चंदौली : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ की कंपनी पर हुए आतंकी हमले के 2 साल बीत गए, लेकिन उस हमले के जख्म उन शहीदों के परिजनों के लिए अभी भी हरे हैं, जिन्होंने उस आतंकी हमले में जान गंवाई थी. उस आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों के लिए 14 फरवरी 2019 का वह काला दिन किसी बुरे ख्वाब की तरह आज भी याद है. उस हमले में पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली के रहने वाले सीआरपीएफ के जवान अवधेश यादव भी शहीद हुए थे. सरकार की तरफ से शहीदों के परिजनों को अनुमन्य सहायता तो मिली, लेकिन उस दौरान सरकार द्वारा किए गए कई वादे आज तक पूरे नहीं किए गए, जिसको लेकर शहीद के परिजनों के दिलों में आज भी एक मलाल है.
पुलवामा हमला: शहीद के परिजनों के जख्मों को नहीं भर सकी सरकार
पुलवामा हमले के दो साल बीत गए...लेकिन इसका जख्म आज भी शहीद के परिजनों के लिए हरे हैं. सरकार ने चंदौली के रहने वाले शहीद जवान अवधेश यादव के परिवार से कई वादे किए थे. इसमें से कुछ वादे पूरे हुए तो कुछ अभी भी अधूरे हैं. शहीद के पिता का कहना है कि शहादत के समय अधिकारी, नेता और मंत्री सभी आए, लेकिन उसके बाद परिवार किस हाल में है, यह जानने कोई भी नहीं आया.
चंदौली : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ की कंपनी पर हुए आतंकी हमले के 2 साल बीत गए, लेकिन उस हमले के जख्म उन शहीदों के परिजनों के लिए अभी भी हरे हैं, जिन्होंने उस आतंकी हमले में जान गंवाई थी. उस आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों के लिए 14 फरवरी 2019 का वह काला दिन किसी बुरे ख्वाब की तरह आज भी याद है. उस हमले में पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली के रहने वाले सीआरपीएफ के जवान अवधेश यादव भी शहीद हुए थे. सरकार की तरफ से शहीदों के परिजनों को अनुमन्य सहायता तो मिली, लेकिन उस दौरान सरकार द्वारा किए गए कई वादे आज तक पूरे नहीं किए गए, जिसको लेकर शहीद के परिजनों के दिलों में आज भी एक मलाल है.