उस आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों के लिए 14 फरवरी 2019 का वह काला दिन किसी बुरे ख्वाब की तरह आज भी याद है. उस हमले में पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली के रहने वाले सीआरपीएफ के जवान अवधेश यादव भी शहीद हुए थे. सरकार की तरफ से शहीदों के परिजनों को अनुमन्य सहायता तो मिली, लेकिन उस दौरान सरकार द्वारा किए गए कई वादे आज तक पूरे नहीं किए गए, जिसको लेकर शहीद के परिजनों के दिलों में आज भी एक मलाल है.

शहीद को परिजनों से किए वादे अभी भी हैं अधूरे.
'मानकों पर खरा होता तो दूसरे बेटे को भी सेना में भेजता'
पुलवामा हमले के बलिदानी शहीद अवधेश यादव के परिजनों का जज्बा आज भी कायम है. पिता हरिकेश यादव कहते हैं कि दूसरा बेटा सेना के मानकों के योग्य रहता तो उसे भी सरहद की रखवाली के लिए भेज देता. अवधेश के शौर्य और दिलेरी को बयां करते परिवार के लोग और ग्रामीण नहीं थकते. उनकी याद में पिता फफक पड़ते हैं, लेकिन देश भक्ति के प्रति उनका प्रेम बरकरार है.
chandauli martyr awadhesh yadav
शहीद की आज है दूसरी पुण्यतिथि.
'शहादत के बाद दोबारा हाल जानने कोई नहीं आया'
हालांकि अवधेश की शहादत के समय किए गए सरकार की वादा खिलाफी का दर्द भी उनके चेहरे पर साफ दिख रहा है. शहीद के पिता हरिकेश यादव ने कहा कि शहादत के समय अधिकारी, नेता, मंत्री सभी आए, लेकिन उसके बाद शहीद का परिवार किस हाल में है, यह जानने कोई भी नहीं आया.
स्थानीय लोगों में आक्रोश
सरकार की तरफ वादा पूरा न किए जाने से स्थानीय लोगों में आक्रोश है. उनका कहना है कि पुलवामा हमले में बलिदान हुए बहादुरपुर गांव के लाल अवधेश यादव की याद में कई घोषणाएं हुई, लेकिन आज भी ज्यादातर अधूरी हैं. गांव के खलिहान में न तो स्टेडियम बनाया गया और न ही स्थानीय चौराहे पर शहीद की प्रतिमा लगाई गई. हालांकि शहीद के नाम पर एक मार्ग का नामकरण कर दिया गया है, लेकिन सड़क बदहाल स्थिति में है. ग्रामीण आज भी आश लगाए हैं कि जिला प्रशासन अपने वादे को पूरा करेगा.

चंदौली : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ की कंपनी पर हुए आतंकी हमले के 2 साल बीत गए, लेकिन उस हमले के जख्म उन शहीदों के परिजनों के लिए अभी भी हरे हैं, जिन्होंने उस आतंकी हमले में जान गंवाई थी. उस आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों के लिए 14 फरवरी 2019 का वह काला दिन किसी बुरे ख्वाब की तरह आज भी याद है. उस हमले में पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली के रहने वाले सीआरपीएफ के जवान अवधेश यादव भी शहीद हुए थे. सरकार की तरफ से शहीदों के परिजनों को अनुमन्य सहायता तो मिली, लेकिन उस दौरान सरकार द्वारा किए गए कई वादे आज तक पूरे नहीं किए गए, जिसको लेकर शहीद के परिजनों के दिलों में आज भी एक मलाल है.

शहीद को परिजनों से किए वादे अभी भी हैं अधूरे.
'मानकों पर खरा होता तो दूसरे बेटे को भी सेना में भेजता'
पुलवामा हमले के बलिदानी शहीद अवधेश यादव के परिजनों का जज्बा आज भी कायम है. पिता हरिकेश यादव कहते हैं कि दूसरा बेटा सेना के मानकों के योग्य रहता तो उसे भी सरहद की रखवाली के लिए भेज देता. अवधेश के शौर्य और दिलेरी को बयां करते परिवार के लोग और ग्रामीण नहीं थकते. उनकी याद में पिता फफक पड़ते हैं, लेकिन देश भक्ति के प्रति उनका प्रेम बरकरार है.
chandauli martyr awadhesh yadav
शहीद की आज है दूसरी पुण्यतिथि.
'शहादत के बाद दोबारा हाल जानने कोई नहीं आया'
हालांकि अवधेश की शहादत के समय किए गए सरकार की वादा खिलाफी का दर्द भी उनके चेहरे पर साफ दिख रहा है. शहीद के पिता हरिकेश यादव ने कहा कि शहादत के समय अधिकारी, नेता, मंत्री सभी आए, लेकिन उसके बाद शहीद का परिवार किस हाल में है, यह जानने कोई भी नहीं आया.
स्थानीय लोगों में आक्रोश
सरकार की तरफ वादा पूरा न किए जाने से स्थानीय लोगों में आक्रोश है. उनका कहना है कि पुलवामा हमले में बलिदान हुए बहादुरपुर गांव के लाल अवधेश यादव की याद में कई घोषणाएं हुई, लेकिन आज भी ज्यादातर अधूरी हैं. गांव के खलिहान में न तो स्टेडियम बनाया गया और न ही स्थानीय चौराहे पर शहीद की प्रतिमा लगाई गई. हालांकि शहीद के नाम पर एक मार्ग का नामकरण कर दिया गया है, लेकिन सड़क बदहाल स्थिति में है. ग्रामीण आज भी आश लगाए हैं कि जिला प्रशासन अपने वादे को पूरा करेगा.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.